- राज्य सरकार के निर्देश के बावजूद बालू माफियाओं का बेधड़क काम।
- अमानत, कोयल, जिंजोई व दुर्गावती नदियों से बालू का अवैध उठाव जारी।
- ग्रामीणों का शिवालय घाट पर बालू उठाव को लेकर आक्रोश।
- पड़वा सीओ के अनुसार छापेमारी के लिए टीम का गठन।
- पुलिस प्रशासन की रेकी के बावजूद अवैध कारोबार में बढ़ोतरी।
बालू माफियाओं का आतंक जारी
राज्य सरकार द्वारा अवैध बालू उठाव पर रोक लगाने के निर्देश के बावजूद अमानत, कोयल, जिंजोई और दुर्गावती नदियों से बालू का अवैध कारोबार जारी है। स्थानीय पुलिस बालू माफियाओं पर रोक लगाने में नाकाम रही है। ग्रामीणों के अनुसार, देर शाम से लेकर अहले सुबह तक माफिया बालू का उठाव करते हैं, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
शिवालय घाट से बालू उठाव पर ग्रामीणों में गुस्सा
कजरी स्थित शिवालय घाट पर ग्रामीणों ने अवैध बालू उठाव का विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले वर्ष छठ घाट से बालू उठाव के कारण व्रतियों को परेशानी हुई थी। इस बार भी बालू माफियाओं की नजर घाट पर है, जिससे ग्रामीणों में गुस्सा है।
“ग्रामीणों को परेशान करने वाले इन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।” – एक स्थानीय निवासी
पड़वा सीओ का बयान
पड़वा सीओ डॉ अमित कुमार ने कहा कि अवैध बालू उठाव के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। सूचना मिलने पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस प्रशासन की चुनौती
शाम होते ही क्षेत्र में बालू माफियाओं का साम्राज्य बन जाता है। एनएच-75 और अन्य सड़कों से बालू को ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। पुलिस प्रशासन के रेकी के बावजूद माफिया अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में सफल हो रहे हैं। यह प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।
निष्कर्ष:
बालू माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि ग्रामीणों और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। ‘न्यूज़ देखो’ से जुड़े रहें और स्थानीय खबरों की ताजा जानकारी प्राप्त करें।