
#गढ़वा #अवैधखनन : दानरो नदी किनारे टंडवा में चल रहा था डंप साइट, मौके पर जब्ती और प्राथमिकी के आदेश
- एसडीएम संजय कुमार ने दानरो नदी किनारे टंडवा में की औचक छापेमारी।
- 220 ट्रैक्टर से अधिक बालू का अवैध भंडार पाया गया।
- अंचल अधिकारी सफी आलम और खनन निरीक्षक चंदन रविदास भी रहे साथ।
- बालू को जब्त करने और प्राथमिकी दर्ज करने के दिए निर्देश।
- बालू माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
गढ़वा: सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए टंडवा दानरो नदी किनारे अवैध बालू भंडारण स्थल पर औचक छापेमारी की। इस दौरान अंचल अधिकारी सफी आलम और खनन निरीक्षक चंदन रविदास की उपस्थिति में एक विशाल डंप साइट का खुलासा हुआ, जहाँ बालू का भंडार किसी डंप यार्ड की तरह फैला हुआ था।
220 ट्रैक्टर से अधिक बालू मिला, भंडार जब्त
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि लगभग 220 ट्रैक्टर से अधिक बालू अवैध रूप से डंप की गई थी। स्थल पर यह भी देखा गया कि बालू की बिक्री लगातार की जा रही थी।
एसडीएम संजय कुमार ने मौके पर ही अंचल अधिकारी, खनन निरीक्षक और थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि संपूर्ण बालू भंडार जब्त किया जाए और संबंधित अपराधियों पर प्राथमिकी दर्ज की जाए।
उन्होंने गढ़वा थाना प्रभारी को यह भी आदेश दिया कि जब्त बालू की निरंतर निगरानी सुनिश्चित की जाए ताकि दोबारा कोई अनधिकृत उठाव न हो सके।
बालू माफियाओं पर सख्त रुख
एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “यह कार्य किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि संगठित बालू माफियाओं का परिणाम है। बालू संकट का हवाला देकर ऐसे अपराध को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही बालू संकट समाप्त होने की संभावना है। ऐसे में किसी को भी अवैध बालू खरीदने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।
पर्यावरणीय और आर्थिक अपराध पर चेतावनी
एसडीएम ने बताया कि इतनी बड़ी मात्रा में बालू का भंडारण यह दर्शाता है कि बालू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
उन्होंने कहा कि यह केवल आर्थिक अपराध नहीं बल्कि पर्यावरणीय अपराध भी है, जो समाज और प्राकृतिक संतुलन दोनों के लिए खतरा है।
उन्होंने जनता से अपील की: “यदि आपके आसपास कहीं अवैध खनन या बालू भंडारण की जानकारी मिले, तो तत्काल प्रशासन को सूचित करें। सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी।”

न्यूज़ देखो: संगठित बालू माफियाओं पर प्रशासन का शिकंजा
गढ़वा प्रशासन की यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि सरकार खनन माफियाओं को संरक्षण नहीं देगी।
प्रशासन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अब अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
इस तरह की तत्परता से आम जनता में यह विश्वास बढ़ा है कि कानून के शासन के आगे कोई भी असंवेदनशील तत्त्व नहीं टिक सकता।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जिम्मेदारी हमारी, पर्यावरण की रक्षा सबकी
अब समय है कि हम सब पर्यावरण की सुरक्षा और वैधानिक खनन व्यवस्था के समर्थन में खड़े हों।
अवैध बालू खरीदने से बचें, यह न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से खिलवाड़ भी है।
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