
#पलामू #सुरक्षा_तैयारी : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड प्रशासन ने बढ़ाई चौकसी, सीमाएं होंगी बंद
- बिहार में 11 नवंबर को वोटिंग से पहले झारखंड के पलामू और गढ़वा जिलों की सीमाएं सील की जाएंगी।
- गया, औरंगाबाद और रोहतास जिलों में मतदान को लेकर दोनों राज्यों के बीच संयुक्त निगरानी अभियान शुरू।
- सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर, बिहार एसटीएफ सहित सुरक्षा बलों की संयुक्त तैनाती होगी।
- नक्सल गतिविधियों पर नजर रखते हुए सीमावर्ती इलाकों को किया जा रहा है सेनेटाइज।
- इंटरस्टेट चेकपोस्ट पर पुलिस, दंडाधिकारी और सीसीटीवी निगरानी से बढ़ी सुरक्षा।
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होनी है। इस चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए झारखंड के पलामू और गढ़वा जिलों में प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं। बिहार से सटी सीमाओं को अगले 48 घंटे में पूरी तरह सील किया जाएगा ताकि असामाजिक तत्वों की आवाजाही रोकी जा सके।
सीमावर्ती जिलों में बढ़ा सुरक्षा अलर्ट
पलामू से सटे बिहार के गया, औरंगाबाद और रोहतास जिलों में भी मतदान होगा। इसे ध्यान में रखते हुए झारखंड और बिहार प्रशासन ने संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया है। सुरक्षा बलों की कई कंपनियां सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात की गई हैं, जिनमें सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर और बिहार एसटीएफ शामिल हैं।
इन बलों को नक्सली इलाकों में विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है ताकि मतदान से पहले शांति और सुरक्षा बनी रहे।
जोनल आईजी शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा: “11 नवंबर को होने वाली वोटिंग के लिए सीमावर्ती इलाकों को पूरी तरह सील किया जा रहा है। नक्सल गतिविधियों पर नजर रखते हुए क्षेत्र को सेनेटाइज किया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों के पुलिस बलों ने नक्सली कमांडर और उनके समर्थकों की सूची साझा की है। इसके आधार पर सर्च अभियान चलाकर संदिग्धों पर कार्रवाई की जाएगी।
इंटरस्टेट चेकपोस्ट से होगी कड़ी निगरानी
बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए पलामू और गढ़वा जिलों में इंटरस्टेट चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं। इन चेकपोस्टों पर पुलिस बलों और दंडाधिकारियों की चौबीसों घंटे ड्यूटी लगाई गई है। हर वाहन और व्यक्ति की गतिविधि की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
पलामू में चार इंटरस्टेट चेकपोस्ट बनाए गए हैं, जबकि गढ़वा में भी कई चेकपोस्ट सक्रिय किए गए हैं। मतदान से ठीक 48 घंटे पहले इन सीमाओं को सील कर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य चुनावी शांति और निष्पक्षता को हर हाल में सुनिश्चित करना है।
न्यूज़ देखो: लोकतंत्र की सुरक्षा में प्रशासन की बड़ी पहल
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड प्रशासन का यह फैसला न केवल सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि दोनों राज्य लोकतंत्र की मर्यादा बनाए रखने के लिए एकजुट हैं। सीमावर्ती जिलों में संयुक्त कार्रवाई से नक्सलवाद और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की दिशा में यह कदम अहम साबित होगा।
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