
#रांची #मनरेगा_सशक्तिकरण : राज्य परिषद की बैठक में मानदेय वृद्धि, बीमा सुरक्षा और सशक्त क्रियान्वयन पर लिये गए महत्वपूर्ण निर्णय
- मनरेगा कर्मियों का मानदेय 30% बढ़ाने का निर्देश तत्काल प्रभाव से।
- ग्रुप इंश्योरेंस, एक्सीडेंट इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के लिए अलग प्रस्ताव तैयार करने के आदेश।
- ग्रेड पे सुधार को लेकर विभाग को शीघ्र प्रस्ताव लाने के निर्देश।
- राज्यभर में मनरेगा योजनाओं की कार्य समीक्षा और बेहतर क्रियान्वयन पर रणनीति तय।
- दीदी बाड़ी योजना से ग्रामीण महिलाओं को मिला सशक्तिकरण—रिकॉर्ड मैन-डेज निर्माण पर संतोष।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह की अध्यक्षता में आयोजित झारखंड राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की अहम बैठक में मनरेगा कर्मियों के हितों और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में मंत्री ने साफ निर्देश दिया कि मनरेगा कर्मियों का मानदेय तत्काल 30% बढ़ाया जाए, ताकि उनकी आर्थिक सुरक्षा और कार्य क्षमता में मजबूती आ सके। बैठक में राज्यभर में रोजगार सृजन की स्थिति, विभिन्न योजनाओं की प्रगति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर मनरेगा के प्रभाव की भी विस्तृत समीक्षा हुई।
मानदेय में 30% बढ़ोतरी: कार्मिकों के हित में बड़ा कदम
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि मनरेगा कर्मियों की भूमिका ग्रामीण रोजगार के विस्तार में केंद्रीय है, ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिरता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि मानदेय वृद्धि का आदेश त्वरित रूप से लागू किया जाए, ताकि कार्मिकों को इसका शीघ्र लाभ मिल सके।
बीमा सुरक्षा की नई व्यवस्था का प्रस्ताव
बैठक में मनरेगा कर्मियों के लिए सुरक्षा कवच बढ़ाने पर भी सहमति बनी।
मंत्री ने कहा कि— ग्रुप इंश्योरेंस, एक्सीडेंट इंश्योरेंस, और लाइफ इंश्योरेंस के लिए एक अलग, समग्र प्रस्ताव तैयार किया जाए, जिससे मनरेगा कर्मियों और उनके परिवार को जोखिम के समय बेहतर सुरक्षा मिल सके।
ग्रेड पे सुधार पर भी जल्द निर्णय
कार्मिकों के ग्रेड पे की समस्या को भी बैठक में गंभीरता से उठाया गया। मंत्री ने विभाग को निर्देशित किया कि ग्रेड पे सुधार से संबंधित प्रस्ताव जल्द से जल्द प्रस्तुत किया जाए, जिससे कर्मचारियों की दीर्घकालिक सेवा शर्तों में सुधार सुनिश्चित हो।
मनरेगा की प्रगति पर विस्तृत समीक्षा
बैठक में राज्यभर में मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई। मंत्री ने कहा कि ग्रामीण जनता को रोजगार देने का अधिकार सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में निरंतर मजबूती सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में मनरेगा के माध्यम से रिकॉर्ड मैन-डेज का सृजन हुआ है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिली है।
दीदी बाड़ी योजना ने बढ़ाई महिलाओं की भागीदारी
मंत्री ने बताया कि दीदी बाड़ी योजना के सशक्त होने से ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक मजबूत आधार मिला है। मनरेगा के साथ इस योजना के संयोजन से ग्रामीण आजीविका में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
केंद्र द्वारा लागू तकनीकी प्रणाली पर चिंता
बैठक के दौरान केंद्र सरकार द्वारा बिना पर्याप्त तैयारी के लागू की गई तकनीकी व्यवस्था के चलते मटेरियल पेमेंट में हो रही देरी पर भी गहन चर्चा हुई।
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार केंद्र के साथ सकारात्मक समन्वय में काम कर रही है और समस्या का समाधान जल्द मिलने की उम्मीद है।
जल–जंगल–ज़मीन की सुरक्षा में मनरेगा का बड़ा योगदान
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि झारखंड सिर्फ खनिज संपदा में ही नहीं, बल्कि कृषि और प्राकृतिक संसाधनों में भी समृद्ध है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि मनरेगा जल–जंगल–ज़मीन की सुरक्षा का एक प्रभावी अधिकार है और इस दिशा में भी रणनीतिक कदम उठाए जा रहे हैं।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में विभागीय अधिकारी, परिषद के सदस्य और संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति रही, जिन्होंने मनरेगा को और अधिक सशक्त, पारदर्शी और प्रभावी बनाने पर अपने विचार साझा किए।
न्यूज़ देखो: मनरेगा कर्मियों के लिए राहत और जवाबदेही बढ़ाने वाला निर्णय
मनरेगा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रोजगार का सबसे बड़ा स्तंभ है। मानदेय वृद्धि, बीमा सुरक्षा और ग्रेड पे सुधार जैसे निर्णय कर्मियों की दशा बदल सकते हैं। साथ ही तकनीकी चुनौतियों पर राज्य का ध्यान यह दर्शाता है कि योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन की दिशा में गंभीर प्रयास जारी हैं।
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