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दुमका जिले में तालाबों की बंदोबस्ती के लिए आम-डाक प्रक्रिया शुरू, 13 नवंबर तक करें आवेदन

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#दुमका #मत्स्य_विभाग : 2025–28 तक के लिए तालाबों की बंदोबस्ती हेतु आम-डाक सूचना जारी – इच्छुक आवेदक 10% सुरक्षा जमा राशि के साथ करें आवेदन
  • दुमका जिले के विभिन्न अंचलों के अवशिष्ट तालाबों और जलाशयों की बंदोबस्ती प्रक्रिया शुरू की गई।
  • यह बंदोबस्ती वर्ष 2025–26 से 2027–28 तक के लिए की जाएगी।
  • निविदा दाखिल करने की अंतिम तिथि 13 नवंबर, सुबह 11:30 बजे तक निर्धारित की गई है।
  • निविदा प्रक्रिया का स्थान जिला मत्स्य कार्यालय, दुमका रहेगा।
  • इच्छुक आवेदकों को 10% सुरक्षा जमा राशि के साथ आवेदन करना अनिवार्य है।
  • कुल 15 तालाबों/पोखर/बांधों की बंदोबस्ती की जाएगी, जिनमें दुमका, जामा, शिकारीपाड़ा, काठीकुंड, गोपीकांदर आदि अंचल शामिल हैं।

दुमका जिला प्रशासन ने मत्स्य व्यवसाय को प्रोत्साहित करने और स्थानीय लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से तालाब बंदोबस्ती की आम-डाक प्रक्रिया आरंभ की है। यह निर्णय जिले के मत्स्य पालन क्षेत्र में नई गति लाने और जल संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

बंदोबस्ती प्रक्रिया और शर्तें

जिला मत्स्य पदाधिकारी-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, दुमका द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इच्छुक व्यक्ति या संस्था को आवेदन के साथ 10 प्रतिशत सुरक्षा जमा राशि जमा करनी होगी। सफल निविदाकर्ता को निर्धारित समय सीमा में शेष राशि जमा करनी होगी, जिसके बाद ही तालाब की बंदोबस्ती प्रभावी होगी।

जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया: “इस प्रक्रिया का उद्देश्य मत्स्य पालन को संगठित करना और स्थानीय मत्स्यजनों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।”

सूचना में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रत्येक तालाब या जलाशय के लिए अलग-अलग आवेदन पत्र भरना आवश्यक होगा। इच्छुक व्यक्ति को निविदा शर्तों के अनुसार सभी दस्तावेज संलग्न करने होंगे।

मत्स्यपालन को बढ़ावा देने की दिशा में पहल

यह योजना न केवल दुमका जिले के जल संसाधनों के संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी नया संबल देगी। मत्स्य विभाग का लक्ष्य है कि तालाबों की वैज्ञानिक पद्धति से देखरेख हो, जिससे स्थानीय स्तर पर मत्स्य उत्पादन बढ़े और ग्रामीणों की आय में वृद्धि हो।

अधिकारियों के अनुसार, बंदोबस्त किए जाने वाले जलाशयों की सूची में जामा, शिकारीपाड़ा, काठीकुंड, गोपीकांदर और दुमका जैसे प्रमुख अंचल शामिल हैं। आवेदकों से अपेक्षा की गई है कि वे निर्धारित समय-सीमा के भीतर आवेदन प्रक्रिया पूरी करें

प्रशासन की पारदर्शी नीति

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक आम-डाक प्रणाली के तहत होगी। निविदा की शर्तों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी तय की गई है। साथ ही, विभाग ने जनता से अपील की है कि वे नियमों का पालन करते हुए इस योजना का लाभ उठाएं।

न्यूज़ देखो: स्थानीय विकास की नई राह

यह पहल बताती है कि झारखंड सरकार और दुमका जिला प्रशासन स्थानीय संसाधनों के उपयोग से रोजगार सृजन पर गंभीरता से काम कर रहे हैं। मत्स्यपालन जैसे पारंपरिक क्षेत्र को संगठित और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, ग्रामीण विकास की दिशा में बड़ा कदम है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आज ही उठाएं कदम, बनें बदलाव के सहभागी

स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए नागरिकों की भागीदारी सबसे अहम है।
यदि आप मत्स्य पालन से जुड़े हैं या इस क्षेत्र में रुचि रखते हैं, तो यह अवसर आपके लिए है।
समय पर आवेदन करें, और दुमका के मत्स्य विकास अभियान का हिस्सा बनें।
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और स्थानीय आजीविका को सशक्त करने में योगदान दें।

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Saroj Verma

दुमका/देवघर

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