घटना के मुख्य बिंदु:
- पांडेय गिरोह के दो गुर्गे भारत पांडेय और दीपक साव की हत्या।
- हजारीबाग जेल में बंद विकास तिवारी को मास्टरमाइंड माना गया।
- पतरातू से निशि पांडेय और निशांत सिंह की गिरफ्तारी।
- भरत-दीपक पर अलग गिरोह बनाने का आरोप।
- पलामू एसआईटी ने घटना की जांच तेज की।
पूरी खबर:
पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा गांव में पांडेय गिरोह के दो गुर्गों, भारत पांडेय और दीपक साव की हत्या के मामले में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है। रामगढ़ पुलिस के सहयोग से पतरातू में गैंगस्टर किशोर पांडेय की पत्नी निशि पांडेय और उसके भाई निशांत सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
एसआईटी जांच में सामने आया कि हजारीबाग जेल में बंद विकास तिवारी इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है। भारत और दीपक पहले पांडेय गिरोह के सदस्य थे लेकिन उन्होंने अलग गिरोह बनाना शुरू कर दिया था। गिरोह के बढ़ते वर्चस्व से परेशान होकर उनकी हत्या कर दी गई।
“भारत और दीपक के बढ़ते प्रभाव से गिरोह असुरक्षित महसूस कर रहा था। यह घटना गैंगवार का परिणाम है।” – पुलिस अधिकारी
गिरफ्तारियां और एफआईआर:
हत्या के बाद भरत पांडेय के पिता प्रदीप पांडेय ने 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, जिनमें विकास तिवारी, निशि पांडेय, और निशांत सिंह शामिल हैं। इनके खिलाफ हत्या की साजिश रचने और धमकी देने का आरोप है।
घटना का विवरण:
भरत और दीपक 31 दिसंबर से गरदा गांव में पनाह लिए हुए थे। अपराधियों ने घर में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग की। भरत पांडेय को 13 और दीपक साव को 4 गोलियां मारी गईं।
घायल अंशु सिंह ने बताया कि हमलावरों की संख्या 7-8 थी। उन्होंने मुख्य सड़क पर गाड़ियों को खड़ा कर घर को चारों तरफ से घेर लिया और वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस की कार्रवाई:
पलामू एसआईटी टीम ने घटनास्थल पर मौजूद सभी सबूतों को इकट्ठा कर लिया है। टीम ने बताया कि घटना की योजना हजारीबाग जेल से बनाई गई थी।
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