
#गुमला #श्रावणी_सोमवारी : टांगीनाथ धाम में जयकारों से गूंजा आकाश — शिवभक्तों ने जलाभिषेक कर मांगी मनोकामनाएं
- सावन के पहले सोमवार को बाबा टांगीनाथ धाम में उमड़ी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़
- सुबह से ही मंदिर परिसर में लगी लंबी कतारें, हर-हर महादेव से गूंजा वातावरण
- प्रशासन ने की सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था, पुलिस बल मुस्तैद
- विकास समिति और प्रशासन ने मिलकर किए पेयजल, चिकित्सा और शौचालय के इंतजाम
- भक्तों के लिए बनाए गए अलग प्रवेश और निकास मार्ग, सुगमता से हुआ जलाभिषेक
शिवमय हुआ डुमरी प्रखंड, सुबह से ही लगी श्रद्धालुओं की कतार
गुमला जिले के डुमरी प्रखंड में स्थित ऐतिहासिक बाबा टांगीनाथ धाम पर सावन की पहली सोमवारी पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह होते ही मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर गर्भगृह तक हजारों की संख्या में शिवभक्त कतारबद्ध नजर आए। भक्तगण “हर-हर महादेव” और “बोल बम” के नारों के साथ बाबा को जलाभिषेक कर आशीर्वाद ले रहे थे।
श्रद्धालु केवल गुमला से ही नहीं बल्कि आसपास के लोहरदगा, लातेहार, रांची और सिमडेगा जैसे जिलों से भी पहुंचे। मंदिर परिसर में चारों ओर भक्ति और आस्था का आलोक छाया रहा।
प्रशासन ने संभाली कमान, सुरक्षा और व्यवस्था रही सशक्त
श्रावणी सोमवारी को देखते हुए प्रशासन ने विशेष तैयारी की थी। डुमरी थाना प्रभारी अनुज कुमार के नेतृत्व में मंदिर परिसर और मार्गों पर पुलिस बल की तैनाती की गई। कहीं कोई अफरातफरी न हो, इसके लिए टांगीनाथ धाम विकास समिति और जिला प्रशासन के कर्मचारियों ने श्रद्धालुओं को सुगम मार्गदर्शन और सहायता दी।
श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा, मोबाइल शौचालय, और रास्ते की सफाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध थीं। प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के तहत प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग रूट निर्धारित किए थे।
डुमरी थाना प्रभारी अनुज कुमार ने कहा: “श्रावणी सोमवारी को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद था। हर श्रद्धालु को सुरक्षित और सुविधाजनक दर्शन मिले, इसका पूरा ध्यान रखा गया।”
बारिश में भी भीगते रहे भक्त, टांगीनाथ धाम बना श्रद्धा का केंद्र
हल्की फुहारों के बीच भी भक्तगण जलाभिषेक करते नजर आए। सावन के पहले सोमवार को बाबा टांगीनाथ धाम में उमड़ी भारी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि यह स्थान झारखंड के प्रमुख आस्था केंद्रों में एक है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह पहली बार नहीं है — हर साल सावन में यहां की भक्ति अपने चरम पर होती है।
टांगीनाथ धाम की पवित्रता और महत्ता को देखते हुए लोग यह मानते हैं कि यहां जल चढ़ाने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।
“देख नजारा मौसम का, ये मन को कितना भाता है,
जब सावन खुद मेरे महादेव को जल चढ़ाने आता है।
हर-हर महादेव की गूंज में खो जाता है संसार,
शिव के चरणों में हर दिल करता है प्यार।”

न्यूज़ देखो: आस्था और अनुशासन की प्रेरणादायक मिसाल
श्रावणी सोमवारी पर टांगीनाथ धाम में दिखी श्रद्धा, अनुशासन और व्यवस्था की यह तस्वीर न केवल धार्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह बताती है कि जन सहयोग और प्रशासनिक समन्वय से बड़े आयोजन भी सहजता से संभव हैं। न्यूज़ देखो ऐसे आयोजनों की व्यापक कवरेज के साथ यह भरोसा दिलाता है कि धार्मिक आयोजनों में श्रद्धा के साथ-साथ सुचारु व्यवस्था भी हो — यही समाज की प्रगति का मार्ग है।
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शिव की भक्ति, सावन की पवित्रता और टांगीनाथ धाम की ऐतिहासिकता को आपने महसूस किया? तो इस खबर को अपने दोस्तों, परिवार और साथियों के साथ साझा करें। आइए मिलकर श्रद्धा और व्यवस्था दोनों को मजबूत बनाएं।