
#गिरिडीह #स्वास्थ्य_सेवा : नावाडीह में भावनात्मक यादों के साथ अस्पताल का शुभारंभ — क्षेत्रवासियों को मिलेगा सुलभ इलाज
- स्व. जगरनाथ महतो की स्मृति में नावाडीह में अस्पताल की हुई स्थापना।
- उद्घाटन पूर्व मंत्री सह गिरिडीह विधायक बेबी देवी के कर कमलों से सम्पन्न।
- स्थानीय लोगों ने भूतपूर्व नेता की याद में अस्पताल निर्माण में दिया योगदान।
- बेबी देवी ने जताया आभार और क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य लाभ की जताई आशा।
- ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की बड़ी पहल से लोगों को होगा सीधा लाभ।
नावाडीह में श्रद्धांजलि का प्रतीक बना सेवा का केंद्र
गिरिडीह जिले के नावाडीह में आज का दिन भावनात्मक और जनहितकारी दोनों ही दृष्टिकोण से ऐतिहासिक रहा। स्व. जगरनाथ महतो की स्मृति में निर्मित जगरनाथ महतो मेमोरियल हॉस्पिटल का विधिवत शुभारंभ पूर्व मंत्री सह गिरिडीह विधायक श्रीमती बेबी देवी के कर कमलों से सम्पन्न हुआ। यह अस्पताल न केवल एक लोकप्रिय जननायक को श्रद्धांजलि है, बल्कि क्षेत्र के लोगों के लिए सुलभ स्वास्थ्य सुविधा का नया अध्याय भी है।
जनप्रतिनिधियों और आमजनों की सहभागिता से साकार हुआ सपना
इस अस्पताल की स्थापना में क्षेत्रवासियों, समाजसेवियों, और विभिन्न संस्थाओं ने स्वेच्छा से योगदान दिया, जिससे यह भावनात्मक पहल व्यवहारिक और जनोपयोगी सेवा केंद्र में परिवर्तित हो सकी।
विधायक बेबी देवी ने कहा: “मैं उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करती हूँ, जिन्होंने स्व. जगरनाथ बाबू की स्मृति में इस अस्पताल को स्थापित करने का निर्णय लिया और सहयोग दिया। आशा है कि यह संस्थान आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा।”
स्वास्थ्य सेवा की दिशा में मील का पत्थर
यह अस्पताल आने वाले समय में क्षेत्र के लोगों के लिए सुलभ और गुणवत्तापूर्ण इलाज का केंद्र बनेगा। खासकर ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा का अभाव लंबे समय से महसूस किया जा रहा था, जिसे अब यह मेमोरियल हॉस्पिटल एक सकारात्मक समाधान के रूप में पूरा करेगा।

न्यूज़ देखो: स्मृति से सेवा तक, नेतृत्व का मानवीय स्वरूप
स्व. जगरनाथ महतो जैसे लोकप्रिय नेताओं को सच्ची श्रद्धांजलि उनके विचारों और सेवा को आगे बढ़ाना होता है। गिरिडीह में बना यह हॉस्पिटल एक उदाहरण है कि जब समाज और नेतृत्व मिलकर सोचते हैं, तो यादें सिर्फ भावुकता नहीं, समाधान का माध्यम बन जाती हैं।
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सेवा, स्मृति और सरोकार की त्रिवेणी
गांव, पंचायत और कस्बों में जब जनप्रतिनिधि और समाज मिलकर ठान लेते हैं, तो बदलाव की कहानी लिखी जाती है। गिरिडीह में हुआ यह उद्घाटन केवल एक अस्पताल नहीं, बल्कि मानवीय भावनाओं से उपजी विकास की मिसाल है।
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