
#गिरिडीह #जनतादरबार : उपायुक्त ने जनता से संवाद कर त्वरित समाधान का भरोसा दिलाया
- जिला उपायुक्त रामनिवास यादव ने शुक्रवार को अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में साप्ताहिक जनता दरबार आयोजित किया।
- दर्जनों लोग व्यक्तिगत एवं सामुदायिक समस्याओं के समाधान के लिए पहुंचे।
- शिकायतों में भूमि विवाद, पेंशन, राशन, स्वास्थ्य, शिक्षा और अबुआ आवास योजना प्रमुख रहीं।
- कई मामलों का मौके पर निपटारा किया गया, शेष को विभागों को अग्रसारित कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया।
- अधिकारियों को लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने का आदेश दिया गया।
- प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को जनता दरबार में लोगों की शिकायतें सुनी जाती हैं।
गिरिडीह में शुक्रवार को आयोजित जनता दरबार में जिला उपायुक्त रामनिवास यादव ने आम जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुना। विभिन्न इलाकों से आए दर्जनों लोगों ने व्यक्तिगत और सामाजिक समस्याएं रखते हुए त्वरित समाधान की अपेक्षा जताई। मौके पर कई शिकायतों का निपटारा किया गया, जबकि अन्य को विभागीय स्तर पर भेजकर शीघ्र कार्रवाई का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने लोगों को भरोसा दिलाया कि प्रशासन हमेशा उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहेगा।
किन-किन समस्याओं के समाधान की कोशिश हुई?
जनता दरबार में शिकायतों का दायरा व्यापक रहा। सबसे अधिक मामले भूमि विवाद और दाखिल-खारिज से जुड़े थे। इसके अलावा मईया समान योजना से संबंधित परेशानियां, दिव्यांगजन के लिए ट्राई-साइकिल की मांग, पेंशन की मंजूरी में देरी, राशन कार्ड की समस्याएं, भू-अर्जन विवाद, पेयजल संकट, अबुआ आवास योजना के लंबित प्रकरण, शिक्षा विभाग और विद्यालय संचालन से जुड़ी शिकायतें सामने आईं। इन मुद्दों ने स्पष्ट किया कि ग्रामीण इलाकों में अब भी बुनियादी सुविधाओं की चुनौतियां मौजूद हैं।
उपायुक्त का संवेदनशील रुख
जनता दरबार में रामनिवास यादव ने प्रत्येक आवेदक से विस्तार से बात की और उनकी परेशानियां समझीं। उन्होंने उपस्थित सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि लंबित मामलों को प्राथमिकता देकर समयसीमा में निपटाया जाए।
उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा: “जनता दरबार केवल शिकायत दर्ज करने का मंच नहीं है, यह आम जनता और प्रशासन के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का माध्यम है। हमारा उद्देश्य है कि हर समस्या का त्वरित और प्रभावी समाधान हो ताकि प्रशासन पर लोगों का भरोसा कायम रहे।”
मौके पर हल हुए कई विवाद
दरबार के दौरान कुछ मामलों का समाधान तत्काल किया गया। उदाहरण के लिए, दाखिल-खारिज संबंधी विवाद में दस्तावेज़ों की तस्दीक कर विभागीय अधिकारी ने ऑन द स्पॉट निर्णय लिया। इसी तरह, राशन कार्ड की समस्या और स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में संबंधित विभाग को उसी समय आदेश दिए गए।
जनता दरबार की निरंतरता और महत्व
गौरतलब है कि जिला समाहरणालय में हर मंगलवार और शुक्रवार को जनता दरबार आयोजित होता है। इसमें जिले के अलग-अलग हिस्सों से लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जो लोग इन दिनों नहीं आ पाते, वे अन्य कार्यदिवसों में भी समाहरणालय पहुंचकर आवेदन दे सकते हैं। ऐसे मामलों का भी त्वरित समाधान किया जाएगा।
प्रशासन और जनता के बीच बढ़ता विश्वास
जिला प्रशासन का दावा है कि इस पहल से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। लोग अपनी बात सीधे शीर्ष अधिकारियों तक पहुंचा पा रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामले घट रहे हैं। उपायुक्त ने कहा कि जनता दरबार का मुख्य उद्देश्य लोगों की वास्तविक समस्याओं को समझना और समय पर समाधान देना है।
उपायुक्त ने कहा: “हर शिकायत हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमारा प्रयास है कि जिले का हर नागरिक प्रशासन से संतुष्ट महसूस करे।”
न्यूज़ देखो: जनता की आवाज़ तक पहुंचा प्रशासन
गिरिडीह का जनता दरबार सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि जनता और प्रशासन के बीच संवाद का भरोसेमंद पुल है। इससे यह संदेश जाता है कि समस्याओं को अनदेखा नहीं किया जाएगा। न्यूज़ देखो मानता है कि इस तरह की पारदर्शी पहलें अन्य जिलों में भी लागू होनी चाहिए ताकि लोकतंत्र की जड़ें और गहरी हों।
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