
#पांडू #अंबेडकर_परिनिर्वाणदिवस : पांडू प्रखंड में 7 दिसंबर को पूजा-अर्चना, सम्मान समारोह और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का सर्वसम्मत निर्णय लिया गया।
- पांडू प्रखंड में बाबा साहब अंबेडकर की 69वीं परिनिर्वाण दिवस तैयारी को लेकर बैठक आयोजित।
- 7 दिसंबर को पूजा-अर्चना, सम्मान समारोह और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन तय।
- बैठक का नेतृत्व रविरंजन कुमार, विजय मंडेला और अभय कुमार ने किया।
- कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने में कई ग्रामीण, युवा और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे।
- सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने अंबेडकर की विरासत और सामाजिक न्याय के महत्व पर विचार रखे।
पलामू जिले के पांडू प्रखंड में आज एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 69वीं परिनिर्वाण दिवस मनाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के इस प्रखंड स्तरीय कार्यक्रम के लिए सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि 7 दिसंबर को पूजा-अर्चना, सम्मान समारोह और सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ एक भव्य आयोजन किया जाएगा। बैठक में युवाओं, ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया और कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा तैयार की।
कार्यक्रम की तैयारी और नेतृत्व
बैठक का संचालन युवा नेता रविरंजन कुमार, विजय मंडेला और अभय कुमार ने संयुक्त रूप से किया। इन नेताओं ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह आयोजन न केवल बाबा साहब की स्मृति को सम्मान देने के लिए है, बल्कि समाज के हर वर्ग में उनके विचारों को जीवित रखने का माध्यम भी है। बैठक में उपस्थित जगदीश राम, आकाश, बुधन जी, ज्ञानचंद जी, विनोद राम समेत कई ग्रामीणों ने अपने सुझाव साझा किए और कार्यक्रम को सफल बनाने के प्रति उत्साह दिखाया।
बाबा साहब की विरासत पर प्रेरक संबोधन
कार्यक्रम में शामिल विश्रामपुर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने बाबा साहब की महानता और उनके योगदान पर विस्तार से बात की।
उन्होंने कहा—
सुधीर कुमार चंद्रवंशी:
“डॉ. भीमराव अंबेडकर जी केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के प्रतीक हैं। उनका जीवन संघर्ष हमें यह सिखाता है कि समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब हर वर्ग को सम्मान और अवसर मिले। उनके विचार आज भी मार्गदर्शन देते हैं और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवाओं में संविधान, शिक्षा और सामाजिक समानता के महत्व को समझाते हैं और उन्हें समाज के प्रति अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए प्रेरित करते हैं।
शांतिपूर्ण और सर्वसमावेशी आयोजन का संकल्प
बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने यह संकल्प लिया कि 7 दिसंबर को होने वाला यह कार्यक्रम अनुशासन, शांति और सौहार्द के साथ संपन्न होगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि समाज के हर वर्ग की भागीदारी रहे और अंबेडकर जी के विचारों को जन-जन तक पहुँचाया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी उनके योगदान को समझ सकें और उनसे प्रेरणा ले सकें।
न्यूज़ देखो: सामाजिक न्याय और एकता की दिशा में मजबूत कदम
पांडू में अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस के लिए की गई यह तैयारी समाज में जागरूकता, एकजुटता और समानता की भावना को बढ़ाने का एक सराहनीय प्रयास है। ऐसे आयोजन लोगों को संविधान के मूल्यों से जोड़ते हैं और सामाजिक सुधार की दिशा में नए रास्ते खोलते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
समानता के मार्ग पर चलें, समाज में जागरूकता फैलाएं
बाबा साहब की शिक्षा हमें न्याय, समानता और भाईचारे का संदेश देती है। ऐसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेना समाज को एक बेहतर दिशा देता है।
अब समय है कि हम सभी मिलकर इस संदेश को आगे बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और जागरूकता की इस मशाल को और तेज़ करें।





