
#लातेहार #पलामूकिलामेला : बरवाडीह पुलिस को मेले में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पत्र भेजा गया
- बरवाडीह के बेतला वन क्षेत्र पदाधिकारी उमेश कुमार दूबे ने आसन्न पलामू किला मेले में सुरक्षा सहयोग के लिए पुलिस को पत्र भेजा।
- यह ऐतिहासिक दो दिनी मेला 29-30 अक्टूबर 2025 को आयोजित होगा और इसमें झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से हजारों लोग आते हैं।
- पत्र में उल्लेख किया गया कि केवल वनकर्मियों द्वारा भीड़ नियंत्रण करना मुश्किल है, इसलिए पुलिस बल का सहयोग आवश्यक है।
- वनपाल संतोष सिंह ने कहा कि रेंजर के निर्देशानुसार मेले को शांति और सौहार्द के माहौल में संपन्न कराने की तैयारी पूरी की जा चुकी है।
- प्रशासन और वन विभाग ने मिलकर विधि-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
बरवाडीह स्थित बेतला वन क्षेत्र पदाधिकारी उमेश कुमार दूबे ने पत्र में बताया कि हर वर्ष छठ महापर्व के दूसरे दिन शुरू होने वाला पलामू किला मेला अत्यधिक भीड़ आकर्षित करता है। यह मेला न केवल झारखंड बल्कि पड़ोसी राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को केवल वनकर्मियों द्वारा नियंत्रित करना कठिन होता है।
उमेश कुमार दूबे ने कहा: “इस वर्ष भी मेले में बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस सहयोग आवश्यक है ताकि मेले में शांति और सुरक्षा बनी रहे।”
वन विभाग की तैयारियाँ
वनपाल संतोष सिंह ने बताया कि रेंजर के निर्देशानुसार मेले के आयोजन को लेकर विभागीय तैयारी पूरी की जा चुकी है। मेले में आने वाले सभी पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक संसाधन और कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।
मेला और इसका महत्व
पलामू किला मेला इतिहास और संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह मेला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से प्रसिद्ध है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करने में मदद करता है। दोनों दिन मेला क्षेत्र में सजावट, स्टॉल और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ता है।

न्यूज़ देखो: पलामू किला मेले में सुरक्षा के लिए पुलिस सहयोग ने प्राथमिकता को दर्शाया
यह पहल दर्शाती है कि प्रशासन और वन विभाग मिलकर बड़े आयोजनों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए सक्रिय हैं। इस तरह की तैयारी मेले के सुचारु संचालन और किसी अप्रिय घटना को रोकने में सहायक होती है।
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सजगता और सहयोग से सुरक्षित आयोजन संभव
बड़े मेलों में आम जनता और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। श्रद्धालुओं को भीड़ में अनुशासन बनाए रखने और सुरक्षा नियमों का पालन करने में सहयोग करना चाहिए। इस खबर को साझा करें और अपने आस-पास के लोगों को सतर्क और जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित करें।




