महुआडांड़: महुआडांड़ के साले डैम में इन दिनों विदेशी पक्षियों का डेरा जम गया है। खासकर, बार हेडेड गुज (सफेद हंस) जैसे पक्षी, जो हजारों किलोमीटर दूर से आकर यहां विश्राम कर रहे हैं, इनका दृश्य देखने के लिए स्थानीय लोग यहां जुटने लगे हैं। वन विभाग के अनुसार, यह पक्षी तिब्बत, कजाकिस्तान, रूस, मंगोलिया से चिल्का झील तक अपनी यात्रा करते हैं, और बीच रास्ते में महुआडांड़ के साले डैम में कुछ दिन आराम करते हैं।
बार हेडेड गुज का अनूठा सफर
बार हेडेड गुज को सफेद हंस भी कहा जाता है। यह पक्षी 28,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम है और एक दिन में 16,000 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकता है। सर्दी के मौसम में यह पक्षी प्रजनन के लिए उपयुक्त स्थानों पर आते हैं। इस समय, साले डैम के शांत जल में इन पक्षियों के झुंड को देखना किसी प्राकृतिक चमत्कार से कम नहीं है।
ब्राह्मणी डक और पानी का चकवा: सुंदरता में निहित विशेषता
साले डैम में आने वाले अन्य विदेशी पक्षियों में ब्राह्मणी डक और पानी का चकवा भी शामिल हैं। इन पक्षियों की खूबसूरत पंखों की संरचना और शर्मीला स्वभाव इन्हें पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बना देते हैं। इन पक्षियों का प्रजनन मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व यूरोप, मंगोलिया और पश्चिमी चीन तक होता है।
वन विभाग की सुरक्षा के प्रयास
हालांकि साले डैम में इन पक्षियों के आगमन से क्षेत्र में एक नया पर्यटक आकर्षण पैदा हुआ है, लेकिन वन विभाग ने पक्षियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास नहीं किए हैं। स्थानीय ग्रामीणों के बीच जानकारी की कमी के कारण इन पक्षियों का शिकार होने का खतरा बना रहता है। वनपाल कुंवर गंझू ने कहा कि जल्द ही वन विभाग ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए सूचना पट्ट लगाएगा और सुरक्षा उपायों को सख्त करेगा।
यह विदेशी पक्षियों का आगमन न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। लेकिन साथ ही वन विभाग को इन पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्पर रहना होगा।