
#देवघर #श्रावणीमेला : आस्था का सैलाब उमड़ा — भक्तों में दिखा अद्भुत उत्साह
- श्रावणी मेला के 15वें दिन बाबा धाम में अपार भीड़ उमड़ी।
- तड़के सुबह 04:16 बजे जलार्पण की प्रक्रिया शुरू हुई।
- रातभर कतारों में खड़े श्रद्धालु जलाभिषेक की प्रतीक्षा में रहे।
- प्रशासन ने सुरक्षा व व्यवस्था के लिए सख्त निगरानी की।
- पूरा मंदिर परिसर बोल-बम के जयकारों से गूंज उठा।
देवघर में राजकीय श्रावणी मेला 2025 का 15वां दिन आस्था और उत्साह का अद्भुत संगम बन गया। श्रद्धालुओं ने लंबी कतारों में खड़े होकर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। हर ओर भक्ति का माहौल, गूंजते जयकारे और रंग-बिरंगे कावंडिए वातावरण को अलौकिक बना रहे थे।
जलार्पण शुरू होते ही गूंज उठा परिसर
आज तड़के सुबह 04:16 बजे जलार्पण का क्रम आरंभ हुआ। जैसे ही जलार्पण शुरू हुआ, पूरा मंदिर परिसर बोल-बम के उद्घोष से गूंज उठा। श्रद्धालु रात्रि से ही बाबा के दर्शन के लिए कतारबद्ध थे। बीएड कॉलेज से तिवारी चौक, शिवराम झा चौक, नेहरू पार्क तक लंबी कतारों में भक्तों का हुजूम दिखा।
प्रशासन ने संभाली व्यवस्था
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन व पुलिस बल ने चौकसी बढ़ा दी। मेला क्षेत्र में हर जगह CCTV कैमरों से निगरानी की जा रही है। सुरक्षा बलों के साथ-साथ सफाई, मेडिकल और नियंत्रण कक्ष सक्रिय रहे। अधिकारी समय-समय पर मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे।
भक्तिमय माहौल में उमड़ा उत्साह
मेला परिसर का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय बना रहा। बोल-बम, हर-हर महादेव के जयकारे और डमरुओं की गूंज ने माहौल को ऊर्जा से भर दिया। हर कोई बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए उत्साहित दिखा। दुकानों पर रौनक, कावंडियों के गीत और सजावट से पूरा इलाका एक भव्य तीर्थ का अनुभव करा रहा था।

न्यूज़ देखो: प्रशासनिक सतर्कता से सुगम हुआ जलार्पण
श्रावणी मेला की सफलता केवल भक्तों की आस्था का ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक सतर्कता का भी प्रमाण है। भीड़ के बावजूद व्यवस्था सुचारू रही। यह उदाहरण बताता है कि संगठित प्रयासों से किसी बड़े आयोजन को सरल और सुरक्षित बनाया जा सकता है।
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आस्था के रंग में रंगा देवघर
श्रावणी मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक एकता और उत्साह का अद्भुत उदाहरण भी है। आप भी अपने विचार कमेंट करें, इस खबर को दोस्तों के साथ साझा करें और श्रद्धा के इस अद्भुत संगम का हिस्सा बनें।