#गढ़वा #ब्लडबैंक_निरीक्षण — आरोग्यम हॉस्पिटल ब्लड बैंक में ताला, सदर अस्पताल में महज़ 2 यूनिट ब्लड मिला
- सदर अस्पताल ब्लड बैंक में सिर्फ 2 यूनिट ब्लड पाया गया
- थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को समय पर नहीं मिला आवश्यक रक्त
- सरस्वती चिकित्सालय ब्लड बैंक में 45 यूनिट रक्त स्टॉक मिला
- आरोग्यम हॉस्पिटल ब्लड बैंक बंद, स्टाफ और डॉक्टर नदारद
- एसडीएम ने अस्पतालों को ब्लड स्टॉक की नियमित निगरानी के दिए निर्देश
गंभीर स्थिति में ब्लड स्टॉक, एसडीएम का सख्त रुख
गढ़वा शहर के तीन प्रमुख ब्लड बैंकों — सदर अस्पताल, सरस्वती चिकित्सालय और आरोग्यम हॉस्पिटल — में आज शाम सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जन स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता और आपातकालीन रक्त की उपलब्धता का मूल्यांकन करना था।
सदर अस्पताल में खून की भारी कमी
निरीक्षण के दौरान सदर अस्पताल ब्लड बैंक में स्थिति बेहद चिंताजनक पाई गई। यहाँ सिर्फ 2 यूनिट रक्त स्टॉक में था। इतना ही नहीं, निरीक्षण के दौरान एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चा भी मिला, जिसे उसके ग्रुप का खून समय पर नहीं मिल पा रहा था।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए एसडीएम ने तुरंत सरस्वती चिकित्सालय ब्लड बैंक प्रबंधन को नियमानुसार रक्त उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
सरस्वती चिकित्सालय में डॉक्टर नदारद
सरस्वती चिकित्सालय ब्लड बैंक में 45 यूनिट रक्त उपलब्ध पाया गया। लेकिन निरीक्षण के समय ब्लड बैंक संचालन से जुड़े चिकित्सक अनुपस्थित मिले। इस पर एसडीएम ने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया कि ब्लड बैंक के लिए डॉक्टर की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
आरोग्यम हॉस्पिटल ब्लड बैंक में लापरवाही चरम पर
सबसे खराब स्थिति आरोग्यम हॉस्पिटल ब्लड बैंक की पाई गई। यहाँ न कोई रक्त यूनिट, न कोई स्टाफ, और न ही कोई चिकित्सक मौजूद था। यहां तक कि ब्लड बैंक में ताला लगा हुआ मिला।
इस लापरवाही पर एसडीएम संजय कुमार ने संबंधित प्रबंधन से जवाब तलब किया है।
एसडीएम ने ब्लड बैंकों को चेताया
निरीक्षण के बाद एसडीएम ने ब्लड स्टोरेज, रिकॉर्ड संधारण, स्टाफ उपस्थिति, और सफाई व्यवस्था की भी समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि:
संजय कुमार (एसडीएम, गढ़वा): “ब्लड बैंकों की जिम्मेदारी है कि किसी भी ज़रूरतमंद को समय पर रक्त उपलब्ध कराया जाए, खासकर गंभीर रोगियों के मामलों में। लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
एसडीएम ने कहा कि ऐसे औचक निरीक्षण आगे भी जारी रहेंगे ताकि किसी भी परिस्थिति में रक्त की कमी न हो और जनता को समय पर सुविधा मिल सके।
न्यूज़ देखो: रक्त सेवा में लापरवाही पर सख्त निगरानी जरूरी
जनजीवन की रक्षा करने वाले ब्लड बैंकों की स्थिति जब खुद इलाज मांगने लगे, तो सवाल व्यवस्था पर उठना स्वाभाविक है।
न्यूज़ देखो की नज़र से पता चला कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को समय पर रक्त न मिल पाना प्रशासन की गंभीर चूक है।
एसडीएम की यह सक्रियता सराहनीय है, लेकिन स्थायी सुधार तभी संभव है जब स्वास्थ्य संस्थानों को जवाबदेह बनाया जाए और नियमित निगरानी रखी जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्वास्थ्य सेवा को जन सेवा की तरह लें, जिम्मेदारी निभाएं
रक्तदान जीवनदान है, लेकिन रक्त की सही व्यवस्था उससे भी बड़ी ज़िम्मेदारी है। ब्लड बैंकों की यह लापरवाही आम जनता की जान पर भारी पड़ सकती है।
आपका फर्ज है कि इस खबर को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाएं, अपनी राय ज़रूर दें और सिस्टम को जवाबदेह बनाने में भागीदार बनें।