
#गुमला #शोक_समाचार : शिक्षा और समाज सेवा को समर्पित जीवन की शताब्दी पूर्ण कर ली विदाई।
गुमला जिले के पालकोट क्षेत्र की जानी-मानी समाजसेवी और दानवीर महिला मनमतिया देवी का रविवार शाम 7 बजे 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे स्वर्गीय सोहर साहू की धर्मपत्नी और पालकोट मिष्ठान भंडार के संचालक अनंत साहू की दादी थीं। शिक्षा और सामाजिक कल्याण के लिए किए गए उनके योगदान ने पूरे क्षेत्र को गहराई से प्रभावित किया। उनके निधन से पालकोट सहित आसपास के इलाकों में शोक की लहर फैल गई है।
- मनमतिया देवी का 101 वर्ष की आयु में रविवार शाम निधन।
- स्व. सोहर साहू की धर्मपत्नी एवं समाजसेवी महिला के रूप में पहचान।
- शिक्षा के लिए विद्यालय व कॉलेज को भूमि दान।
- पालकोट क्षेत्र में दानशील व शिक्षा प्रेमी व्यक्तित्व।
- सोमवार सुबह अंतिम यात्रा का आयोजन।
पालकोट क्षेत्र के सामाजिक और शैक्षणिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय का अंत हो गया। दानवीर मातृशक्ति मनमतिया देवी ने रविवार की शाम 7 बजे अंतिम सांस ली। 101 वर्षों के अपने लंबे जीवनकाल में उन्होंने समाज सेवा, शिक्षा के प्रसार और मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि रखा।
उनका जीवन सादगी, त्याग और परोपकार का प्रतीक माना जाता रहा है। उनके निधन की खबर फैलते ही पालकोट सहित आसपास के गांवों में शोक की लहर दौड़ गई और बड़ी संख्या में लोग उनके आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचने लगे।
शिक्षा के लिए अमूल्य योगदान
मनमतिया देवी को विशेष रूप से शिक्षा प्रेमी महिला के रूप में जाना जाता था। उन्होंने पालकोट क्षेत्र में शिक्षा के विकास के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया। समाजसेवी स्वर्गीय सोहर साहू की धर्मपत्नी होने के नाते उन्होंने उनके सामाजिक मूल्यों को आगे बढ़ाया और शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम माना।
पालकोट में सोहर साहू शिशु विद्या मंदिर विद्यालय तथा पंपापुर इंटर कॉलेज के लिए उन्होंने कई एकड़ भूमि दान की थी। यह दान आज भी क्षेत्र के सैकड़ों विद्यार्थियों के भविष्य को संवार रहा है। उनका मानना था कि शिक्षा ही समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाती है।
दानशीलता और मातृवत स्नेह की मिसाल
स्थानीय लोग बताते हैं कि मनमतिया देवी केवल दानदाता ही नहीं, बल्कि मातृवत स्नेह रखने वाली महिला थीं। जरूरतमंदों की सहायता करना, बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करना और सामाजिक कार्यों में रुचि लेना उनके स्वभाव का हिस्सा था।
उनकी दानशील प्रवृत्ति और शांत स्वभाव के कारण उन्हें पूरे पालकोट क्षेत्र में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। कई सामाजिक संस्थाओं और विद्यालयों ने उन्हें अपनी प्रेरणा बताया है।
परिवार और अंतिम यात्रा की जानकारी
परिजनों ने जानकारी दी कि मनमतिया देवी की अंतिम यात्रा सोमवार पूर्वाह्न 10 बजे उनके हटिया टोली स्थित आवास से मुक्तिधाम के लिए निकाली जाएगी। उनके पोते अनंत कुमार, हेमंत कुमार, सुमंत कुमार एवं बसंत कुमार ने सभी शुभचिंतकों, सामाजिक संगठनों और क्षेत्रवासियों से अंतिम यात्रा में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने की अपील की है।
परिवार के अनुसार, उन्होंने जीवन के अंतिम समय तक सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों को बनाए रखा और शांतिपूर्वक इस संसार से विदा ली।
क्षेत्र में शोक का माहौल
मनमतिया देवी के निधन पर सामाजिक संगठनों, शिक्षाविदों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। कई लोगों ने कहा कि उनका जाना पालकोट के लिए अपूरणीय क्षति है। शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
न्यूज़ देखो: एक युग का शांत समापन
मनमतिया देवी का जीवन यह दर्शाता है कि एक व्यक्ति अपने त्याग और सेवा से पूरे समाज की दिशा बदल सकता है। शिक्षा के लिए भूमि दान कर उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को मजबूत आधार दिया। उनका निधन पालकोट के सामाजिक इतिहास में एक युग के समापन के समान है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रेरणा बनकर रहेंगी मनमतिया देवी की स्मृतियां
दान, सेवा और शिक्षा के प्रति समर्पण ही किसी जीवन की सच्ची उपलब्धि होती है। मनमतिया देवी का जीवन हमें यही संदेश देता है कि समाज के लिए किया गया छोटा-सा प्रयास भी दूरगामी प्रभाव छोड़ता है।
आप भी इस महान मातृशक्ति को श्रद्धांजलि अर्पित करें, अपनी भावनाएं साझा करें और इस खबर को आगे बढ़ाकर उनके योगदान को यादगार बनाएं।





