मंत्री मिथिलेश ने अष्टमी रोज़ सपरिवार किया मां गढ़देवी और काली मंदिर सहित कई मंदिरों में पूजा अर्चना
गढ़वा आज से सोलह साल पहले बचपन वाले गढ़वा में राजनीति से कहीं ज़्यादा बदहाल क्षेत्र का हाल सुधारने के ख़्याल से यहां पहुंचे मिथिलेश ठाकुर द्वारा अपने संघर्ष की शुरुआत मां गढ़देवी मंदिर में पहुंच मां की पूजा अर्चना के साथ की थी,और उसी वक्त मां से मांगा था कि हे मां मुझे आशीर्वाद दो ताकि बदहाल और अनगढ़ गढ़वा को नए स्वरूप में गढ़ सकूं।
मां ने उन्हें आशीर्वाद दिया और लगातार ग्यारह साल संघर्ष करने के बाद 2019 में वो विधायक निर्वाचित हुए,उधर उनकी कार्यदक्षता को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा उन्हें मंत्री बनाया गया,जिस रोज़ वो विधायक बने,प्रमाण पत्र लेने के बाद सीधे वो मंदिर पहुंच मां का दर्शन और पूजन किया और अपने विकासीय अभियान की शुरुआत की,और आज मुझे बताने की ज़रुरत नहीं है बल्कि आप अगर जिला से ताल्लुक रखते हैं तो ज़रूर नज़र करने के साथ साथ अहसास भी कर रहे हैं कि आपका गढ़वा विधानसभा क्षेत्र इनके विधायक बनने से पूर्व कैसा था और आज किस स्वरूप में है,कहने का मतलब की उनके द्वारा मां की पूजा अर्चना करते हुए जो संकल्प लिया गया था,गुजरे 2019 से आज तलक ख़ुद के उस विकासीय संकल्प को पूरा करने में दिली तन्मयता के साथ जुटे हुए हैं,उधर मां से उनकी इतनी अगाध श्रद्धा जुड़ी हुई है कि व्यस्तता के बीच से समय निकाल कर वो अकेले या सपरिवार मंदिर जाना और मां का दर्शन पूजन करना नहीं भूलते हैं,तभी तो आज नवरात्र के अष्टमी रोज़ वो पत्नी चंचला ठाकुर और छोटे भाई विनय ठाकुर सहित सपरिवार गढ़देवी मंदिर और काली मंदिर पहुंचे जहां उनके साथ सभी के द्वारा मां का दर्शन और पूजन किया गया।
साथ ही उधर मंदिर समिति द्वारा उनके साथ साथ परिवार के सभी सदस्यों को चुनरी ओढ़ा कर सम्मानित किया गया,मौक़े पर मंत्री ने कहा कि आज वो जो कुछ भी हैं मां के आशीर्वाद से ही हैं,मां के आशीर्वाद से ही वो अविकसित और अनगढ़ गढ़वा को पूरी तरह विकसित करने के साथ साथ नए स्वरूप में गढ़ पा रहा हूं,साथ ही कहा कि आज एक बार फ़िर से मां से आशीर्वाद मांगा हूं ताकि आगे भी मैं गढ़वा के ऊपर लगे पिछड़ेपन के कलंक को धोते हुए इसे अग्रणी जिला के रूप में स्थापित करने के अपने लक्ष्य को हासिल कर सकूं