
#पलामू #सड़कनिर्माणअव्यवस्था : बिना वैकल्पिक व्यवस्था के शुरू हुए कार्य से लोग रोज झेल रहे परेशानी
- बिश्रामपुर नगर परिषद क्षेत्र में चल रहा सड़क निर्माण आम जनता के लिए बना परेशानी का कारण।
- मुख्य बाजार और प्रखंड कार्यालय के बीच मार्ग बाधित, लोगों को लगाना पड़ रहा लंबा चक्कर।
- बुजुर्गों, महिलाओं, स्कूली बच्चों और मरीजों को हो रही सबसे अधिक दिक्कत।
- दुकानदारों का व्यवसाय प्रभावित, ग्रामीणों का समय और पैसा दोनों हो रहा बर्बाद।
- वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं, नगर परिषद की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल।
पलामू जिले के बिश्रामपुर नगर परिषद क्षेत्र में इन दिनों चल रहा सड़क निर्माण कार्य आम जनता के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन गया है। विकास के नाम पर शुरू किए गए इस निर्माण कार्य ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है। स्थिति यह है कि कहीं सड़क पूरी तरह से बंद है तो कहीं अधूरा निर्माण कार्य होने के कारण आवागमन बेहद मुश्किल हो गया है। इसका सीधा असर बाजार आने-जाने वाले लोगों, ग्रामीणों, कर्मचारियों और छात्रों पर पड़ रहा है।
बाजार और ब्लॉक के बीच टूटा संपर्क
स्थानीय लोगों के अनुसार, बिश्रामपुर में एक ओर मुख्य बाजार स्थित है और दूसरी ओर प्रखंड कार्यालय (ब्लॉक)। लेकिन इन दोनों महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य के कारण ठीक से चालू नहीं है। सड़क के बीच-बीच में गड्ढे, मिट्टी के ढेर और अधूरी नालियों के कारण लोग सीधे रास्ते से नहीं जा पा रहे हैं। मजबूरन उन्हें कई किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है।
कमजोर तबके पर ज्यादा असर
इस अव्यवस्था का सबसे अधिक असर बुजुर्गों, महिलाओं, स्कूली बच्चों और मरीजों पर पड़ रहा है। बुजुर्गों को लंबा रास्ता तय करना मुश्किल हो रहा है, वहीं छोटे बच्चों को स्कूल पहुंचने में देरी हो रही है। मरीजों के लिए यह स्थिति और भी गंभीर है, क्योंकि अस्पताल या प्रखंड कार्यालय से जुड़े स्वास्थ्य कार्यों के लिए समय पर पहुंच पाना कठिन हो गया है।
बिना वैकल्पिक व्यवस्था शुरू हुआ काम
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सड़क निर्माण कार्य शुरू करने से पहले कोई वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई। यही वजह है कि लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि अगर विकास कार्य किया जा रहा है तो प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि जनता को कम से कम परेशानी हो। लेकिन यहां बिना योजना और समन्वय के काम शुरू कर दिया गया, जिसका खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं।
दुकानदारों की रोजी-रोटी पर असर
सड़क निर्माण का असर स्थानीय दुकानदारों पर भी साफ दिखाई दे रहा है। बाजार तक पहुंचने में परेशानी होने के कारण ग्राहकों की संख्या घट गई है। कई दुकानदारों का कहना है कि उनकी बिक्री आधी से भी कम हो गई है। इससे उनका दैनिक खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है। कुछ दुकानदारों ने बताया कि अगर यही स्थिति कुछ और दिनों तक बनी रही तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो सकता है।
ग्रामीणों की बढ़ी मुश्किलें
बिश्रामपुर और आसपास के ग्रामीण इलाकों से लोग रोजमर्रा के कामों के लिए बाजार और प्रखंड कार्यालय आते हैं। सड़क बाधित होने के कारण उन्हें न सिर्फ अधिक समय लग रहा है, बल्कि अतिरिक्त पैसा भी खर्च करना पड़ रहा है। वाहन चालकों को लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है, जिससे किराया भी बढ़ गया है। इससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
नगर परिषद की कार्यशैली पर सवाल
इस पूरी स्थिति को लेकर नगर परिषद की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर निर्माण कार्य को चरणबद्ध तरीके से या वैकल्पिक मार्ग के साथ किया जाता, तो इतनी परेशानी नहीं होती। लेकिन वर्तमान स्थिति में ऐसा लग रहा है कि जनता की सुविधा पर ध्यान दिए बिना काम किया जा रहा है।
जनता की प्रमुख मांगें
स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने प्रशासन से स्पष्ट रूप से मांग की है कि—
- सड़क निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
- जब तक निर्माण कार्य चलता रहे, वैकल्पिक मार्ग की उचित व्यवस्था की जाए।
- बाजार और प्रखंड कार्यालय के बीच सुचारू आवागमन सुनिश्चित किया जाए।
लोगों का कहना है कि अगर समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होना पड़ सकता है।
प्रशासन की चुप्पी, जनता में नाराजगी
अब तक इस मामले में नगर परिषद या संबंधित प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान या समाधान सामने नहीं आया है। इससे जनता में नाराजगी और बढ़ती जा रही है। लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर विकास कार्य कब उनके लिए राहत बनेगा और कब तक वे इस अव्यवस्था का शिकार बने रहेंगे।
न्यूज़ देखो: विकास बनाम अव्यवस्था
बिश्रामपुर में सड़क निर्माण का यह मामला दिखाता है कि यदि योजनाओं का क्रियान्वयन बिना तैयारी और जनहित को ध्यान में रखे किया जाए, तो विकास भी परेशानी का कारण बन सकता है। अब देखना यह है कि नगर परिषद और प्रशासन कब तक जनता की इस पीड़ा को समझकर ठोस कदम उठाते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जनता की सुविधा ही असली विकास
सड़कें विकास की पहचान हैं, लेकिन जब वही रास्ता बंद हो जाए तो परेशानी बढ़ती है।
प्रशासन से जवाबदेही जरूरी है।
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