
#गढ़वा #शिक्षा_संवाद : एसडीएम ने अभिभावक–शिक्षक समन्वय से बच्चों के सर्वांगीण विकास पर दिया जोर।
गढ़वा सदर एसडीएम संजय कुमार ने डंडई प्रखंड के पचोर पंचायत अंतर्गत नौडीहा मध्य विद्यालय में आयोजित पेरेंट्स–टीचर मीटिंग में भाग लेकर शिक्षा की गुणवत्ता और सामाजिक सहभागिता पर संवाद किया। बैठक में बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ सीधा संवाद हुआ, जिसमें अनुशासन, नैतिक मूल्यों और नियमित पढ़ाई पर जोर दिया गया। बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों और सक्रिय अभिभावकों को सम्मानित भी किया गया। यह कार्यक्रम शिक्षा व्यवस्था में प्रशासनिक सहभागिता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
- सदर एसडीएम संजय कुमार ने पचोर पंचायत के नौडीहा मध्य विद्यालय का किया दौरा।
- पेरेंट्स–टीचर मीटिंग में शिक्षा, अनुशासन और नैतिक मूल्यों पर संवाद।
- बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को सम्मान।
- अभिभावक–शिक्षक समन्वय को बच्चों के सर्वांगीण विकास की कुंजी बताया।
- मोबाइल उपयोग, समय प्रबंधन और संस्कारों पर विद्यार्थियों को दी सलाह।
गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड अंतर्गत पचोर पंचायत स्थित नौडीहा मध्य विद्यालय में आयोजित पेरेंट्स–टीचर मीटिंग उस समय विशेष बन गई, जब सदर एसडीएम संजय कुमार स्वयं विद्यालय पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण, बच्चों की पढ़ाई, अनुशासन और अभिभावकों की भूमिका पर गहन संवाद किया। बैठक का उद्देश्य बच्चों के शैक्षणिक स्तर को बेहतर बनाना और घर तथा विद्यालय के बीच मजबूत समन्वय स्थापित करना रहा।
पेरेंट्स–टीचर मीटिंग में प्रशासन की सीधी भागीदारी
विद्यालय परिसर में आयोजित इस बैठक में बड़ी संख्या में अभिभावक, शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। एसडीएम संजय कुमार ने सबसे पहले विद्यालय प्रबंधन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रशासन शिक्षा से जुड़े विषयों को लेकर संवेदनशील है और जमीनी स्तर पर सुधार के लिए ऐसे संवाद आवश्यक हैं।
एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “शिक्षक को अभिभावक की और अभिभावक को शिक्षक की भी भूमिका निभानी होगी, तभी बच्चों का सही विकास संभव है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल पाठ्यक्रम पूरा कराना ही शिक्षा का उद्देश्य नहीं है, बल्कि बच्चों में अनुशासन, नैतिकता और जिम्मेदारी का भाव विकसित करना भी उतना ही जरूरी है।
बच्चों और अभिभावकों को किया गया सम्मानित
बैठक के अंत में एसडीएम द्वारा बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही उन अभिभावकों को भी सम्मान मिला, जिन्होंने बच्चों की पढ़ाई और विद्यालय गतिविधियों में सक्रिय सहयोग दिया है। इस सम्मान से बच्चों और अभिभावकों दोनों का उत्साह बढ़ा और कार्यक्रम में सकारात्मक ऊर्जा देखने को मिली।
शिक्षा में समन्वय की अहमियत
एसडीएम संजय कुमार ने कहा कि माता-पिता बच्चों के पहले शिक्षक होते हैं और विद्यालय के शिक्षक उनके दूसरे अभिभावक। यदि दोनों के बीच निरंतर संवाद और सहयोग बना रहे, तो बच्चों की समस्याओं को समय रहते समझा और सुलझाया जा सकता है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके व्यवहार, दिनचर्या और रुचियों पर भी ध्यान दें।
विद्यार्थियों को अनुशासन और संस्कार की सीख
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए एसडीएम ने नियमित अध्ययन, समय प्रबंधन और मोबाइल फोन के सीमित उपयोग पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में मोबाइल बच्चों के लिए उपयोगी भी है और नुकसानदायक भी, इसलिए इसका संतुलित उपयोग जरूरी है। अच्छे संस्कार, अनुशासन और मेहनत से ही जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है।
शिक्षकों की भूमिका पर विशेष चर्चा
एसडीएम ने शिक्षकों से अपेक्षा जताई कि वे बच्चों की प्रतिभा को पहचानें और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दें। उन्होंने कहा कि हर बच्चा अलग होता है और उसकी क्षमता के अनुसार उसे प्रोत्साहित करना शिक्षक की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। सकारात्मक और सहयोगी वातावरण बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाता है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शिक्षकों की उपस्थिति
इस अवसर पर मुखिया सरिता सिंह, प्रधानाध्यापक संजय सिंह, वार्ड पार्षद, सीआरपी, विद्यालय के शिक्षकगण, अभिभावकगण, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम को प्रेरणादायी बताते हुए ऐसे आयोजनों को नियमित करने की आवश्यकता जताई।
शिक्षा को लेकर प्रशासन की प्रतिबद्धता
एसडीएम संजय कुमार ने कहा कि प्रशासन शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं, शिक्षकों की उपलब्धता और बच्चों की उपस्थिति जैसे विषयों पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि बच्चों के हित में हरसंभव सहयोग सुनिश्चित किया जाएगा।



न्यूज़ देखो: शिक्षा सुधार की दिशा में मजबूत कदम
नौडीहा मध्य विद्यालय में आयोजित यह पेरेंट्स–टीचर मीटिंग केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में प्रशासन, शिक्षक और अभिभावक के साझा प्रयासों का उदाहरण है। एसडीएम की मौजूदगी ने यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल विद्यालय की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की प्राथमिकता है। ऐसे संवाद बच्चों के भविष्य को मजबूत आधार देते हैं और जवाबदेही भी तय करते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जब शिक्षा बने साझा जिम्मेदारी
बच्चों का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा, जब घर और स्कूल एक साथ कदम बढ़ाएं। ऐसे आयोजनों से समाज में शिक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ती है और सकारात्मक बदलाव की नींव पड़ती है।
आप भी अपने क्षेत्र के विद्यालयों से जुड़ें, संवाद को बढ़ावा दें और बच्चों के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएं। इस खबर पर अपनी राय कमेंट में साझा करें, लेख को आगे बढ़ाएं और शिक्षा से जुड़े इस संदेश को अधिक लोगों तक पहुंचाएं।





