
#पांकी #अवैध_अफीम : जंगली और वन भूमि पर की जा रही मादक खेती पर पुलिस का विशेष अभियान, समाज और युवाओं को नशे से बचाने की पहल
- पांकी थाना क्षेत्र के जंगली इलाकों में चला विशेष अभियान।
- कुल लगभग 5 एकड़ क्षेत्र में लगी अफीम की फसल नष्ट।
- ग्राम जोबला में करीब 2 एकड़ और ग्राम मुक्ता में 3 एकड़ खेती चिन्हित।
- कार्रवाई स्थानीय ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में हुई।
- दोषियों की पहचान और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी।
पलामू जिले में मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस अधीक्षक पलामू के स्पष्ट निर्देश पर 13 दिसंबर 2025 को पांकी थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती और जंगली इलाकों में विशेष अभियान चलाया गया। इस दौरान वन भूमि पर अवैध रूप से की जा रही अफीम की खेती को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। पुलिस की इस कार्रवाई को नशे के कारोबार पर सीधा प्रहार माना जा रहा है।
गुप्त सूचना से हुआ खुलासा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ताल पिकेट में पदस्थापित पुलिस पदाधिकारी एवं जवानों को गुप्त सूचना मिली थी कि ग्राम जोबला के जंगली क्षेत्र में वन भूमि पर अवैध रूप से अफीम की खेती की जा रही है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम ने पहले उसका सत्यापन किया और फिर सघन जांच अभियान के लिए मौके पर पहुंची।
जांच के दौरान पुलिस को वन भूमि पर लगभग दो एकड़ क्षेत्र में लहलहाती अफीम की फसल मिली, जिसे देखकर यह स्पष्ट हो गया कि यह खेती सुनियोजित तरीके से की जा रही थी।
ग्रामीणों की मौजूदगी में फसल नष्ट
पुलिस ने कार्रवाई को पारदर्शी बनाने के लिए स्थानीय ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित विभाग के कर्मियों को मौके पर बुलाया। उनकी उपस्थिति में अवैध अफीम की खेती को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। फसल नष्ट किए जाने के दौरान पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रखी गई थी, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
जागरूकता अभियान भी चलाया गया
केवल कार्रवाई तक सीमित न रहते हुए पुलिस ने मौके पर जागरूकता अभियान भी चलाया। अधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि अफीम की अवैध खेती एक गंभीर आपराधिक कृत्य है, जिसके लिए कठोर कानूनी प्रावधान मौजूद हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की खेती समाज को खोखला करती है और खासकर युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेल देती है।
पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को यह भी बताया कि अफीम की खेती, तस्करी या भंडारण में संलिप्त पाए जाने पर भारी आर्थिक जुर्माना और लंबी जेल की सजा हो सकती है।
ग्राम मुक्ता में भी मिली अवैध खेती
इसी क्रम में पुलिस को ग्राम मुक्ता के जंगलों में भी वन भूमि पर बड़े पैमाने पर अफीम की खेती किए जाने की सूचना प्राप्त हुई। जांच में यहां लगभग तीन एकड़ क्षेत्र में अवैध अफीम की खेती की पुष्टि हुई। पुलिस ने इस क्षेत्र में भी तत्काल कार्रवाई करते हुए पूरी फसल को नष्ट कर दिया।
दोषियों की पहचान में जुटी पुलिस
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन दोनों स्थानों पर की जा रही अवैध खेती में शामिल लोगों की पहचान और नाम-पता सत्यापन की प्रक्रिया तेजी से जारी है। पुलिस का कहना है कि दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध वन विभाग द्वारा वन अधिनियम सहित अन्य सुसंगत धाराओं के तहत विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पलामू जिले में मादक पदार्थों की अवैध खेती, तस्करी और कारोबार को किसी भी कीमत पर पनपने नहीं दिया जाएगा। इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर लगातार नजर रखी जा रही है और आगे भी इसी प्रकार के सघन अभियान चलाए जाएंगे।
आम जनता से सहयोग की अपील
पलामू पुलिस ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि यदि उन्हें अपने आसपास अफीम या अन्य मादक पदार्थों की अवैध खेती, भंडारण या तस्करी की कोई जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस ने भरोसा दिलाया कि सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
न्यूज़ देखो: नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई
अवैध अफीम की खेती केवल कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि पूरे समाज के भविष्य पर हमला है। पलामू पुलिस की यह कार्रवाई यह दिखाती है कि प्रशासन नशे के खिलाफ पूरी तरह गंभीर है और किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
नशामुक्त समाज की ओर एक कदम
नशे से दूर रहना और दूसरों को भी दूर रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
अपने गांव, जंगल और खेतों पर नजर रखें।
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