लातेहार: लातेहार पुलिस ने नक्सलियों के नाम पर आतंक फैलाकर लेवी वसूलने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने बारियातू थाना क्षेत्र से पांच अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके पास से दो देशी बंदूकें, 49 कारतूस, एक मोटरसाइकिल और तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं। गिरफ्तार अपराधियों ने हाल ही में बालूमाथ और बारियातू थाना क्षेत्रों में कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था।
पुलिस की कार्रवाई और अपराधियों की पहचान
गिरफ्तार अपराधियों में फलेंद्र गंझु, रोहन गंझू, राजेंद्र गंझू, सुनील भगत (सभी बालूमाथ थाना क्षेत्र निवासी) और संजय राम (मैक्लुस्कीगंज, रांची निवासी) शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि इन अपराधियों ने विगत 5 नवंबर 2024 को गोलीटांड़ में एक हाईवा और 14 चक्का ट्रक को आग के हवाले कर दिया था। घटना के बाद अपराधियों ने जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के नाम पर पर्चा फेंककर ट्रांसपोर्टर, ठेकेदार और व्यापारियों को धमकाते हुए लेवी की मांग की थी।
सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई
लातेहार एसपी कुमार गौरव को मिली गुप्त सूचना के आधार पर एसडीपीओ बालूमाथ के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने छापेमारी करते हुए इन अपराधियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने घटनास्थल से उनके द्वारा इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन भी जब्त किए।
गिरोह का उद्देश्य और घटनाओं की साजिश
यह गिरोह नक्सली संगठन जेजेएमपी के नाम का इस्तेमाल कर क्षेत्र में दहशत फैलाकर लेवी वसूलता था। हाल ही में बालूमाथ और बारियातू थाना क्षेत्र की सीमा पर कोयला परिवहन कर रहे ट्रकों में आग लगाने और फायरिंग की घटनाएं इन्हीं अपराधियों द्वारा अंजाम दी गई थीं। गिरोह ने धमकी देते हुए ठेकेदारों और कोयला व्यापारियों से मोटी रकम वसूलने की योजना बनाई थी।
पुलिस ने कैसे की गिरोह की गिरफ्तारी
पुलिस ने गिरोह के 10 अपराधियों को चिन्हित किया, जिनमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में छापेमारी अभियान जारी है।
पुलिस टीम की भूमिका
इस अभियान में बारियातू थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार, बालूमाथ थाना प्रभारी अमरेंद्र कुमार, और पिकेट प्रभारी अनुभव सिन्हा की भूमिका महत्वपूर्ण रही। उनके नेतृत्व में इस गिरोह की आपराधिक गतिविधियों को रोकने में सफलता मिली है।
प्रेस वार्ता में डीएसपी का बयान
बालूमाथ डीएसपी विनोद रवानी ने रविवार को प्रेस वार्ता में बताया कि गिरफ्तार अपराधियों ने अपने अपराध कबूल कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि गिरोह नक्सलियों के नाम का इस्तेमाल कर क्षेत्र में दहशत फैला रहा था। यह पूरी तरह से एक आपराधिक संगठन था, जिसका उद्देश्य ठेकेदारों और व्यापारियों से रंगदारी वसूलना था। डीएसपी ने आश्वासन दिया कि फरार अपराधियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
लोगों में राहत और पुलिस की सख्ती
इस कार्रवाई से न केवल अपराधियों का नेटवर्क उजागर हुआ है, बल्कि स्थानीय लोगों में भी सुरक्षा का भाव जगा है। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि इस तरह की आपराधिक गतिविधियों को जड़ से खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।