
#हुसैनाबाद #दुर्घटना_समाचार : मोगलजन स्कूल के पास चलती बाइक पर गिरी भारी डाल, एक की मौत, दो घायल – प्रशासन से कार्रवाई की मांग
- हैदरनगर थाना क्षेत्र के मोगलजन स्कूल के पास हुआ दर्दनाक हादसा।
- कुकही गांव से जपला रेलवे स्टेशन जा रहे परिवार पर आम के पेड़ की डाल गिरी।
- 32 वर्षीय सुरेंद्र मेहता की मौके पर ही मौत, सुरेश मेहता और कमला देवी घायल।
- मुखिया रेणु देवी और समाजसेवी प्रेमतोस कुमार सिंह ने जताई गहरी संवेदना।
- सड़क किनारे सूखे पेड़ों को हटाने की मांग फिर उठी।
हुसैनाबाद अनुमंडल के हैदरनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत मोगलजन स्कूल के पास गुरुवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसे में कुकही गांव निवासी सुरेंद्र मेहता (32 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके माता-पिता सुरेश मेहता और कमला देवी गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा उस समय हुआ जब परिवार बाइक से जपला रेलवे स्टेशन की ओर जा रहा था और रास्ते में अचानक आम के पेड़ की भारी डाल उन पर गिर गई।
हादसे में बेटे की मौत, माता-पिता गंभीर
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पेड़ की डाल इतनी भारी थी कि बाइक सहित तीनों सड़क पर गिर पड़े। स्थानीय लोगों ने तत्काल सभी को उठाकर हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने सुरेंद्र मेहता को मृत घोषित कर दिया। दोनों घायल माता-पिता का इलाज फिलहाल जारी है।
मुखिया रेणु देवी ने कहा: “यह घटना बेहद दर्दनाक है। पूरा गांव स्तब्ध है। परिवार रेलवे स्टेशन से डेहरी ऑन सोन जाने के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में यह हादसा हो गया।”
प्रशासनिक लापरवाही पर उठा सवाल
घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मुख्य सड़कों के किनारे कई सूखे पेड़ खड़े हैं, जिनसे आए दिन खतरा बना रहता है। लोगों ने मांग की है कि इस तरह के पेड़ों को तत्काल हटाया जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
समाजसेवी सह अधिवक्ता प्रेमतोस कुमार सिंह ने कहा: “मैंने पहले भी कई बार प्रशासन को चेताया था कि मुख्य मार्गों पर सूखे पेड़ गिरने से जान का खतरा है। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज एक परिवार ने अपना बेटा खो दिया। प्रशासन को अब जागना होगा और तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
गांव में छाया मातम, परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
सुरेंद्र मेहता की असमय मौत से कुकही गांव में शोक की लहर है। मृतक के घर पर परिजन और ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी है। सभी की आंखों में आंसू हैं और हर कोई इस दर्दनाक घटना से व्यथित है। ग्रामीणों ने कहा कि सुरेंद्र मेहनती और सरल स्वभाव के युवक थे। वे अपने परिवार के एकमात्र सहारा थे।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और बाद में परिजनों को सौंप दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि आगे की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
न्यूज़ देखो: प्रशासन कब जागेगा?
यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता का परिणाम है। सड़कों के किनारे खड़े सूखे पेड़ सालों से लोगों की जान के लिए खतरा बने हुए हैं। कई बार शिकायतों और चेतावनियों के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अगर समय रहते इन पेड़ों को हटाया गया होता, तो शायद आज सुरेंद्र जीवित होते।
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सतर्कता ही सुरक्षा की कुंजी
यह घटना हमें याद दिलाती है कि जीवन की सुरक्षा के लिए प्रशासनिक सतर्कता और नागरिक सजगता दोनों आवश्यक हैं। स्थानीय प्रशासन को अब हर मुख्य मार्ग का सर्वे कर पुराने, सूखे और खतरनाक पेड़ों को हटाने की दिशा में त्वरित कदम उठाना चाहिए।
हम सभी को भी आसपास की स्थितियों के प्रति सजग रहना होगा और समय रहते चेतावनी देनी होगी ताकि किसी और परिवार पर ऐसा दुख न टूटे।
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