
#महुआडांड़ #सड़कनिर्माणविवाद : लखेपुर में जारी आरसीसी सड़क निर्माण पर ग्रामीणों ने मानक से कम GSB बिछाने सहित कई गंभीर अनियमितताओं की शिकायत की
- लखेपुर गांव में 22 लाख रुपये की लागत से सड़क निर्माण कार्य पर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए।
- ग्रामीणों के अनुसार सड़क की GSB मोटाई मात्र 1–3 इंच, जबकि मानक 8 इंच होनी चाहिए।
- निर्माण कार्य एकलव्य आदर्श विद्यालय से PWD पथ तक जारी, परियोजना विशेष प्रमंडल द्वारा संचालित।
- स्थानीय लोगों ने कहा कि गुणवत्ता में कमी से सड़क जल्द ही टूट-फूट और असुरक्षित हो जाएगी।
- ग्रामीणों ने तत्काल जांच, रोकथाम और गुणवत्ता परीक्षण की मांग की।
- अभी तक अधिकारियों की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई।
महुआडांड़ प्रखंड के लखेपुर गांव में 22 लाख रुपये की आरसीसी सड़क निर्माण परियोजना को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि संवेदक द्वारा मानकों की अनदेखी कर सड़क की नींव में गंभीर गड़बड़ियां की जा रही हैं। उनका कहना है कि GSB की मोटाई मानक 8 इंच के बजाय केवल 1 से 3 इंच के बीच बिछाई जा रही है, जिससे सड़क की मजबूती और आयु पर बड़ा खतरा उत्पन्न होगा। निर्माण कार्य एकलव्य आदर्श विद्यालय से PWD पथ तक जारी है और इसे विशेष प्रमंडल द्वारा संचालित किया जा रहा है। ग्रामीणों ने निर्माण की गुणवत्ता को लेकर तत्काल जांच और सुधार की मांग रखी है, जबकि अभी तक अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
ग्रामीणों की शिकायतें और जमीन पर दिख रही अनियमितताएँ
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार परियोजना का प्रारंभिक कार्य शुरू होते ही अनियमितताओं की तस्वीर साफ दिखने लगी थी। उनका कहना है कि:
- GSB की मोटाई मानक 8 इंच की जगह केवल 1–3 इंच बिछाई गई
- मिट्टी और पत्थर मिश्रण में आवश्यक ग्रेडेशन का पालन नहीं हुआ
- संपीड़न (कम्पैक्शन) में भी लापरवाही के संकेत मिले
ग्रामीणों ने बताया कि कई जगहों पर सड़क की नींव को हाथ से हटाने की कोशिश में ही सामग्री ढह जा रही है, जो गंभीर इंजीनियरिंग लापरवाही का संकेत है।
परियोजना का महत्व और संभावित खतरा
एकलव्य आदर्श विद्यालय से PWD मुख्य सड़क तक यह मार्ग ग्रामीणों, छात्रों और दैनिक आवागमन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन नींव में भारी गड़बड़ी से भविष्य में कई समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं:
- पहली ही बारिश में सड़क उखड़ने की आशंका
- आवागमन में जोखिम, दुर्घटना की संभावना
- बार-बार मरम्मत में सरकारी राशि की बर्बादी
- ग्रामीणों को पुनः परेशानी का सामना
स्थानीय लोगों ने आशंका जताई कि यदि इसी तरह निर्माण जारी रहा तो सड़क एक-दो साल भी टिक नहीं पाएगी।
ग्रामीणों की जांच और कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से संबंधित विभाग और विशेष प्रमंडल से मांग की है कि:
- पूरे निर्माण स्थल का निरीक्षण कराया जाए
- GSB की मोटाई और गुणवत्ता का तत्काल परीक्षण किया जाए
- संवेदक को मानक के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए जाएँ
- आवश्यकता पड़ने पर काम को रोककर नया आदेश जारी किया जाए
ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना के नाम पर धन खर्च हो रहा है, इसलिए सड़क को मजबूत, टिकाऊ और सुरक्षित बनाना प्रशासनिक जिम्मेदारी है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
इस मामले में अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की ओर से टिप्पणी सामने नहीं आई है। ग्रामीण कहते हैं कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो निर्माण पूरा होने के बाद सुधार नि:संदेह कठिन और खर्चीला हो जाएगा। अब पूरा गांव प्रशासनिक हस्तक्षेप और तकनीकी जांच का इंतजार कर रहा है।
न्यूज़ देखो: विकास कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करना अनिवार्य, लखेपुर मामला गंभीरता से लेने की जरूरत
लखेपुर में सड़क निर्माण को लेकर उठे सवाल बताते हैं कि विकास परियोजनाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता की निगरानी कितनी आवश्यक है। यदि ग्रामीणों के आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और लापरवाह इंजीनियरिंग का गंभीर मामला बन सकता है। प्रशासन को तत्काल जांच कर वास्तविक स्थिति सामने लानी चाहिए ताकि आवागमन से जुड़े जोखिम और भविष्य की क्षति रोकी जा सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जिम्मेदारी विकास की, भागीदारी जनता की
सड़कें किसी भी गांव की जीवनरेखा होती हैं और उनकी गुणवत्ता सीधे लोगों की सुरक्षा व सुविधा को प्रभावित करती है। ऐसे मामलों पर आवाज उठाना ग्रामीणों की जागरूकता का सकारात्मक संकेत है, जिससे बेहतर प्रशासनिक कार्रवाई संभव होती है। अब समय है कि हम सभी मानक आधारित निर्माण की मांग को और मजबूत करें, गलतियों पर सवाल उठाएँ और पारदर्शिता बढ़ाने में सहयोग दें।
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