
#बानो #कृषि_प्रशिक्षण : एटिक सेंटर बानो में रबी फसल की आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक खेती पर केंद्रित एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
- रबी मौसम की फसलों के लिए उन्नत, उच्च उपज देने वाली और रोग प्रतिरोधी किस्मों की जानकारी दी गई।
- वैज्ञानिक फसल नियोजन और मौसम-आधारित खेती की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा।
- जल प्रबंधन, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम के फायदों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया।
- एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) तथा सुरक्षित कीटनाशक उपयोग पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
- कार्यशाला में बड़े पैमाने पर किसान उपस्थित रहे और आधुनिक खेती तकनीकों को समझा।
बानो, सिमडेगा: एटिक सेंटर बानो में रबी फसल के सफल उत्पादन को लेकर एकदिवसीय महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों को आधुनिक, वैज्ञानिक और व्यावहारिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला का उद्देश्य किसानों को आगामी रबी मौसम में बेहतर उपज, कम लागत और सुरक्षित खेती के तरीकों से अवगत कराना था। इसमें क्षेत्र के कई किसानों ने भाग लेकर नई तकनीकों को समझा और विशेषज्ञों से सवाल पूछे।
रबी फसलों की उन्नत किस्में और उनके लाभ
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने किसानों को रबी सीजन में बोई जाने वाली प्रमुख फसलों—गेहूं, सरसों और चना—की उच्च उपज देने वाली और रोग प्रतिरोधी किस्मों के बारे में जानकारी दी। खेती के लिए उपयुक्त किस्म का चयन फसल की उत्पादकता बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है, इसलिए विशेषज्ञों ने किस्म चयन से लेकर बीज उपचार तक हर प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया। किसानों को बताया गया कि उन्नत किस्में न केवल उपज बढ़ाती हैं बल्कि रोगों के कारण होने वाली क्षति को भी काफी हद तक कम करती हैं।
वैज्ञानिक फसल नियोजन: आधुनिक खेती का आधार
कार्यशाला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वैज्ञानिक फसल नियोजन था। विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी कि फसल चयन से पहले मिट्टी की गुणवत्ता, नमी स्तर, मौसम की स्थिति और बाजार की मांग को ध्यान में रखना अत्यंत जरूरी है। वैज्ञानिक नियोजन से न केवल उत्पादन बढ़ता है, बल्कि खेत की मिट्टी भी लंबे समय तक उपजाऊ बनी रहती है। किसानों को बताया गया कि समय पर बोआई, संतुलित उर्वरक उपयोग और फसल चक्र अपनाने से खेत की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होता है।
जल और सिंचाई प्रबंधन पर विशेष मार्गदर्शन
सिंचाई को रबी फसल की सफलता की कुंजी बताते हुए विशेषज्ञों ने ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम के लाभों को विस्तार से समझाया। यह तकनीकें पानी की 50–70% तक बचत करती हैं और फसल को आवश्यकता के अनुसार समान रूप से पानी प्रदान करती हैं। किसानों को बताया गया कि समय पर और नियंत्रित सिंचाई से फसल स्वस्थ रहती है और उत्पादन में वृद्धि होती है।
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि भविष्य की खेती आधुनिक सिंचाई तकनीकों को अपनाने पर ही आधारित होगी, जिससे खेती की लागत कम होगी और लाभ बढ़ेगा।
कीट और रोग प्रबंधन: सुरक्षित फसल के लिए आधुनिक तकनीक
कार्यशाला में किसानों को एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) के बारे में बताया गया, जिसमें जैविक तरीकों, फेरोमोन ट्रैप, सुरक्षित कीटनाशक और कीटों की पहचान की तकनीक शामिल है। विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी कि कीटनाशक का उपयोग केवल आवश्यकता पड़ने पर, उचित मात्रा में और प्रमाणित उत्पादों का ही करें। सुरक्षित कीट प्रबंधन से न केवल फसल की क्षति कम होती है बल्कि उत्पादन लागत में भी उल्लेखनीय कमी आती है।
कार्यशाला में रहे प्रमुख लोग
कार्यशाला की सफलता में क्षेत्रीय कृषि पदाधिकारियों और मार्गदर्शकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम में बीटीएम सुनील समद, प्रखंड कृषि पदाधिकारी अजय सिंह, बीटीएम अब्दुल्ला एहरार, संजय डांग, अमरेंद्र साहू, कृषि मित्र तथा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। सभी विशेषज्ञों ने किसानों को खेती में तकनीक अपनाने और जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।

न्यूज़ देखो: किसानों को तकनीक से जोड़ने की महत्वपूर्ण पहल
बानो में आयोजित यह कार्यशाला ग्रामीण किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। रबी मौसम में बेहतर उत्पादन के लिए वैज्ञानिक खेती की जानकारी अत्यंत आवश्यक है, और इस कार्यक्रम ने किसानों के लिए नए अवसर खोले हैं। ऐसी पहलें कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और किसानों की आय में वृद्धि का मार्ग तैयार करती हैं।
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आधुनिक खेती अपनाएं, समृद्धि की ओर बढ़ें
किसानों के लिए ज्ञान ही सबसे बड़ा निवेश है। रबी फसल में उन्नत तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग न केवल उपज बढ़ाएगा बल्कि लागत घटाकर खेती को अधिक लाभकारी बनाएगा।
यदि आप किसान हैं या खेती से जुड़े हैं, तो आज ही आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने का संकल्प लें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को दूसरों तक पहुंचाएं और गांव-समाज में जागरूकता फैलाएं—क्योंकि समृद्ध किसान ही मजबूत समाज की नींव है।





