
#गिरिडीह #PDS_घोटाला – महिला समिति पर राशन गबन का आरोप, फॉरवर्ड ब्लॉक ने जांच पर उठाए सवाल
- चेंगरबासा गांव में अप्रैल माह का PDS राशन कार्डधारकों को नहीं मिला
- महिला जागृति विकास समिति पर अनियमितता के आरोप
- फॉरवर्ड ब्लॉक नेता राजेश यादव ने निष्पक्ष जांच की मांग की
- ग्रामीणों ने आपूर्ति पदाधिकारी की जांच पर जताया संदेह
- प्रशासन को चेतावनी – लीपापोती हुई तो होगा आंदोलन
चेंगरबासा में पीडीएस घोटाले से उपजे ग्रामीणों का गुस्सा
गिरिडीह जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत चेंगरबासा गांव में अप्रैल माह का राशन वितरित नहीं होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि महिला जागृति विकास समिति द्वारा संचालित PDS केंद्र पर राशन का गबन किया गया। इस गंभीर अनियमितता को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और अब मामला राजनीतिक रंग ले चुका है।
फॉरवर्ड ब्लॉक ने उठाया मामला, मांगी निष्पक्ष जांच
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के नेता और पूर्व जिला परिषद सदस्य राजेश यादव ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि गांव में कार्डधारकों को अप्रैल का राशन नहीं मिला, जो बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई पहली घटना नहीं है – इससे पहले भी राशन वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें इसी गांव से आई हैं।
“स्थानीय लोगों की शिकायतें पूरी तरह वाजिब हैं। यदि इस बार भी लीपापोती हुई, तो फॉरवर्ड ब्लॉक जनता के साथ मिलकर आंदोलन करेगा।” – राजेश यादव
आपूर्ति पदाधिकारी की जांच पर संदेह, ग्रामीणों में रोष
सदर प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी (MO) ने इस मामले की प्राथमिक जांच के लिए गांव का दौरा किया है, लेकिन फॉरवर्ड ब्लॉक और ग्रामीणों को रिपोर्ट की निष्पक्षता पर संदेह है। राजेश यादव ने कहा कि “अब तक की व्यवस्थाओं को देखते हुए भरोसा करना मुश्किल है कि दोषियों पर कार्रवाई होगी।”
विरोध में उतरे ग्रामीण, नामजद लोग बोले – कार्रवाई हो
इस मामले को लेकर हीरालाल वर्मा, दिनेश राम, लखन वर्मा, यशवीर मुर्मू, द्रौपदी देवी, बसंती देवी, सुकुरमनी मरांडी, जीबलाल महतो, सत्येंद्र वर्मा जैसे दर्जनों ग्रामीणों ने सार्वजनिक रूप से विरोध दर्ज कराया है। इनका कहना है कि जब गरीबों का हक छीना जाता है, तो आवाज उठाना ज़रूरी है।
न्यूज़ देखो: गरीबों का हक छीनना सबसे बड़ा अपराध
गरीबों के लिए राशन जीवन रेखा है और इसका गबन कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। न्यूज़ देखो मानता है कि प्रशासन को हर हाल में दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि यह संदेश जाए कि गरीबों का हक छीनने वालों को सजा मिलेगी।
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जवाबदेही जरूरी, नहीं तो आंदोलन तय
राजनीतिक हस्तक्षेप और जनता का दबाव यह साफ संकेत देता है कि अब जवाबदेही से बचा नहीं जा सकता। फॉरवर्ड ब्लॉक ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में ढील बरती गई तो क्षेत्र में बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा, और प्रशासन को सीधे तौर पर इसका जिम्मेदार ठहराया जाएगा।