
#पाण्डु #शिक्षा_जागरूकता : दरूआ में आयोजित पीटीएम ने अभिभावक और शिक्षक सहभागिता के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मजबूत संदेश दिया।
- उत्क्रमित मध्य विद्यालय दरूआ में अभिभावक–शिक्षक संगोष्ठी का सफल आयोजन।
- मुखिया श्रीमती पूनम देवी की अध्यक्षता और हेडमास्टर सकील हैदर का संचालन।
- नियमित उपस्थिति, अनुशासन और समयबद्धता पर विशेष जोर।
- बाल विवाह निषेध, पोक्सो एक्ट और इको क्लब प्रयास कार्यक्रम की जानकारी।
- इको क्लब के तहत 100 प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों को मेडल देकर सम्मान।
- सभी शिक्षकगणों और अभिभावकों की सक्रिय सहभागिता से कार्यक्रम रहा प्रेरणादायक।
पलामू जिले के पाण्डु प्रखंड अंतर्गत तीसीबार पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय दरूआ में आयोजित अभिभावक–शिक्षक संगोष्ठी केवल एक औपचारिक बैठक नहीं रही, बल्कि यह शिक्षा के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी और जागरूकता का सशक्त उदाहरण बनकर सामने आई। बड़ी संख्या में अभिभावकों की मौजूदगी ने यह साबित कर दिया कि यदि सही दिशा और संवाद मिले, तो शिक्षा को लेकर समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है। विद्यालय परिसर में पूरे कार्यक्रम के दौरान उत्साह, संवाद और भविष्य के प्रति आशा की स्पष्ट झलक देखने को मिली।
अभिभावक और शिक्षक सहभागिता पर दिया गया जोर
कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचायत की मुखिया श्रीमती पूनम देवी ने की, जबकि मंच संचालन विद्यालय के हेडमास्टर सकील हैदर द्वारा किया गया। अपने संबोधन में हेडमास्टर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बच्चों का उज्ज्वल भविष्य तभी सुनिश्चित हो सकता है, जब शिक्षक और अभिभावक मिलकर साझा जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने नियमित उपस्थिति, समय पर विद्यालय पहुंचने और अनुशासन को शिक्षा की नींव बताया।
हेडमास्टर ने कहा कि विद्यालय केवल पढ़ाने की जगह नहीं, बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण का केंद्र है। यदि अभिभावक बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके व्यवहार और समय प्रबंधन पर भी ध्यान दें, तो परिणाम और बेहतर होंगे।
सामाजिक मुद्दों पर भी हुई सार्थक चर्चा
पीटीएम के दौरान केवल शैक्षणिक विषयों तक ही चर्चा सीमित नहीं रही, बल्कि बच्चों और समाज से जुड़े अहम सामाजिक मुद्दों पर भी विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में बाल विवाह निषेध, पोक्सो एक्ट और इको क्लब प्रयास कार्यक्रम पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।
अभिभावकों को बताया गया कि बाल विवाह बच्चों के भविष्य को किस तरह प्रभावित करता है और इसके कानूनी दुष्परिणाम क्या हैं। पोक्सो एक्ट के माध्यम से बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों की जानकारी दी गई, जिससे अभिभावकों में जागरूकता बढ़ी।
इको क्लब के प्रयासों को मिला सम्मान
इको क्लब प्रयास कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण और अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल की गई। कार्यक्रम के दौरान एक माह तक 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करने वाले बच्चों को मंच पर बुलाकर मेडल देकर सम्मानित किया गया।
मेडल प्राप्त करते समय बच्चों के चेहरों पर आत्मविश्वास और खुशी साफ झलक रही थी। इस सम्मान ने न केवल उन बच्चों को प्रोत्साहित किया, बल्कि अन्य विद्यार्थियों को भी नियमित उपस्थिति और अनुशासन अपनाने के लिए प्रेरित किया।
मुखिया की अपील शिक्षा को दें सर्वोच्च प्राथमिकता
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पंचायत मुखिया श्रीमती पूनम देवी ने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है, जो बच्चों को आत्मनिर्भर, सशक्त और जिम्मेदार नागरिक बनाती है।
मुखिया ने सभी अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को प्रतिदिन सही समय पर विद्यालय भेजें, उनकी पढ़ाई में रुचि लें और शिक्षकों के साथ नियमित संवाद बनाए रखें। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
नए शिक्षक का भरोसा, जिले में पहचान का लक्ष्य
हाल ही में विद्यालय में योगदान देने वाले शिक्षक शैलेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि इतनी बड़ी संख्या में अभिभावकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति देखकर उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि शिक्षक, अभिभावक और समाज के सामूहिक प्रयास से यह विद्यालय शैक्षणिक गुणवत्ता के मामले में जिले में अपनी अलग पहचान बनाएगा।
उन्होंने कहा कि बच्चों की क्षमता को निखारने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे और शिक्षा के स्तर में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
सभी शिक्षकों की सक्रिय भूमिका
इस पीटीएम में विद्यालय के सभी शिक्षकगणों की सक्रिय सहभागिता रही। कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों में—
- शैलेश कुमार सिंह
- संजय कुमार
- रबी बैजनाथ मेहता
- शोभा कुमारी
- रविन्द्र लाल
- एजाज अंसारी
सहित अन्य शिक्षक शामिल रहे। सभी शिक्षकों ने अभिभावकों से संवाद किया और बच्चों की पढ़ाई, उपस्थिति और व्यवहार से संबंधित जानकारी साझा की।
संवाद और सहयोग से भरा सफल आयोजन
पूरे कार्यक्रम के दौरान अभिभावकों ने भी खुलकर अपनी बातें रखीं और शिक्षकों से सुझाव प्राप्त किए। इस संवादात्मक माहौल ने पीटीएम को केवल औपचारिकता तक सीमित न रखकर एक सार्थक पहल बना दिया। कार्यक्रम आपसी सहयोग, समझ और शिक्षा के प्रति नई उम्मीदों के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
न्यूज़ देखो: जब स्कूल और समाज साथ आते हैं
उत्क्रमित मध्य विद्यालय दरूआ में आयोजित यह पीटीएम दिखाता है कि जब शिक्षक, अभिभावक और पंचायत प्रतिनिधि एक मंच पर आते हैं, तो शिक्षा को नई दिशा मिलती है। सामाजिक मुद्दों, अनुशासन और प्रोत्साहन के साथ हुआ यह आयोजन अन्य विद्यालयों के लिए भी प्रेरणादायक मॉडल बन सकता है।
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शिक्षा से ही बदलेगा भविष्य
जब अभिभावक बच्चों की शिक्षा को गंभीरता से लेते हैं और शिक्षक पूरी निष्ठा से मार्गदर्शन करते हैं, तब समाज का भविष्य मजबूत होता है। दरूआ विद्यालय की यह पहल बताती है कि जागरूकता और सहयोग से बड़े बदलाव संभव हैं।
अब समय है कि हर अभिभावक शिक्षा को अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी माने और बच्चों के सपनों को साकार करने में सहभागी बने।
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