
हाइलाइट्स :
- सांसद सुखदेव भगत ने संसद में झरिया अंडरग्राउंड फायर की समस्या पर ध्यान दिलाया।
- कोयला मंत्री किशन रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार झरिया एक्शन प्लान बनाकर समाधान निकालेगी।
- झरिया के प्रभावित लोगों के पुनर्वास और रोजगार पर सरकार कर रही विचार।
- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हाई-लेवल कमेटी बना रही एक ठोस कार्ययोजना।
झरिया अंडरग्राउंड फायर पर संसद में गूंजा मुद्दा
लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुखदेव भगत ने संसद सत्र के दौरान झारखंड के झरिया में वर्षों से जल रही भूमिगत आग का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस आग के चलते लाखों लोगों को अपने घर-गांव छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि इस समस्या को रोकने और प्रभावितों को राहत देने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
सरकार की ओर से आया जवाब, झरिया एक्शन प्लान पर हो रहा काम
सांसद के सवाल का जवाब देते हुए कोयला मंत्री किशन रेड्डी ने कहा कि उन्होंने स्वयं दो बार झरिया का दौरा किया है और वहां की स्थिति को नजदीक से समझा है। उन्होंने बताया कि झरिया की आग कई दशकों से लगातार जल रही है, जिसके समाधान के लिए भारत सरकार ने एक हाई-लेवल बैठक की है।
“हम झरिया के लोगों की समस्या को गंभीरता से ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस पर कई उच्चस्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। एक या दो महीनों में झरिया एक्शन प्लान बनकर तैयार हो जाएगा। प्रभावित लोगों को घर और रोजगार देने की हमारी प्राथमिकता होगी।” – किशन रेड्डी, कोयला मंत्री
कोयला मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के सहयोग से केंद्र सरकार झरिया के पुनर्वास और विकास के लिए तत्पर है। उन्होंने बताया कि झरिया के मजदूरों और विस्थापित परिवारों के लिए 30,000 क्वार्टर बनाए गए हैं, और आगे भी निर्माण जारी रहेगा।
झरिया मास्टर प्लान क्यों नहीं हुआ सफल?
मंत्री ने स्वीकार किया कि पहले भी झरिया के लिए मास्टर प्लान बनाया गया था, लेकिन वह पूरी तरह सफल नहीं हो सका। अब सरकार नई तकनीकों और ठोस नीतियों के साथ इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने पर काम कर रही है।
“हमने विशेषज्ञों की एक टीम को झरिया भेजा, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों, मजदूरों और प्रभावित परिवारों से बातचीत की। उनकी समस्याओं को समझकर ही नई नीति बनाई जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार के सहयोग से झरिया के पुनर्वास और औद्योगिक विकास की योजना बना रही है, ताकि लोगों को रोजगार भी मिल सके।
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झरिया की यह आग सिर्फ कोयला खदानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वहां के हजारों लोगों के जीवन, रोजगार और भविष्य को भी झुलसा रही है। सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों पर लगातार नजर रखी जाएगी। क्या झरिया एक्शन प्लान सच में प्रभावितों के लिए राहत लेकर आएगा? इसका जवाब भविष्य में देखने को मिलेगा, लेकिन ‘न्यूज़ देखो’ आपको हर महत्वपूर्ण अपडेट और सरकार की हर पहल की सटीक जानकारी देता रहेगा। जुड़े रहें हमारे साथ, क्योंकि हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र!