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गिरिडीह: नाबालिग प्रेमी-प्रेमिका की शादी पुलिस हस्तक्षेप से रोकी गई

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#गिरिडीह #नाबालिगशादी : नवडीहा ओपी थाना क्षेत्र में किशोरी और किशोर की शादी को पुलिस ने समय रहते रोका
  • नवडीहा ओपी थाना क्षेत्र में नाबालिग किशोरी और छोटकी खरगडीहा पंचायत के किशोर ने प्रेम प्रसंग के चलते राजस्थान में शादी कर ली थी।
  • दोनों की उम्र 17 वर्ष पाई गई, जिसके कारण पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया।
  • बेंगाबाद थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह ने छापेमारी कर दोनों को हिरासत में लिया।
  • पुलिस ने मामले को सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) को सौंपा और उचित कानूनी कार्रवाई शुरू की।
  • किशोरी के माता-पिता राजस्थान में मजदूरी करते हैं और आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण किशोरी घर से दूर अपने प्रेमी के पास रह रही थी।

नवडीहा ओपी क्षेत्र में यह मामला तब उजागर हुआ जब किशोरी और किशोर चार दिन पूर्व राजस्थान से गांव लौटे। दोनों की शादी की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया। जांच में सामने आया कि दोनों अभी नाबालिग हैं, जिसकी वजह से यह मामला बाल कल्याण से संबंधित बन गया।

बेंगाबाद थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा: “नाबालिगों की सुरक्षा और कल्याण हमारी प्राथमिकता है। ऐसे मामलों में समय पर हस्तक्षेप करना आवश्यक है ताकि कानून का उल्लंघन रोका जा सके।”

पंचायत और सामाजिक पहल

बताया गया कि किशोरी और किशोर के इस कदम को लेकर पहले ही पंचायत बैठ चुकी थी। ग्रामीण और परिवार ने नाबालिगों की सुरक्षा और कानूनी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने का प्रयास किया।

कानूनी और सामाजिक दृष्टि

बाल विवाह पर सख्त कानून होने के बावजूद, आर्थिक कठिनाइयों और सामाजिक परिस्थितियों के चलते नाबालिगों के इस तरह के कदम सामने आते रहते हैं। पुलिस और बाल कल्याण समिति का समय पर हस्तक्षेप बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होता है।

न्यूज़ देखो: गिरिडीह में नाबालिग विवाह रोकने में पुलिस और बाल कल्याण समिति की सक्रियता

यह घटना दर्शाती है कि प्रशासन और सामाजिक संस्थाएं नाबालिगों की सुरक्षा और उनके भविष्य को सुरक्षित रखने में सजग हैं। समय रहते की गई कार्रवाई ने संभावित खतरे को टालने में मदद की।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजगता और जागरूकता से सुरक्षित समाज

अभिभावकों और समाज को चाहिए कि वे बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें सुरक्षित माहौल दें। ऐसी घटनाओं में कानूनी प्रक्रिया और प्रशासन का सहयोग आवश्यक है। इस खबर को साझा करें और बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाएं।

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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