
#लातेहार #पर्यटन : घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच 80 फीट ऊंचा जलप्रपात बन रहा सैलानियों की पहली पसंद
- सुग्गा बांध जलप्रपात गारू प्रखंड के बारेसाढ़ थाना क्षेत्र में स्थित।
- लगभग 80 फीट ऊंचाई से गिरता पानी बना रहा है मुख्य आकर्षण।
- हजारों फीट लंबी समतल चट्टानें, पिकनिक के लिए उपयुक्त स्थल।
- वन विभाग द्वारा ब्रिज, शेड और वॉच टावर का निर्माण।
- नववर्ष और सर्दियों में भारी संख्या में पर्यटकों की आमद।
लातेहार जिला प्राकृतिक पर्यटन की दृष्टि से झारखंड के सबसे समृद्ध जिलों में गिना जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके नेतरहाट, बेतला नेशनल पार्क, लोअर घाघरी जलप्रपात जैसे स्थलों के बीच अब सुग्गा बांध जलप्रपात भी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। जंगलों और पहाड़ियों के बीच बसा यह स्थल अपनी प्राकृतिक भव्यता और शांति के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
जंगलों और पहाड़ियों के बीच बसा सुकून का ठिकाना
सुग्गा बांध जलप्रपात गारू प्रखंड अंतर्गत बारेसाढ़ थाना क्षेत्र में स्थित है। चारों ओर फैले घने जंगल और ऊंची पहाड़ियां इस स्थल को एक अलग ही पहचान देती हैं। यहां का वातावरण न केवल शुद्ध है, बल्कि शहरों की भागदौड़ से दूर मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
करीब 80 फीट की ऊंचाई से गिरता पानी दूर से ही अपनी उपस्थिति का एहसास करा देता है। जैसे-जैसे पर्यटक जलप्रपात के करीब पहुंचते हैं, पानी की गर्जना और ठंडी फुहार रोमांच से भर देती है। चट्टानों से टकराकर बहता पानी एक ऐसा दृश्य प्रस्तुत करता है, जो कैमरे में कैद करने के साथ-साथ मन में भी बस जाता है।
समतल चट्टानें बनीं पिकनिक का आकर्षण
सुग्गा बांध क्षेत्र की एक खास विशेषता यहां फैली हजारों फीट लंबी समतल चट्टानें हैं। यही कारण है कि यह स्थल पिकनिक मनाने वालों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है। यहां इतनी खुली जगह है कि एक साथ हजारों लोग आराम से बैठकर भोजन कर सकते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठा सकते हैं।
परिवार, युवा समूह और छात्र-छात्राएं अक्सर यहां समय बिताने पहुंचते हैं। बच्चे चट्टानों पर खेलते नजर आते हैं, वहीं बड़े लोग झरने की आवाज के बीच सुकून के पल बिताते हैं।

वन विभाग की ओर से विकसित बुनियादी सुविधाएं
पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने यहां कई आवश्यक बुनियादी ढांचे विकसित किए हैं। नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए सुरक्षित ब्रिज का निर्माण कराया गया है, जिससे पर्यटकों को आवागमन में कोई परेशानी न हो।
इसके अलावा बैठने और विश्राम के लिए लकड़ी के आकर्षक शेड बनाए गए हैं। वर्ष 2018 में यहां वॉच टावर का निर्माण किया गया, जहां से पर्यटक पूरे जलप्रपात और आसपास के जंगल-पहाड़ियों का विहंगम दृश्य देख सकते हैं। यह वॉच टावर फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए खास आकर्षण बन चुका है।
नववर्ष पर उमड़ती है सैलानियों की भीड़
हर वर्ष दिसंबर और जनवरी के महीने में, खासकर नववर्ष के अवसर पर, सुग्गा बांध जलप्रपात में सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ती है। झारखंड के विभिन्न जिलों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से भी लोग यहां नए साल का जश्न मनाने पहुंचते हैं।
इस दौरान पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग और स्थानीय पुलिस प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की जाती है। भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
आवागमन और पहुंच की जानकारी
सुग्गा बांध जलप्रपात लातेहार जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं डाल्टनगंज से करीब 100 किलोमीटर की यात्रा तय कर यहां पहुंचा जा सकता है। सड़क मार्ग से बस और निजी वाहन दोनों के माध्यम से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है, हालांकि कुछ हिस्सों में सड़क की स्थिति में सुधार की आवश्यकता महसूस की जाती है।
पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं
यदि सुग्गा बांध जलप्रपात को योजनाबद्ध तरीके से और विकसित किया जाए, तो यह स्थल झारखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में अपनी अलग पहचान बना सकता है। बेहतर सड़क, पार्किंग, शौचालय, कैफेटेरिया और सूचना केंद्र जैसी सुविधाएं विकसित होने से यहां पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ सकती है।
इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे और आसपास के गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।



न्यूज़ देखो: पर्यटन से विकास की राह
सुग्गा बांध जलप्रपात जैसे प्राकृतिक स्थलों में वह क्षमता है, जो पर्यटन के जरिए स्थानीय विकास को नई दिशा दे सकती है। जरूरत है सुनियोजित प्रयासों और जिम्मेदार संरक्षण की, ताकि प्रकृति भी बचे और विकास भी हो। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रकृति को जानें, सहेजें और साझा करें
यदि आप सुकून, रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करना चाहते हैं, तो सुग्गा बांध जरूर जाएं।
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