
#हुसैनाबाद #सामाजिक_जागरूकता : नई चेतना 4.0 के तहत महिलाओं ने रैली निकालकर कुरीतियों के खिलाफ एकजुट संदेश दिया।
पलामू जिले के हुसैनाबाद में मंगलवार को नई चेतना 4.0 – पहल बदलाव की के तहत एक भव्य जन-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। रैली का शुभारंभ प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील वर्मा ने हरी झंडी दिखाकर किया। संकुल संगठन और ग्राम संगठन से जुड़ी महिलाओं ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होकर भागीदारी निभाई। यह अभियान समाज में बढ़ती अमानवीय घटनाओं और कुरीतियों के विरुद्ध चेतना फैलाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
- हुसैनाबाद में नई चेतना 4.0 के तहत जन-जागरूकता रैली का आयोजन।
- बीडीओ सुनील वर्मा ने रैली को हरी झंडी दिखाकर किया शुभारंभ।
- जेपी चौक से पटेल चौक तक निकली रैली, कई चौकों से होकर गुजरी।
- बाल विवाह, डायन प्रथा, अंधविश्वास और लैंगिक हिंसा के खिलाफ बुलंद नारे।
- जेएसएलपीएस, संकुल संगठन और ग्राम संगठन की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी।
पलामू जिले के हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में आयोजित यह जन-जागरूकता रैली समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ एक मजबूत सामाजिक संदेश के रूप में सामने आई। “आओ मिलकर कदम बढ़ाएँ, समाज से कुरीतियों को जड़ से मिटाएँ” के संदेश के साथ निकली इस रैली ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब महिलाएँ संगठित होती हैं, तो सामाजिक बदलाव की दिशा और गति दोनों तय होती हैं।
रैली का शुभारंभ जेपी चौक से किया गया, जहां प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील वर्मा ने हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। इसके बाद रैली अंबेडकर चौक, गांधी चौक होते हुए पटेल चौक पर आकर संपन्न हुई। पूरे मार्ग में महिलाओं के जोशीले नारों से वातावरण गूंजता रहा और आम लोगों का ध्यान इस सामाजिक अभियान की ओर आकर्षित हुआ।
महिलाओं की भागीदारी ने दिखाया सामाजिक बल
इस रैली में संकुल संगठन एवं ग्राम संगठन से जुड़ी सैकड़ों महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। हाथों में जागरूकता संदेशों वाली तख्तियां और नारों के माध्यम से महिलाओं ने समाज को स्पष्ट संदेश दिया कि अब कुरीतियों के खिलाफ चुप्पी नहीं, बल्कि संगठित आवाज उठेगी।
महिलाओं ने “बाल विवाह नहीं करेंगे”, “अंधविश्वास छोड़ेंगे”, “डायन प्रथा समाप्त करेंगे” और “लैंगिक हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे” जैसे नारों के साथ गलियों और चौकों में जागरूकता फैलाई। इस दौरान स्थानीय लोगों ने रैली को रुककर देखा और कई स्थानों पर महिलाओं के प्रयासों की सराहना भी की।
प्रशासन ने बताया अभियान को समय की जरूरत
कार्यक्रम के दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील वर्मा ने कहा:
सुनील वर्मा ने कहा: “समाज से कुरीतियों को समाप्त करने और बाल विवाह जैसी बुराइयों को रोकने में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी का कार्य अत्यंत सराहनीय है। इस तरह की जागरूकता सभी वर्गों के लिए आवश्यक है, ताकि समाज सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ सके।”
उन्होंने कहा कि प्रशासन महिलाओं के साथ मिलकर ऐसे अभियानों को आगे भी जारी रखेगा, जिससे समाज में सकारात्मक सोच और सुरक्षित वातावरण विकसित हो सके।
हालिया घटनाओं के बाद बढ़ी जागरूकता की जरूरत
हाल के दिनों में सामने आई कुछ अमानवीय घटनाओं, जैसे माँ द्वारा बेटी की हत्या और नवजात बालिकाओं की हत्या की घटनाओं ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। इन घटनाओं पर जिला प्रशासन ने भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। इसी क्रम में जिला उपायुक्त महोदया के निर्देश पर इस तरह के जन-जागरूकता अभियानों को तेज किया गया है, ताकि सामाजिक चेतना को मजबूत किया जा सके।
रैली के दौरान प्रतिभागियों ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि वे अपने गांव, टोले और परिवार स्तर पर जागरूकता फैलाएंगी और कुरीतियों के खिलाफ लगातार आवाज उठाएंगी।
जेएसएलपीएस और टीम की सक्रिय भूमिका
इस जन-जागरूकता अभियान में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मौके पर जिला प्रबंधक मिथिलेश कुमार, प्रवीण कुमार, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक अंजनी कुमार, सामुदायिक संगठनकर्ता बलवंत कुमार, अजीत सिंह, उर्मिला देवी, सुनील सिंह, रवि रंजन, अजित कुमार, विकास कुमार, जेएसएलपीएस के जेंडर सीआरपी, सक्रिय महिलाएँ एवं सभी कैडर सदस्य उपस्थित रहे।
सभी ने एकमत से कहा कि समाज में बदलाव तभी संभव है, जब महिलाएँ शिक्षित, संगठित और जागरूक हों।
सामाजिक बदलाव की ओर मजबूत कदम
रैली के समापन के साथ यह संदेश स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आया कि हुसैनाबाद की महिलाएँ अब सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ केवल दर्शक नहीं, बल्कि परिवर्तन की सक्रिय वाहक बन चुकी हैं। यह अभियान न केवल वर्तमान समय की जरूरत है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और संवेदनशील समाज की नींव भी रखता है।
न्यूज़ देखो: जब महिलाएँ आगे बढ़ती हैं, समाज बदलता है
नई चेतना 4.0 के तहत हुसैनाबाद में निकली यह रैली यह दिखाती है कि प्रशासन और समुदाय की साझेदारी से सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ प्रभावी लड़ाई संभव है। यह अभियान बाल विवाह, लैंगिक हिंसा और अंधविश्वास जैसी बुराइयों के खिलाफ एक मजबूत सामाजिक चेतावनी है। आने वाले समय में इस तरह के प्रयासों की निरंतरता समाज को सकारात्मक दिशा में ले जा सकती है।
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जागरूक समाज ही सुरक्षित भविष्य की नींव
कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
महिलाओं की यह एकजुटता समाज के लिए प्रेरणा बन रही है।
अपने गांव और मोहल्ले में ऐसे अभियानों का समर्थन करें।
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