
#झारखंडचुनाव #नगरनिकाय : राज्य निर्वाचन आयोग ने एक चरण में मतदान का संकेत दिया
- राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) ने 48 नगर निकायों में एक ही चरण में चुनाव कराने की तैयारी शुरू की।
- जिलों से वार्ड आरक्षण प्रस्ताव भेजने और विस्तृत कैलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया गया।
- नया आरक्षण फॉर्मूला: ST → SC → BC-1 → BC-2 → अनारक्षित।
- मेयर/अध्यक्ष पदों पर चक्रीय आरक्षण समाप्त, जबकि वार्ड पार्षदों पर चक्रीय आरक्षण जारी।
- रांची, आदित्यपुर (ST), गिरिडीह (SC) और हजारीबाग (OBC) में मेयर पद के आरक्षण के संकेत।
- जनवरी अंत या फरवरी के पहले सप्ताह में अधिसूचना जारी होने की संभावना।
झारखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर तैयारियाँ पूरी रफ्तार पर हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट संकेत दिया है कि सभी 48 नगर निकायों में इस बार चुनाव एक चरण में कराए जाएंगे। इसके लिए जिलों को विस्तृत तैयारी कैलेंडर तैयार करने, वार्ड आरक्षण प्रस्ताव भेजने और प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं। आयोग जनवरी में आरक्षण सूची को अंतिम रूप देने की तैयारी में है। इसके बाद चुनाव कार्यक्रम का औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
नए आरक्षण नियमों के साथ चुनावी प्रक्रिया तेज
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार नगर निकायों के लिए नए आरक्षण फॉर्मूले की पुष्टि की है। वार्ड पार्षदों के लिए चक्रीय आरक्षण व्यवस्था जारी रहेगी, लेकिन मेयर और अध्यक्ष पदों पर चक्रीय आरक्षण समाप्त कर दिया गया है। नई क्रम व्यवस्था इस प्रकार तय की गई है:
ST → SC → BC-1 → BC-2 → Unreserved
आयोग की गणना के अनुसार, राज्य में 50% आरक्षण सीमा लागू होने के कारण 9 नगर निगमों में से केवल 4 में मेयर पद आरक्षित होंगे। शुरुआती संकेतों के आधार पर संभव आरक्षण इस प्रकार माना जा रहा है:
- रांची नगर निगम — ST
- आदित्यपुर नगर निगम — ST
- गिरिडीह नगर निगम — SC
- हजारीबाग नगर निगम — OBC
- देवघर, धनबाद, चास, मेदिनीनगर, मानगो — अनारक्षित
नई व्यवस्था के अनुसार, किसी वर्ग की जनसंख्या यदि 1% से कम पाई जाती है तो उस वर्ग के लिए आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों को वार्डवार जनसंख्या का सूक्ष्म अध्ययन करने का निर्देश दिया गया है।
जिला प्रशासन में तैयारियाँ हुई तेज
आयोग के ताज़ा निर्देश मिलते ही जिला प्रशासन ने चुनावी तैयारियाँ तेज कर दी हैं।
प्रमुख कार्य आरंभ:
- मतदाता सूची अपडेट
- मतदान केंद्र और बूथों का पुनर्गठन
- कर्मियों की तैनाती सूची
- संवेदनशील व अतिसंवेदनशील बूथों की पहचान
- मतदाता जागरूकता अभियान की योजना
- सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रारंभिक ब्लू-प्रिंट
आयोग ने उम्मीदवारों की योग्यता/अयोग्यता, चुनाव खर्च सीमा, नामांकन प्रक्रिया और आचार संहिता को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश भी सभी जिलों को भेज दिए हैं।
आयोग ने हाईकोर्ट को भी अवगत कराया है कि 8 सप्ताह के भीतर सभी तैयारियाँ पूरी कर ली जाएंगी और अगले 45 दिनों में चुनाव संपन्न करवा लिए जाएंगे।
जनवरी अंत या फरवरी की शुरुआत में अधिसूचना
वार्डों और मेयर/अध्यक्ष पदों का आरक्षण अंतिम रूप लेने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव अधिसूचना जारी करेगा। संभावना है कि अधिसूचना जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह में जारी हो सकती है।
गौरतलब है कि सभी नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और वर्तमान में इनका संचालन अधिकारियों के प्रशासनिक नियंत्रण में चल रहा है। चुनाव संपन्न होने के बाद स्थानीय निकायों का संचालन पुनः जनप्रतिनिधियों के हाथों में चले जाएगा।
न्यूज़ देखो: स्थानीय निकायों में नई दिशा का संकेत
नगर निकाय चुनावों में नया आरक्षण फॉर्मूला झारखंड में राजनीतिक समीकरणों को बदलेगा। मेयर पद पर चक्रीय आरक्षण हटने से स्थानीय नेतृत्व को स्थायित्व और स्पष्टता मिलेगी। प्रशासनिक नियंत्रण में चल रहे निकायों को एक बार फिर जनता के हाथों सौंपने की प्रक्रिया तेज हो चुकी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बदलाव की ताक़त आपके हाथों
नगर निकाय चुनाव सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि आपके क्षेत्र के विकास की नींव है। मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, अपने वार्ड की आवाज़ को मजबूत बनाएं। स्वच्छता, सड़कें, पानी, रोशनी—हर सुविधा चुनावी भागीदारी से जुड़ी है।
अपना मत ज़रूर दें, दूसरों को भी प्रेरित करें।
अगर यह खबर महत्वपूर्ण लगे तो कमेंट कर अपनी राय बताएं और इसे दूसरों तक साझा करें।





