- मधुबन में सैलानियों की संख्या बढ़ने से बाजार में चहल-पहल।
- डोली मजदूरों, वाहन चालकों और दुकानदारों की व्यस्तता बढ़ी।
- स्थानीय प्रशासन द्वारा फुटबॉल मैदान के पास पार्किंग की व्यवस्था।
- जैन धर्म के तीर्थ स्थल पारसनाथ पर्वत पर बड़ी संख्या में सैलानी।
- जाम की समस्या से पर्यटक और स्थानीय लोग परेशान।
गिरिडीह: विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल मधुबन में सैलानियों का आगमन तेज हो गया है। डोली मजदूर, वाहन चालक और स्थानीय दुकानदारों की व्यस्तता के साथ पूरा मधुबन बाजार और पारसनाथ पर्वत चहल-पहल से गुलजार है। कारोबारियों को उम्मीद है कि यह सिलसिला नए साल तक जारी रहेगा।
“सैलानियों की भारी संख्या से बाजारों में रौनक बढ़ी है, लेकिन जाम की समस्या ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को परेशान किया है।”
स्थानीय प्रशासन ने फुटबॉल मैदान के पास पार्किंग की व्यवस्था की है और बाजार क्षेत्र में वन-वे यातायात लागू करने की कोशिशें जारी हैं। इसके बावजूद सैलानियों द्वारा बाइक अनियंत्रित रूप से खड़ी करने से बाजार में जाम की समस्या गंभीर बनी हुई है।
पारसनाथ पर्वत: आस्था और प्रकृति का संगम
पारसनाथ पर्वत जैन धर्म और आदिवासी समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्वत जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों के मोक्ष स्थल के रूप में जाना जाता है। साथ ही, यह आदिवासी समाज के लिए मरांगवुरू के रूप में पूजनीय है। पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से 1350 मीटर है और इसके शिखर पर स्थित पारसनाथ मंदिर को बादलों का आवरण पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
सैलानियों के लिए नियम और प्रशासन की व्यवस्था
मधुबन मांस और मदिरा वर्जित क्षेत्र है। प्रशासन इस पर कड़ी निगरानी रखता है कि पर्यटक इन नियमों का पालन करें। जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए मधुबन थाने के पास वाहनों को रोकने की व्यवस्था की गई है।
सैलानियों के बढ़ते आगमन से व्यापारियों और स्थानीय निवासियों के चेहरे पर रौनक है। प्रशासन द्वारा यातायात व्यवस्था सुधारने के प्रयास जारी हैं, ताकि पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सके।
‘न्यूज़ देखो’ के साथ जुड़ें और गिरिडीह और आसपास की खबरें सबसे पहले पाएं।