
#चंदवा #सामाजिक_संकल्प : पुण्यतिथि कार्यक्रम में समाज को संगठित और शिक्षित करने पर दिया गया जोर।
लातेहार जिले के चंदवा में कुम्हार प्रजापति महासंघ द्वारा समाज के प्रेरणास्रोत स्व. रत्नप्पा कुंभार की पुण्यतिथि श्रद्धा और संकल्प के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में उनके सामाजिक योगदान को याद करते हुए संगठन को मजबूत करने पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने शिक्षा को समाज की प्रगति की आधारशिला बताया। आयोजन में बड़ी संख्या में समाजबंधु शामिल हुए।
- कुम्हार प्रजापति महासंघ द्वारा स्व. रत्नप्पा कुंभार की पुण्यतिथि मनाई गई।
- कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा गांधी चौक, चंदवा स्थित पथ निर्माण विश्रामागार में हुआ।
- जिला अध्यक्ष भुनेश्वर प्रजापति ने समाज की एकता और शिक्षा पर बल दिया।
- युवाओं से संगठन को मजबूत करने में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील।
- प्रखंड और जिला स्तर के कई पदाधिकारी एवं समाजबंधु रहे उपस्थित।
लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड में कुम्हार प्रजापति महासंघ की ओर से मंगलवार को समाज के महान प्रेरणास्रोत स्वर्गीय रत्नप्पा कुंभार जी की पुण्यतिथि श्रद्धा, सम्मान और सामाजिक जागरूकता के भाव के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का आयोजन चंदवा के इंदिरा गांधी चौक स्थित पथ निर्माण विश्रामागार परिसर में किया गया, जहां समाज के लोगों ने एकत्र होकर स्व. रत्नप्पा कुंभार जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्व. रत्नप्पा कुंभार जी के सामाजिक योगदान को याद करना और उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज को संगठित एवं सशक्त बनाने का संकल्प लेना रहा। आयोजन के दौरान पूरे वातावरण में अनुशासन, सम्मान और सामाजिक एकता का भाव देखने को मिला।
स्व. रत्नप्पा कुंभार के विचार आज भी प्रासंगिक
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुम्हार प्रजापति महासंघ के जिला अध्यक्ष भुनेश्वर प्रजापति ने कहा कि स्व. रत्नप्पा कुंभार जी ने अपने पूरे जीवन को समाज के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने समाज को संगठित करने, लोगों को जागरूक बनाने और सामाजिक अधिकारों के प्रति चेतना फैलाने का कार्य किया।
भुनेश्वर प्रजापति ने कहा: “स्व. रत्नप्पा कुंभार जी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने समाज को एकजुट रहने का संदेश दिया और हमें बताया कि संगठन की ताकत से ही समाज आगे बढ़ सकता है।”
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में समाज के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनका सामना केवल संगठित प्रयास और सही दिशा में काम करके ही किया जा सकता है। इसके लिए शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण हथियार बताया।
शिक्षा को प्राथमिकता देने की अपील
जिला अध्यक्ष ने अपने संबोधन में समाज के युवाओं और अभिभावकों से शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना न तो सामाजिक जागरूकता संभव है और न ही आत्मनिर्भरता।
उन्होंने कहा कि यदि समाज की नई पीढ़ी शिक्षित, जागरूक और आत्मनिर्भर बनेगी, तभी समाज का समग्र विकास होगा। उन्होंने युवाओं से न केवल पढ़ाई में आगे बढ़ने, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए संगठन के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
युवाओं से संगठन को मजबूत करने का आह्वान
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि किसी भी समाज की असली ताकत उसके युवा होते हैं। युवाओं को चाहिए कि वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझें और समाजहित में आगे आएं।
वक्ताओं ने कहा कि स्व. रत्नप्पा कुंभार जी का जीवन इस बात का उदाहरण है कि यदि नीयत साफ हो और उद्देश्य समाज सेवा हो, तो सीमित संसाधनों में भी बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। उनके आदर्शों को अपनाकर ही समाज एक नई दिशा में आगे बढ़ सकता है।
समाजबंधुओं की रही व्यापक भागीदारी
इस अवसर पर कुम्हार प्रजापति महासंघ के प्रखंड अध्यक्ष गुलाब प्रजापति, ब्रह्मदेव प्रजापति, राजन कुमार, संतोष प्रजापति, हरिवंश प्रजापति, मंटू प्रजापति, धनंजय प्रजापति, शिवशंकर प्रजापति, पूरनचंद प्रजापति, रमन कुमार, जितेंद्र प्रजापति, महेंद्र प्रजापति, पंकज प्रजापति, केदार प्रजापति सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे।
सभी ने एक स्वर में स्व. रत्नप्पा कुंभार जी के सामाजिक योगदान को याद करते हुए उनके दिखाए रास्ते पर चलने की बात कही। उपस्थित समाजबंधुओं ने यह भी महसूस किया कि इस तरह के आयोजन समाज को जोड़ने और नई पीढ़ी को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सामूहिक संकल्प के साथ कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे समाज को शिक्षित करने, आपसी एकता को मजबूत बनाने और संगठन को और अधिक सशक्त करने के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे। साथ ही स्व. रत्नप्पा कुंभार जी के आदर्शों और विचारों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का भी प्रण लिया गया।
इस दौरान समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने युवाओं को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि समाज की पहचान उसकी एकता और अनुशासन से होती है, जिसे बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।
न्यूज़ देखो: समाज की एकता की मिसाल
स्व. रत्नप्पा कुंभार जी की पुण्यतिथि पर आयोजित यह कार्यक्रम यह दर्शाता है कि कुम्हार प्रजापति समाज अपने महापुरुषों के योगदान को भूलता नहीं है। शिक्षा, संगठन और एकता पर दिया गया संदेश समाज के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण संकेत है। अब यह देखना अहम होगा कि इस संकल्प को जमीनी स्तर पर कैसे उतारा जाता है।
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एकजुट समाज ही मजबूत भविष्य की नींव
अपने समाज के महापुरुषों के विचारों को याद रखना ही नहीं, उन्हें अपनाना भी जरूरी है।
शिक्षा और एकता से ही समाज सशक्त बन सकता है।
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