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झारखंड में भारी बारिश और वज्रपात का खतरा बढ़ा: मौसम विभाग ने 12 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया

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#झारखंड #मौसम : मानसून पूरी तरह सक्रिय, कई जिलों में भारी वर्षा और बिजली गिरने की चेतावनी
  • IMD ने 12 जिलों में भारी बारिश और वज्रपात को लेकर येलो अलर्ट जारी किया।
  • गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, गिरिडीह, देवघर, धनबाद, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ सतर्क रहें।
  • गोड्डा के पथरगामा में 170.2 मिमी बारिश, अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड।
  • 5 अगस्त को तेज हवा और वज्रपात की संभावना, 8 अगस्त तक बादल और रुक-रुक कर बारिश जारी रहेगी।
  • 778.8 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य से काफी अधिक है।

झारखंड में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है और कई जिलों में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने राज्य के 12 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में तेज हवा के साथ मेघ गर्जन और वज्रपात का खतरा मंडरा रहा है। बीते 24 घंटों में कुछ जिलों में रिकॉर्ड वर्षा हुई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। आने वाले दिनों में भी मौसम अस्थिर रहने के संकेत हैं।

झारखंड में क्यों बढ़ा बारिश और वज्रपात का खतरा

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, बिहार और पश्चिम बंगाल की ओर साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है, जिसका असर झारखंड के उत्तरी और मध्य भागों पर हो रहा है। इस वजह से इन हिस्सों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। राजधानी रांची में रविवार को बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है, हालांकि रांची के लिए फिलहाल कोई अलर्ट नहीं है।

बीते 24 घंटे में कहां हुई सबसे ज्यादा बारिश

शनिवार को राज्य में सबसे ज्यादा बारिश गोड्डा जिले के पथरगामा में दर्ज की गई, जहां 170.2 मिमी वर्षा हुई। यह इस सीजन में अब तक की सबसे बड़ी वर्षा है। इसके अलावा, लातेहार में 54 मिमी, मेदिनीनगर में 10 मिमी, बोकारो में 3 मिमी, और रांची में केवल 1 मिमी बारिश हुई।

आने वाले दिनों का पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 5 अगस्त को तेज हवाओं के साथ वज्रपात होने की संभावना है। वहीं 8 अगस्त तक रांची समेत कई हिस्सों में बादल छाए रहेंगे और रुक-रुक कर बारिश हो सकती है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

अब तक कितनी बारिश हुई और क्यों है यह अहम

इस वर्ष 1 जून से अब तक झारखंड में औसतन 778.8 मिमी वर्षा हो चुकी है, जबकि सामान्य औसत 526.3 मिमी है। कई जिलों में बारिश का आंकड़ा 1000 मिमी से अधिक हो गया है। उदाहरण के लिए:

  • पूर्वी सिंहभूम: 1186.4 मिमी
  • रांची: 991.8 मिमी

येलो अलर्ट का मतलब और क्या सावधानियां जरूरी

येलो अलर्ट का मतलब है कि मौसम की स्थिति खतरनाक हो सकती है और सतर्कता जरूरी है। ऐसे समय में लोगों को बिजली गिरने, भारी बारिश और तेज हवाओं के दौरान घर में सुरक्षित रहना चाहिए। खेतों, जलाशयों और ऊंचे पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

न्यूज़ देखो: सतर्कता ही है सुरक्षा की कुंजी

भारी बारिश और वज्रपात से हर साल जानमाल का नुकसान होता है। यह जरूरी है कि लोग मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और सुरक्षा उपाय अपनाएं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूक रहें और सुरक्षा का संदेश फैलाएं

ऐसे समय में सजग रहना ही सुरक्षित रहने का सबसे बड़ा उपाय है। इस खबर को अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साझा करें। कमेंट में अपनी राय दें और जागरूकता फैलाने में सहयोग करें।

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