
#सिमडेगा #रेल_दुर्घटना : कनारोवा स्टेशन के पास बड़ा हादसा — मालगाड़ी की 10 बोगियां डिरेल, RPF और GRP मौके पर तैनात
- हटिया–राउरकेला रेलखंड पर कनारोवा स्टेशन के पास मालगाड़ी की 10 बोगियां पटरी से उतरीं।
- हादसा किलोमीटर संख्या 524/35 के पास हुआ, जिससे रेल सेवा पूरी तरह ठप हो गई।
- गुड्स ट्रेन का बीच से जॉइन खुल जाने के कारण बोगियां ट्रैक से उतर गईं।
- सूचना मिलते ही RPF और GRP के जवान तुरंत मौके पर पहुंचे।
- रांची से DRM घटना स्थल के लिए रवाना — राहत और पुनर्प्रबंधन कार्य शुरू।
सिमडेगा जिले में मंगलवार सुबह हटिया-राउरकेला रेलखंड पर बड़ा रेल हादसा हुआ। कनारोवा स्टेशन के पास मालगाड़ी की करीब 10 बोगियां पटरी से उतर गईं, जिससे रेल परिचालन पूरी तरह बाधित हो गया।
कैसे हुआ हादसा
रेल विभाग के सूत्रों के अनुसार, हादसा किलोमीटर संख्या 524/35 के पास हुआ जब मालगाड़ी का जॉइन (कपलिंग) बीच में ही खुल गया, जिसके चलते ट्रेन का पिछला हिस्सा अनियंत्रित होकर पटरी से उतर गया। बताया जा रहा है कि ट्रेन तेज रफ्तार में नहीं थी, जिससे बड़ा नुकसान टल गया, लेकिन कई डिब्बे ट्रैक से उतरकर एक-दूसरे पर चढ़ गए।
एक रेलवे अधिकारी ने बताया: “घटना की सूचना मिलते ही राहत दल को भेजा गया है। प्राथमिक जांच में तकनीकी गड़बड़ी की संभावना दिख रही है। विस्तृत जांच के बाद ही कारणों की पुष्टि होगी।”
मौके पर RPF-GRP की तैनाती
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और जीआरपी (GRP) के जवान तुरंत बानो स्टेशन से रवाना होकर मौके पर पहुंचे। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है ताकि कोई व्यक्ति दुर्घटनास्थल के पास न जाए।
रेल सेवा पूरी तरह ठप
घटना के बाद बानो–राउरकेला रेलखंड पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है। कई यात्री ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी कर दी गई हैं। रेलवे की तकनीकी टीम मलबा हटाने और ट्रैक को बहाल करने के लिए जुट गई है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया: “रांची से DRM स्वयं स्थल का निरीक्षण करने आ रहे हैं। उम्मीद है कि देर रात तक ट्रैक बहाल कर लिया जाएगा।”
स्थानीय प्रशासन सतर्क
सिमडेगा जिला प्रशासन ने भी स्थिति पर नजर बनाए रखी है। आसपास के ग्रामीणों को घटना स्थल से दूर रहने की सलाह दी गई है, जबकि रेलवे इंजीनियरिंग टीम डिरेल हुई बोगियों को हटाने में जुटी है।
न्यूज़ देखो: रेल सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
यह हादसा रेलवे की तकनीकी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। अगर यह मालगाड़ी न होकर यात्री ट्रेन होती, तो बड़ा नुकसान हो सकता था। आवश्यक है कि रेलवे इस घटना की गहन जांच कर जिम्मेदारी तय करे और भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कदम उठाए।
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सुरक्षा पहले, सतर्क रहें
हर रेल यात्री की सुरक्षा सर्वोपरि है। तकनीकी जांच और ट्रैक मेंटेनेंस की नियमित समीक्षा जरूरी है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
आप क्या सोचते हैं — क्या रेलवे को अपनी सुरक्षा प्रणाली में और सुधार करने चाहिए? अपनी राय कमेंट करें, खबर को शेयर करें और जागरूकता बढ़ाएं।




