Palamau

झारखंड आंदोलनकारी के रूप में चिन्हित हुए संजय महतो, उपायुक्त ने सौंपा प्रमाणपत्र – पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर

#पलामू #सम्मान_समारोह : बिश्रामपुर के बि मोड़ निवासी संजय महतो को मिला झारखंड आंदोलनकारी प्रमाणपत्र – क्षेत्र में हर्ष का माहौल
  • बिश्रामपुर प्रखंड के बिमोड़ गांव के संजय महतो को झारखंड आंदोलनकारी के रूप में चिन्हित किया गया।
  • उपायुक्त पलामू ने जिला प्रशासन के कार्यक्रम में प्रमाणपत्र सौंपा।
  • संजय महतो ने कहा, “यह सम्मान पूरे झारखंड आंदोलनकारियों का है।”
  • स्थानीय ग्रामीणों ने कहा – “यह पल पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है।”
  • जिला प्रशासन की पहल की पूरे क्षेत्र में हो रही है सराहना।

पलामू, बिश्रामपुर। झारखंड राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बिश्रामपुर प्रखंड के बिमोड़ गांव निवासी संजय महतो को आखिरकार वह सम्मान मिला, जिसका इंतजार वर्षों से था। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित विशेष समारोह में उपायुक्त पलामू ने उन्हें झारखंड आंदोलनकारी के रूप में चिन्हित करते हुए प्रमाणपत्र प्रदान किया। इस अवसर पर संजय महतो और उनके परिवार के साथ पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।

आंदोलन की यादें और भावनाएं फिर हुईं ताज़ा

प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद संजय महतो ने भावुक होकर कहा कि यह सम्मान सिर्फ उनका नहीं बल्कि उन सभी साथियों का है जिन्होंने झारखंड की अस्मिता और अधिकार के लिए संघर्ष किया।

संजय महतो ने कहा: “झारखंड आंदोलन सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई नहीं थी, यह हमारी अस्मिता, भाषा, और पहचान की लड़ाई थी। आज सरकार द्वारा हमें सम्मानित किया जाना हमारे संघर्ष की पहचान है।”

उन्होंने कहा कि यह प्रमाणपत्र उन अनगिनत आंदोलनकारियों के त्याग, संघर्ष और बलिदान का प्रतीक है जिन्होंने अपने जीवन के सुनहरे वर्ष झारखंड राज्य के निर्माण के लिए समर्पित किए।

ग्रामीणों में खुशी, सम्मान पर गर्व

जैसे ही यह खबर गांव और आसपास के इलाकों में पहुंची, बिमोड़ गांव के लोग जश्न मनाने लगे। ग्रामीणों ने कहा कि संजय महतो ने आंदोलन के दौरान अनेक बार रैलियों और जनसभाओं में भाग लेकर झारखंड के अधिकार की आवाज बुलंद की थी।

गांव के वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि संजय महतो का नाम हमेशा उन लोगों में गिना जाता रहा है जिन्होंने सामाजिक और जनआंदोलनों के जरिए क्षेत्र की समस्याओं को उठाया। उनका यह सम्मान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

प्रशासन की पहल को मिली सराहना

जिला प्रशासन की ओर से झारखंड आंदोलनकारियों को चिन्हित कर सम्मानित करने की यह पहल व्यापक सराहना पा रही है। प्रशासन का यह कदम न केवल राज्य के गौरवशाली इतिहास को सम्मान देता है, बल्कि उन नायकों को भी पहचान दिलाता है जो अब तक गुमनामी में थे।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रकार के सम्मान समारोहों से समाज में एक सकारात्मक संदेश जाता है और युवाओं को अपने इतिहास और संस्कृति से जुड़ने की प्रेरणा मिलती है।

न्यूज़ देखो: संघर्ष की पहचान को मिला सम्मान

झारखंड आंदोलनकारियों को पहचान और सम्मान देने की पहल राज्य के गौरव और आत्मसम्मान की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सिर्फ एक प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि उन संघर्षशील आत्माओं के योगदान का आधिकारिक स्वीकार है, जिन्होंने अपनी मिट्टी के लिए सब कुछ न्योछावर किया।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

प्रेरणा की मिसाल, संघर्ष का सम्मान

यह सम्मान इस बात का प्रतीक है कि संघर्ष व्यर्थ नहीं जाता। जिन्होंने समाज के लिए त्याग किया, उन्हें देर-सबेर पहचान जरूर मिलती है। अब समय है कि हम सब अपने राज्य के इतिहास, आंदोलन और नायकों को जानें और सम्मान दें।
सजग रहें, गर्व करें अपने झारखंड पर।
इस प्रेरणादायक खबर को शेयर करें, अपनी राय कमेंट करें और राज्य के सच्चे आंदोलनकारियों के सम्मान की इस भावना को आगे बढ़ाएं।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20251017-WA0018
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
1000264265
20251209_155512
IMG-20250925-WA0154

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Tirthraj Dubey

पांडु, पलामू

Related News

Back to top button