
#पलामू #नक्सलविरोधीअभियान : कोबरा, जगुआर और जिला पुलिस बल की संयुक्त कार्रवाई में मिली बड़ी सफलता
- टीएसपीसी संगठन का सक्रिय नक्सली मुखदेव यादव मुठभेड़ में मारा गया।
- उस पर पांच लाख का इनाम घोषित था और वह कई घटनाओं में वांछित था।
- 3 सितंबर की मुठभेड़ में पुलिस के दो जवानों की शहादत में भी शामिल था।
- अभियान का नेतृत्व कर रही थी कोबरा, जगुआर और जिला पुलिस की संयुक्त टीम।
- पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन ने कहा – अभियान जारी रहेगा, अन्य बड़े नक्सली भी जल्द पकड़े जाएंगे।
पलामू जिले में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान को आज एक बड़ी सफलता मिली जब सुरक्षाबलों ने टीएसपीसी संगठन के सक्रिय सदस्य और पांच लाख के इनामी नक्सली मुखदेव यादव को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। मुखदेव यादव पर कई मामलों में संलिप्त रहने का आरोप था और हाल ही में तीन सितंबर को हुए मुठभेड़ में वह शामिल था, जिसमें पुलिस के दो जवान शहीद हो गए थे। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई को नक्सल संगठन पर करारा प्रहार माना जा रहा है।
सर्च अभियान की पृष्ठभूमि
पलामू पुलिस ने दस लाख के इनामी टीएसपीसी कमांडर शशिकांत गंझू को पकड़ने के लिए विशेष अभियान शुरू किया था। इस ऑपरेशन में कोबरा बटालियन, जगुआर बल और जिला पुलिस की संयुक्त टीम को लगाया गया। इसी दौरान गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों की मुठभेड़ नक्सलियों से हुई।
मुठभेड़ में नक्सली मुखदेव यादव ढेर
सूत्रों के मुताबिक, सर्च अभियान के दौरान सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच तीव्र गोलीबारी हुई। इस मुठभेड़ में मुखदेव यादव मारा गया। वह लंबे समय से इलाके में सक्रिय था और कई आपराधिक घटनाओं का मास्टरमाइंड माना जाता था। उसकी मौत से संगठन की गतिविधियों को गहरा झटका लगा है।
पुलिस की प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति
पलामू पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन ने कहा:
“सुरक्षाबलों की यह बड़ी सफलता है। नक्सल संगठन के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा और अन्य बड़े नक्सलियों को भी या तो गिरफ्तार किया जाएगा या निष्प्रभावी कर दिया जाएगा।”
शहादत का बदला और क्षेत्र की सुरक्षा
स्थानीय लोग भी मानते हैं कि सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई से क्षेत्र में राहत और सुरक्षा की भावना बढ़ी है। विशेषकर 3 सितंबर को हुए हमले के बाद जब दो जवानों ने शहादत दी थी, उस घटना में शामिल मुखदेव यादव का मारा जाना पुलिस और जवानों के मनोबल को बढ़ाने वाला कदम साबित होगा।
न्यूज़ देखो: नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कदम
यह मुठभेड़ इस बात का संकेत है कि सरकार और सुरक्षाबल नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न केवल सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाती है, बल्कि ग्रामीणों में भी विश्वास जगाती है कि वे सुरक्षित हैं।
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नक्सल मुक्त पलामू का संकल्प
अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर नक्सलमुक्त झारखंड की दिशा में कदम बढ़ाएं। जागरूक नागरिक के रूप में हमें सुरक्षाबलों का समर्थन करना चाहिए और समाज में शांति और विकास के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और नक्सलवाद के खिलाफ जनजागरूकता फैलाएं।