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आम्रपाली परियोजना के एक नंबर बैरियर पर अवैध वसूली की शिकायत के बाद पुलिस निरीक्षण तेज हुआ

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#चतरा #पुलिस_जांच : उपद्रवी तत्वों की अवैध वसूली की सूचना पर एएसपी ने संयुक्त टीम के साथ बैरियर की स्थिति का लिया विस्तृत जायजा
  • अपर पुलिस अधीक्षक प्रभात रंजन बरवार ने आम्रपाली परियोजना के एक नंबर बैरियर का औचक निरीक्षण किया।
  • निरीक्षण में थाना प्रभारी अनिल उराँव सहित संयुक्त टंडवा पुलिस टीम मौजूद रही।
  • फर्जी संगठन बनाकर वाहनों से अवैध वसूली की शिकायतों के बाद जांच तेज।
  • 17 सीएल एक्ट से जुड़े कुछ सहयोगियों और शरारती तत्वों पर संदेह।
  • एएसपी ने कहा—दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

टंडवा प्रखंड के आम्रपाली कोल परियोजना में अवैध वसूली की लगातार मिल रही शिकायतों ने प्रशासन को सक्रिय कर दिया है। गुरुवार को अपर पुलिस अधीक्षक प्रभात रंजन बरवार ने एक नंबर बैरियर का औचक निरीक्षण किया, जिसमें थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर अनिल उराँव और संयुक्त पुलिस टीम भी शामिल रही। निरीक्षण का उद्देश्य बैरियर पर चल रही गतिविधियों और अवैध वसूली की शिकायतों की वास्तविकता जानना था। पुलिस टीम ने वाहनों की आवाजाही, स्टॉपिंग पॉइंट और संभावित अवैध वसूली के ठिकानों का गहन निरीक्षण किया। इस प्रक्रिया ने जांच को और अधिक विस्तृत और केंद्रित बनाया, जिससे क्षेत्र में पिछले दिनों चर्चा में आए आरोपों की पड़ताल को गति मिली।

अवैध वसूली की खबर बनी कार्रवाई की वजह

हाल के दिनों में यह रिपोर्ट सामने आई थी कि कुछ उपद्रवी तत्व फर्जी संगठन बनाकर कोयला लोडेड वाहनों से अवैध वसूली कर रहे हैं। मीडिया के जरिए प्रकाशित इस जानकारी ने प्रशासन की चिंताओं को बढ़ा दिया। बताया गया कि ये समूह वाहन चालकों पर दबाव बनाकर उनसे धनराशि की मांग कर रहे थे और इस प्रक्रिया में भय का माहौल पैदा कर रहे थे। बैरियर से गुजरने वाले ट्रक चालकों को सुरक्षा, पास चेकिंग या स्लिप सत्यापन के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा था। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एएसपी ने स्वयं मौके का निरीक्षण करने का निर्णय लिया।

17 सीएल एक्ट के सहयोगियों पर भी उठा संदेह

पुलिस जांच में यह भी पाया गया कि 17 सीएल एक्ट के कुछ सहयोगी और अन्य शरारती तत्व बैरियर के बाहर सक्रिय हैं। आरोप है कि ये लोग सीसीएल की लोडिंग स्लिप काटकर अपना समानांतर अवैध सिस्टम चला रहे हैं, जो कोयला परिवहन व्यवस्था को बाधित कर रहा है। पुलिस ने इन तत्वों की गतिविधियों को संदिग्ध मानते हुए उनकी पहचान, भूमिका और नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है।

एएसपी का कड़ा संदेश—“दोषी कोई भी हो, कार्रवाई निश्चित”

निरीक्षण के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक प्रभात रंजन बरवार ने स्पष्ट कहा कि अवैध वसूली में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच जारी है और सबूतों के आधार पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

प्रभात रंजन बरवार ने कहा: “अवैध वसूली की शिकायत गंभीर मामला है। जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

उन्होंने यह भी अपील की कि यदि किसी चालक या नागरिक को इस प्रकार की गतिविधियों की जानकारी मिले, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। स्थानीय स्तर पर सहयोग मिलने से इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। निरीक्षण के दौरान इलाके की पूरी स्थिति का वीडियो और दस्तावेजीकरण किया गया ताकि आगे की कार्रवाई में इसका उपयोग हो सके।

पुलिस टीम की सतर्कता और मौके पर मौजूद अधिकारी

निरीक्षण के दौरान टंडवा पुलिस बल पूरी तरह सतर्क रहा। बैरियर के विभिन्न हिस्सों—जैसे एंट्री पॉइंट, चेकिंग पॉइंट और एग्ज़िट लेन—की बारिकी से जांच की गई। टीम ने वाहन चालकों से बातचीत कर उनकी समस्याओं और अनुभवों को भी जाना।
इस दौरान थाना प्रभारी अनिल उराँव के नेतृत्व में पुलिस कर्मियों ने बैरियर के आसपास के क्षेत्रों को खंगाला और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी।

स्थानीय प्रशासन और खनन क्षेत्रों की चुनौतियाँ

अम्रपाली परियोजना झारखंड के सबसे महत्वपूर्ण कोल क्षेत्रों में से एक है, जहाँ हजारों वाहन दैनिक रूप से गुजरते हैं। ऐसे में अवैध वसूली जैसी गतिविधियाँ उद्योग, सुरक्षा और स्थानीय प्रशासन—तीनों पर गंभीर प्रभाव डालती हैं। बैरियर पर हो रही ऐसी घटनाएँ न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बनती हैं बल्कि सरकार के राजस्व को भी प्रभावित करती हैं।

न्यूज़ देखो: बैरियर पर अवैध वसूली रोकना पुलिस-प्रशासन की पहली जिम्मेदारी

अम्रपाली बैरियर से जुड़ी यह पूरी घटना बताती है कि बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में निगरानी की जरूरत लगातार बनी रहती है। पुलिस का यह निरीक्षण सही दिशा में उठाया गया कदम है, लेकिन इसकी निरंतरता ही अपराध पर रोक लगा सकती है। अब जिम्मेदारी है कि जांच ठोस नतीजों तक पहुँचे और दोषियों को सजा मिले।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सुरक्षित संसाधन, सुरक्षित भविष्य—अब जिम्मेदारी हमारी भी

औद्योगिक क्षेत्रों की सुरक्षा केवल प्रशासन की ही नहीं, बल्कि समाज की भी सामूहिक जिम्मेदारी है। जब नागरिक सतर्क रहते हैं, शिकायतें करते हैं और गलत गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तभी क्षेत्र सुरक्षित बनता है। यह समय है कि हम सब मिलकर पारदर्शी और जिम्मेदार व्यवस्था बनाने में योगदान दें।
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और आसपास की गतिविधियों पर नजर रखें ताकि ऐसे मामलों को जड़ से खत्म किया जा सके।

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