
#रांची #विधानसभा : सत्ता पक्ष ने 130वें संशोधन और बिहार के एसआईआर का विरोध किया वहीं भाजपा विधायकों ने रिम्स-2 और सूर्या एनकाउंटर को लेकर सरकार को घेरा
- झारखंड विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन से पहले ही राजनीतिक हलचल तेज रही।
- सत्ताधारी दलों ने 130वें संवैधानिक संशोधन और बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) का विरोध किया।
- मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, कांग्रेस नेता राजेश कच्छप और झामुमो विधायक समीर मोहंती प्रदर्शन में शामिल हुए।
- भाजपा विधायकों ने कांके-नगड़ी की उपजाऊ जमीन पर प्रस्तावित RIMS-2 निर्माण का विरोध किया।
- विपक्ष ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर की सीबीआई जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन सोमवार को राजनीतिक टकराव का गवाह बना। सदन शुरू होने से पहले ही सत्ता पक्ष और विपक्ष ने विधानसभा परिसर को धरना-प्रदर्शन का मैदान बना दिया। एक तरफ सत्ताधारी झामुमो, कांग्रेस, राजद और माले के विधायक संविधान में 130वें संशोधन और बिहार में हुए एसआईआर का विरोध कर रहे थे, तो दूसरी तरफ भाजपा विधायक रिम्स-2 और सूर्या एनकाउंटर मामले पर सरकार को घेर रहे थे।
सत्ता पक्ष ने केंद्र पर साधा निशाना
सत्तापक्ष के विधायक सुबह से ही अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत विरोध प्रदर्शन के लिए विधानसभा परिसर में इकट्ठा हुए। झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद और माले के विधायकों ने संविधान में होने वाले 130वें संशोधन के खिलाफ आवाज उठाई। उनका कहना था कि यह संशोधन संविधान की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ है और जनता के अधिकारों का हनन करता है।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किया। उनके साथ कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप और झामुमो विधायक समीर मोहंती भी मौजूद रहे। समीर मोहंती ने मुखर होकर कहा कि एसआईआर और संशोधन दोनों ही आम जनता और लोकतांत्रिक ढांचे के खिलाफ हैं।
समीर मोहंती ने कहा: “हम किसी भी कीमत पर संविधान की आत्मा से समझौता नहीं होने देंगे। बिहार में जो मतदाता सूची पुनरीक्षण हो रहा है, वह भी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।”
विपक्ष ने उठाया रिम्स-2 और सूर्या एनकाउंटर का मुद्दा
मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायक भी विधानसभा पहुंचे और उन्होंने अलग मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति अपनाई। भाजपा विधायकों ने कांके-नगड़ी में रिम्स-2 निर्माण को लेकर गंभीर आपत्ति जताई। उनका आरोप था कि आदिवासियों की उपजाऊ जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है और जब ग्रामीण विरोध करते हैं तो उन पर पुलिसिया कार्रवाई होती है।
भाजपा विधायक दल के एक सदस्य ने कहा: “सरकार आदिवासियों की जमीन पर RIMS-2 बनाना चाहती है। यह पूरी तरह से अन्याय है और हम इसके खिलाफ सड़कों से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे।”
इसके साथ ही भाजपा विधायकों ने हाल ही में सुर्खियों में आए सूर्या हांसदा फर्जी एनकाउंटर का मुद्दा भी उठाया। विपक्ष ने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए और दोषी पुलिसकर्मियों की तत्काल गिरफ्तारी हो।
भाजपा विधायक ने कहा: “सूर्या हांसदा मामले में न्याय तभी संभव है जब सीबीआई निष्पक्ष जांच करे। दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास नहीं होना चाहिए।”
सदन से बाहर ज्यादा गरमी
विधानसभा परिसर में सोमवार को माहौल बेहद गरम रहा। सत्ता पक्ष केंद्र सरकार को संविधान विरोधी बता रहा था तो विपक्ष राज्य सरकार पर आदिवासियों और आम नागरिकों के अधिकारों को कुचलने का आरोप लगा रहा था। दोनों खेमों ने अपने-अपने मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाया जिससे सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही परिसर राजनीतिक टकराव का गवाह बन गया।
राजनीतिक समीकरण और जनहित के सवाल
विश्लेषकों का मानना है कि सत्ता पक्ष द्वारा 130वें संशोधन और एसआईआर पर विरोध जताना आने वाले समय में राज्य स्तर पर बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। वहीं, भाजपा द्वारा उठाए गए रिम्स-2 और सूर्या एनकाउंटर के मुद्दे सीधे तौर पर जनता की जमीन, मानवाधिकार और न्याय से जुड़े हैं। ऐसे में इन मुद्दों का असर विधानसभा की कार्यवाही और राज्य की राजनीति दोनों पर देखने को मिलेगा।

न्यूज़ देखो: लोकतंत्र का आईना बना विधानसभा परिसर
झारखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन का घटनाक्रम बताता है कि सत्ता और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी रणनीति के साथ मैदान में उतरे हैं। एक ओर सत्ता पक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के नाम पर केंद्र पर प्रहार कर रहा है, वहीं विपक्ष राज्य सरकार को जवाबदेह बनाने की कोशिश कर रहा है। यह लोकतंत्र का ही हिस्सा है कि दोनों पक्ष अपनी बात रख रहे हैं, लेकिन जनता यही चाहेगी कि बहस केवल प्रदर्शन तक न रहकर समाधान की दिशा में बढ़े।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूक नागरिक बनें लोकतंत्र को मजबूत करें
झारखंड की जनता आज कई संवेदनशील मुद्दों से जुड़ी है, जिनमें संविधान, भूमि अधिकार और न्यायिक पारदर्शिता सबसे अहम हैं। ऐसे में हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह सजग रहे और अपनी भूमिका निभाए। अब समय है कि हम सभी इन मुद्दों पर विचार करें, अपनी राय कमेंट करें और खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ताकि लोकतांत्रिक आवाज और मजबूत हो।