
#पलामू #फोर्थग्रेडविवाद – स्थानीयता की अनदेखी और भाषा नीति को लेकर बहुजन समाज पार्टी का आक्रोश, चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी
- फोर्थ ग्रेड बहाली में स्थानीयों की अनदेखी पर बसपा ने किया सवाल
- बसपा प्रत्याशी कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने भाषा उपेक्षा पर सरकार को घेरा
- पटना अधिवेशन के बाद पलामू में चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत
- पहले धरना, फिर आमरण अनशन करेगी पार्टी
- 26 जून को पटना में बसपा कार्यकर्ताओं की होगी भारी जुटान
स्थानीय हकों की लड़ाई: बसपा का आंदोलन
पलामू जिले में चतुर्थ वर्गीय (फोर्थ ग्रेड) कर्मचारियों की बहाली प्रक्रिया और भाषा से जुड़े विवाद को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने कहा है कि स्थानीय युवाओं को बहाली में नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि विज्ञापन में स्थानीय भाषा और क्षेत्रीयता की कोई स्पष्ट प्राथमिकता नहीं दर्शाई गई है।
बसपा का कहना है कि बहाली प्रक्रिया में मैट्रिक मेरिट को आधार बनाया गया, लेकिन स्थानीय उम्मीदवारों को दरकिनार किया जा रहा है, जो पलामू के बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय है।
हुसैनाबाद से बोले कुशवाहा शिवपूजन मेहता
बसपा नेता और हुसैनाबाद विधानसभा के पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने स्पष्ट कहा कि,
“पलामू के युवाओं को भाषा और क्षेत्रीय पहचान के नाम पर बार-बार उपेक्षित किया जाता है। इस बार भी वही दोहराया जा रहा है, लेकिन बसपा अब चुप नहीं बैठेगी।”
उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी अब स्थानीयता और भाषा के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरेगी और अनदेखी के खिलाफ आवाज बुलंद करेगी।
पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत करने की तैयारी
बसपा ने यह भी ऐलान किया है कि फोर्थ ग्रेड बहाली के मुद्दे के साथ-साथ वह पलामू के सभी विधानसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर पर संगठन मजबूत करेगी। गांव-गांव तक जाकर युवाओं और कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाएगा।
आंदोलन का रोडमैप तैयार
बसपा ने स्पष्ट किया है कि पटना में 26 जून को आयोजित होने वाले पार्टी अधिवेशन के बाद पलामू में आंदोलन की शुरुआत होगी। पहले चरण में धरना प्रदर्शन, और उसके बाद आमरण अनशन किया जाएगा।
पार्टी का कहना है कि यह अनशन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि स्थानीय युवाओं की मांगों को सरकार द्वारा मान नहीं लिया जाता। आंदोलन में सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
न्यूज़ देखो: हक की लड़ाई में सड़क से सदन तक
पलामू में फोर्थ ग्रेड बहाली और भाषा विवाद को लेकर शुरू हुई यह सियासत अब आंदोलन के मोड़ पर पहुंच गई है। बहुजन समाज पार्टी ने जो रुख अपनाया है, वह आने वाले दिनों में प्रशासन और सरकार के लिए चुनौती बन सकता है। न्यूज़ देखो इस जन-आवाज को मंच देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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