
#महुआडांड़ #मनरेगाजनसुनवाई : वर्ष 2024–25 की योजनाओं की समीक्षा में बिना एमबी भुगतान, गलत रिपोर्टिंग और अधिक भुगतान जैसे गंभीर मामले उजागर हुए।
- महुआडांड़ प्रखंड कार्यालय में मनरेगा वर्ष 2024–25 की जनसुनवाई आयोजित।
- कार्यक्रम का उद्घाटन जिप सदस्य इस्तेला नगेशिया, प्रमुख कंचन कुजूर सहित अधिकारियों ने किया।
- कुल 38 मामलों की सुनवाई, कई शिकायतें बेहद चिंताजनक पाई गईं।
- बिना माप पुस्तिका (एमबी) भुगतान, अधिक भुगतान, गलत रिपोर्टिंग जैसे मामलों का खुलासा।
- दोषी कर्मियों पर जुर्माना लगाने का निर्णय, आगे भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी।
- बीपीओ, मुखिया रेणु तिग्गा, प्रमिला मिंज, उषा खलखो सहित कई जनप्रतिनिधि व कर्मचारी उपस्थित।
मनरेगा योजना वर्ष 2024–25 के तहत महुआडांड़ प्रखंड कार्यालय के सभागार में आयोजित प्रखंड स्तरीय जनसुनवाई में कई गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं। जनहित में आयोजित इस सुनवाई का उद्देश्य योजनाओं की पारदर्शिता, जवाबदेही और समय पर सुधार की व्यवस्था को मजबूत करना था। कार्यक्रम का उद्घाटन जिप सदस्य इस्तेला नगेशिया, प्रमुख कंचन कुजूर, लोकपाल संतोष पंडित और डीआरपी प्रवीण कुमार कर्ण ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
38 मामलों की सुनवाई, अनियमितताओं की परतें खुलीं
जनसुनवाई में कुल 38 मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई। इनमें कई शिकायतें ऐसी थीं, जिनसे स्पष्ट हुआ कि योजनाओं के क्रियान्वयन में गंभीर लापरवाही बरती गई है। सबसे चिंताजनक शिकायतें थीं—
- बिना माप पुस्तिका (एमबी) के भुगतान,
- एमबी से अधिक राशि का भुगतान,
- कार्यों की गलत रिपोर्टिंग।
इन मामलों ने मनरेगा योजनाओं की निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
दोषियों पर जुर्माना, चेतावनी भी
अधिकारियों ने सभी मामलों की गहराई से जांच की और जिन कर्मियों की लापरवाही सिद्ध हुई, उन पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया। साथ ही स्पष्ट रूप से कहा गया कि मनरेगा में भ्रष्टाचार और अनियमितता किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आगे भी ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी रहेगी।
जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों की सक्रिय उपस्थिति
जनसुनवाई के दौरान बीपीओ, मुखिया रेणु तिग्गा, प्रमिला मिंज, उषा खलखो, रोजगार सेवक, पंचायत सेवक सहित कई जनप्रतिनिधि, कर्मचारी और ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
न्यूज़ देखो: जनसुनवाई में खुलासे—मनरेगा की पारदर्शिता के लिए ज़रूरी कदम
जनसुनवाई में सामने आई अनियमितताएँ इस बात का संकेत हैं कि निगरानी और जवाबदेही को और मजबूत करने की आवश्यकता है। कार्रवाई के ये कदम मनरेगा को सही दिशा में ले जाने का प्रयास हैं।
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पारदर्शिता और जवाबदेही से ही बदलेगी प्रणाली
समय है कि विकास योजनाओं में भागीदारी, निगरानी और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जाए। सजग नागरिक ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सकते हैं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा कर जन-जागरूकता बढ़ाएँ।





