
#गिरिडीह #बिजली_समस्या : हरिजन टोला में वर्षों से लंबित तार-पोल बदलने का मुद्दा ग्रामीणों ने यूनियन के माध्यम से उठाया
- खुरजियों हरिजन टोला में बिजली विभाग के संवेदक पर अधूरा काम छोड़ने का आरोप।
- झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन ने असिस्टेंट इंजीनियर को लिखित शिकायत सौंपी।
- 10 साल पुराना तार, कई स्थानों पर पोल नदारद, सुरक्षा जोखिम बढ़ा।
- गंगाधर महतो को ग्रामीणों द्वारा भेजे पत्र के बाद यूनियन सक्रिय हुई।
- यूनियन ने अधूरा कार्य तुरंत पूरा कराने की मांग की।
डुमरी प्रखंड के चेगडो पंचायत के खुरजियों गांव स्थित हरिजन टोला में बिजली से जुड़ी गंभीर समस्याओं को लेकर गुरुवार को झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन ने बड़ा कदम उठाया। ग्रामीणों द्वारा यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष गंगाधर महतो को भेजे गए पत्र के आधार पर यूनियन के प्रखंड अध्यक्ष राजेंद्र यादव और केंद्रीय महासचिव रवींद्र कुमार ने बिजली विभाग के सहायक अभियंता को एक विस्तृत शिकायत पत्र सौंपा। शिकायत में विभाग के संवेदक पर अधूरा काम छोड़कर कार्य बंद करने का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि टोला में दस वर्ष पुराना तार लगाया हुआ है, केबल तार बदला नहीं गया है और कई स्थानों पर पोल भी नहीं लगाए गए हैं, जिससे बिजली आपूर्ति असुरक्षित और अनियमित बनी हुई है।
ग्रामीणों की शिकायत—दस साल पुराने तार का खतरा
खुरजियों हरिजन टोला में बिजली लाइन की हालत लंबे समय से खराब बताई जा रही है। ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि 10 वर्ष पुराने तार झुलस चुके हैं और बारिश तथा हवा के दौरान चिंगारी निकलने का खतरा बना रहता है। कई जगह तार घरों की छत के बहुत करीब लटक रहा है जो किसी भी समय दुर्घटना का कारण बन सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि नए केबल तार डालने का आश्वासन तो दिया गया था, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया।
पोल की कमी से प्रभावित बिजली आपूर्ति
ग्रामीणों ने बताया कि कई जगह पर अभी भी पोल ही मौजूद नहीं हैं। जहां पुराने जर्जर पोल हैं, वे झुक चुके हैं और कभी भी गिर सकते हैं। ऐसे में बिजली आपूर्ति बाधित रहने के साथ-साथ जीवन और संपत्ति दोनों पर खतरा बना हुआ है। यूनियन नेताओं ने अपनी शिकायत में स्पष्ट लिखा है कि पोल निर्माण और स्थापना कार्य अत्यंत आवश्यक है और इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।
यूनियन ने संवेदक पर लगाया अधूरा काम छोड़ने का आरोप
शिकायत पत्र में उल्लेख है कि बिजली विभाग के संवेदक ने काम शुरू तो किया, लेकिन केबल बदलने, पोल लगाने और लाइन को व्यवस्थित करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य अधूरे छोड़ दिए। इससे ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ गया है। यूनियन ने कहा कि इस तरह की लापरवाही गरीब और वंचित तबके के जीवन से खिलवाड़ के समान है।
यूनियन की स्थिति और मांगें
शिकायत के बाद यूनियन के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे इस मामले को विभागीय स्तर पर गंभीरता से उठाएंगे।
राजेंद्र यादव ने कहा: “हरिजन टोला के लोगों की समस्या बहुत पुरानी है। विभाग को तुरंत अधूरा काम पूरा करना चाहिए ताकि लोगों को सुरक्षित और स्थायी बिजली आपूर्ति मिल सके।”
रवींद्र कुमार ने कहा: “संवेदक की लापरवाही से ग्रामीणों में असंतोष है। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो यूनियन जन आंदोलन के लिए बाध्य होगी।”
ग्रामीणों की उम्मीद—समस्या का जल्द समाधान
ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से समस्या बताने के बावजूद ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने आशा जताई कि यूनियन के हस्तक्षेप के बाद विभाग जल्द कार्यवाही करेगा और अधूरे काम को पूर्ण करेगा। विशेषकर पुराने तारों और पोलों की समस्या लोगों में निरंतर भय और असुविधा पैदा कर रही है।
न्यूज़ देखो: बिजली व्यवस्था पर लापरवाही नहीं चलेगी
खुरजियों हरिजन टोला का मामला साफ दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की चुनौतियाँ अक्सर संवेदकों की लापरवाही और विभागीय ढिलाई की वजह से गंभीर हो जाती हैं। यूनियन का हस्तक्षेप स्वागत योग्य है, लेकिन विभाग को भी जवाबदेही सुनिश्चित करने की जरूरत है। जब तक अधूरा काम पूरा नहीं होता, ग्रामीणों की सुरक्षा खतरे में ही रहेगी।
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सुरक्षित बिजली का अधिकार, समाधान की राह लोगों के साथ
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या केवल असुविधा नहीं होती, बल्कि सुरक्षा और विकास दोनों का प्रश्न बन जाती है। यह जरूरी है कि हर नागरिक अपनी समस्या रखने से न हिचके और यूनियन, प्रशासन तथा जनप्रतिनिधि जिम्मेदारी से काम करें।
आप भी अपने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए जागरूक रहें, अपनी राय नीचे कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और अपनी भागीदारी से बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाएँ।





