
#रांची #शिक्षासुधार : विधानसभा में पारित विधेयक से विद्यालय व्यावसायिक संस्थान और कोचिंग सेंटर सभी होंगे पारदर्शी और नियामित
- झारखण्ड विधानसभा में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े तीन महत्वपूर्ण विधेयक पारित।
- राज्य विध्यालय विधेयक 2025, व्यावसायिक शिक्षण संस्थान शुल्क विनियमन विधेयक 2025, और कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025 पारित हुए।
- बच्चों और युवाओं को गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और किफायती शिक्षा उपलब्ध कराने पर जोर।
- पारदर्शिता और शोषण पर रोक लगाने का प्रावधान।
- शिक्षा मंत्री सुदिव्य सोनू और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
झारखण्ड की शिक्षा यात्रा में आज का दिन ऐतिहासिक माना जा रहा है। विधानसभा में तीन विधेयक पारित हुए जो राज्य की शिक्षा व्यवस्था में नई दिशा तय करेंगे। इन विधेयकों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विद्यालयों, व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों और कोचिंग सेंटरों में विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिले और शुल्क संरचना पर नियंत्रण रहे। सरकार का यह कदम हर वर्ग के बच्चों और युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
झारखण्ड राज्य विध्यालय विधेयक 2025
इस विधेयक का उद्देश्य विद्यालय शिक्षा को और अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाना है। अब राज्य के विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और प्रबंधन व्यवस्था पर स्पष्ट नियम लागू होंगे। इससे विद्यार्थियों को बेहतर माहौल और समान अवसर मिलेंगे।
व्यावसायिक शिक्षण संस्थान (शुल्क विनियमन) विधेयक 2025
कौशल और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह विधेयक पारित किया गया। इसके तहत संस्थानों की फीस संरचना पर नियंत्रण रहेगा ताकि छात्रों और अभिभावकों का आर्थिक शोषण न हो। साथ ही यह भी सुनिश्चित होगा कि सभी पृष्ठभूमि के छात्र किफायती दरों पर व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर सकें।
कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक 2025
कोचिंग सेंटरों की अनियमितता और मनमाने शुल्क को रोकने के लिए यह विधेयक लाया गया। अब कोचिंग संस्थानों को नियमानुसार पंजीकरण और शुल्क निर्धारण करना होगा। इससे छात्रों को पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा।
मंत्री का वक्तव्य
शिक्षा मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा: “इस ऐतिहासिक अवसर पर पूरे झारखण्डवासियों को हार्दिक बधाई। माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन जी के दूरदर्शी नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में यह कदम बेहतर, मजबूत और समावेशी शिक्षा की नींव रखेगा, जो आने वाले समय में झारखण्ड को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।”
न्यूज़ देखो: शिक्षा सुधार की मजबूत नींव
विधानसभा में पारित इन तीन विधेयकों से स्पष्ट है कि झारखण्ड सरकार शिक्षा को लेकर गंभीर और दूरदर्शी दृष्टिकोण अपना रही है। यह पहल न केवल शोषण पर रोक लगाएगी बल्कि हर वर्ग को समान अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाएगी। राज्य की शिक्षा व्यवस्था अब और अधिक पारदर्शी और प्रभावी होगी।
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शिक्षा से बदलता भविष्य
झारखण्ड के लिए यह पल शिक्षा सुधार की नई शुरुआत है। अब समय है कि हम सब मिलकर इस पहल को सफल बनाएं और बच्चों को बेहतर अवसर दें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और शिक्षा सुधार के अभियान में सहभागी बनें।