
#देवघर #रेल_दुर्घटना : जसीडीह झाझा सेक्शन में पुल पर सीमेंट लदी मालगाड़ी पटरी से उतरी।
देवघर जिले के जसीडीह झाझा रेलखंड पर 27 दिसंबर की रात एक गंभीर रेल हादसा हुआ, जिससे हावड़ा किऊल मुख्य रेल मार्ग पर परिचालन ठप हो गया। टेलवा बाजार हाल्ट के पास बडुआ नदी पर बने रेलवे पुल पर सीमेंट लदी मालगाड़ी पटरी से उतर गई। हादसे में कुल 19 डिब्बे बेपटरी हो गए, जिनमें से छह डिब्बे नदी में जा गिरे। घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने ट्रैक बहाली और जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- टेलवा बाजार हाल्ट के पास रेलवे पुल संख्या 676 पर दुर्घटना।
- 42 डिब्बों वाली सीमेंट लदी मालगाड़ी पटरी से उतरी।
- कुल 19 डिब्बे बेपटरी, 6 डिब्बे बडुआ नदी में गिरे।
- हावड़ा–किऊल मुख्य रेल मार्ग पर परिचालन प्रभावित।
- हादसा 27 दिसंबर रात करीब 11.30 बजे हुआ।
देवघर जिले के जसीडीह–झाझा रेलखंड पर शुक्रवार देर रात हुए इस बड़े रेल हादसे ने रेलवे प्रशासन और यात्रियों की चिंता बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार सीमेंट लदी मालगाड़ी जब टेलवा बाजार हाल्ट के समीप बडुआ नदी पर बने रेलवे पुल संख्या 676 से गुजर रही थी, तभी अचानक जोरदार झटके के साथ कई डिब्बे पटरी से उतर गए। देखते ही देखते मालगाड़ी के 19 डिब्बे बेपटरी हो गए, जिनमें से छह डिब्बे पुल से नीचे सीधे नदी में जा गिरे।
हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। देर रात होने के कारण घटनास्थल पर आवाजाही कम थी, जिससे किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। यह मालगाड़ी होने के कारण यात्रियों के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन इस घटना ने रेल सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुल पर हुआ हादसा, बहाली में आई चुनौती
जिस स्थान पर यह दुर्घटना हुई, वह बडुआ नदी पर बना महत्वपूर्ण रेलवे पुल है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार नदी में गिरे डिब्बों को निकालना एक जटिल और समयसाध्य प्रक्रिया है। इसके लिए भारी-भरकम क्रेन, तकनीकी टीम और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। रात से ही मौके पर रेलवे की राहत और बहाली टीम डटी हुई है।
हावड़ा किऊल मार्ग पर असर
जसीडीह–झाझा सेक्शन हावड़ा–किऊल रेल मार्ग का अहम हिस्सा है। इस मार्ग पर ट्रैक बाधित होने से कई लंबी दूरी की ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। रेलवे ने सुरक्षा कारणों से इस सेक्शन पर परिचालन अस्थायी रूप से रोक दिया है। कई ट्रेनों को रद्द किया गया है, जबकि कुछ को वैकल्पिक मार्ग से चलाने का निर्णय लिया गया है।
इससे झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच रेल यातायात पर व्यापक असर पड़ा है। यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है और रेलवे स्टेशनों पर जानकारी लेने वालों की भीड़ देखी जा रही है।
कारणों की जांच शुरू
रेलवे प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक तौर पर तकनीकी खराबी, ट्रैक में दोष या परिचालन संबंधी कारणों की संभावना जताई जा रही है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही हादसे के वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा।
यात्रियों के लिए जारी की गई सलाह
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति की जानकारी आधिकारिक माध्यमों से प्राप्त करें। रेलवे की वेबसाइट, हेल्पलाइन और स्टेशन सूचना केंद्रों पर नियमित अपडेट दिए जा रहे हैं।



न्यूज़ देखो: मुख्य रेल मार्ग पर सुरक्षा की चुनौती
जसीडीह–झाझा जैसे व्यस्त रेलखंड पर मालगाड़ी का पटरी से उतरना गंभीर मामला है। राहत की बात यह है कि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन मुख्य मार्ग पर परिचालन ठप होना रेलवे की तैयारियों पर सवाल खड़े करता है। अब यह देखना अहम होगा कि बहाली कार्य कितनी जल्दी पूरा होता है और जांच में क्या सामने आता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सतर्कता और सुरक्षा ही समाधान
रेल हादसे यह याद दिलाते हैं कि बुनियादी ढांचे की नियमित जांच बेहद जरूरी है।
यात्रियों को भी संयम और सतर्कता बरतनी चाहिए।
इस खबर पर अपनी राय साझा करें, लेख को आगे बढ़ाएं और लोगों को जागरूक करें।





