
#सिमडेगा #राष्ट्रीयप्रेसदिवस : प्रशासन व पत्रकारों की संयुक्त संगोष्ठी में फेक न्यूज़, जिम्मेदार रिपोर्टिंग और लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका पर विचार-विमर्श
- सिमडेगा जिला जन संपर्क विभाग ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की।
- कार्यक्रम में उपायुक्त कंचन सिंह, एसपी एम अर्शी, डीडीसी दीपांकर चौधरी, एसडीओ प्रकाश रंजन ज्ञानी, खेल पदाधिकारी मनोज कुमार मुख्य अतिथि रहे।
- संगोष्ठी में फर्जी खबरों, भ्रामक सूचनाओं और प्रेस की विश्वसनीयता पर विस्तृत चर्चा हुई।
- वरिष्ठ पत्रकार मनोज सिन्हा, नरेंद्र अग्रवाल, सुहैब शाहिद, दीपक रिंकू, आशीष शास्त्री ने महत्वपूर्ण सुझाव रखे।
- प्रशासन ने मीडिया को लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ बताते हुए सहयोग और पारदर्शिता का आश्वासन दिया।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर रविवार को सिमडेगा जिला जन संपर्क विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी मीडिया जगत के लिए गहरी आस्था रखने वाला कार्यक्रम साबित हुआ। प्रशासन और पत्रकारों की संयुक्त उपस्थिति में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ—प्रेस—की भूमिका, चुनौतियों और बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच उसकी विश्वसनीयता बनाए रखने पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद अधिकारियों और पत्रकारों के बीच सम्मान समारोह आयोजित किया गया। संगोष्ठी में पत्रकारिता के वर्तमान परिवेश, तकनीकी बदलावों और सत्यापित सूचना की आवश्यकता पर गहन विमर्श हुआ।
लोकतंत्र के चार स्तंभों में मीडिया की भूमिका पर विस्तृत चर्चा
संगोष्ठी में बताया गया कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और यहां मीडिया तीनों प्रमुख स्तंभों—विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका—की गतिविधियों पर निगरानी रखते हुए जनता को सूचना उपलब्ध कराता है। इस दायित्व के कारण उसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। वर्तमान समय में फेक न्यूज़ और अनियंत्रित सूचना प्रवाह ने पत्रकारिता को बड़ी चुनौती दी है, जिसे लेकर विशेषज्ञों और अधिकारियों ने गंभीर रूप से चिंता व्यक्त की।
पत्रकारों के विचार — सत्यापन, निष्पक्षता और स्वतंत्रता सबसे बड़ी जरूरत
संगोष्ठी में सिमडेगा के वरिष्ठ पत्रकारों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
मनोज सिन्हा ने कहा: “भ्रामक सूचनाओं के प्रसार के बीच प्रेस की विश्वसनीयता बनाए रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हर खबर का सत्यापन आवश्यक है।”
नरेंद्र अग्रवाल ने कहा: “पत्रकारिता को स्वतंत्र वातावरण मिलना चाहिए। दबाव से मुक्त होकर ही निष्पक्ष रिपोर्टिंग संभव है।”
सुहैब शाहिद ने कहा: “भ्रामक सूचनाओं का खंडन मीडिया संस्थानों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उसे अपने प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरों को हटाने और सुधार प्रकाशित करने में सक्रिय होना चाहिए।”
दीपक रिंकू ने कहा: “सरकार, प्रशासन और मीडिया के बीच सामंजस्य आवश्यक है। सही नियमन फेक न्यूज़ रोकने में बड़ा योगदान दे सकता है।”
आशीष शास्त्री ने कहा: “प्रशासन यदि विकास कार्यों की जानकारी समय पर साझा करे, तो जनता तक सही सूचना पहुंचती है।”
पत्रकारों ने इस बात पर जोर दिया कि भ्रामक सूचनाओं के इस दौर में तथ्य-जांच, संतुलित रिपोर्टिंग और निष्पक्षता ही मीडिया की विश्वसनीयता का आधार है।
प्रशासन का संदेश — मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ, समाज का दर्पण
कार्यक्रम में उपायुक्त कंचन सिंह ने मीडिया की भूमिका को राष्ट्र निर्माण का केंद्र बताया।
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा: “सोशल मीडिया के इस दौर में पारंपरिक मीडिया अपनी खबरों में विश्वसनीयता कायम रखे, तभी जनता में उसका भरोसा बना रहेगा। मीडिया प्रशासन और जनता के बीच एक मजबूत सेतु है।”
एसपी एम अर्शी ने सिमडेगा के पत्रकारों की निष्पक्ष रिपोर्टिंग की सराहना की।
एसपी एम अर्शी ने कहा: “सिमडेगा मीडिया किसी भी खबर के दोनों पहलुओं को देखकर ही जनता के सामने रखता है। ऐसी निष्पक्षता एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण में मदद करती है।”
डीडीसी दीपांकर चौधरी ने भी सिमडेगा मीडिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि स्थानीय समस्याओं को सामने लाने में मीडिया की भूमिका प्रशंसनीय है।
कार्यक्रम का संचालन और समापन
कार्यक्रम में जिला जन संपर्क कार्यालय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। सम्मान समारोह और विचार-विमर्श के बाद संगोष्ठी का समापन जिला जन-संपर्क पदाधिकारी पलटू महतो के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस दौरान प्रशासन और पत्रकारों ने भविष्य में बेहतर सहयोग और सूचना आदान-प्रदान की प्रतिबद्धता दोहराई।



न्यूज़ देखो: फेक न्यूज़ के दौर में सच्ची पत्रकारिता — लोकतंत्र की असली ताकत
सिमडेगा में आयोजित यह संगोष्ठी यह याद दिलाती है कि बिना विश्वसनीय मीडिया के लोकतंत्र कमजोर पड़ जाता है। बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस का दायित्व और भी महत्वपूर्ण हो चुका है। प्रशासन और मीडिया के बीच तालमेल, तथ्य आधारित रिपोर्टिंग और स्वतंत्र पत्रकारिता ही जनता का विश्वास बनाए रख सकती है।
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सच्ची खबर ही बदलेगी देश — जागरूक पत्रकार, सजग नागरिक
फेक न्यूज़ के इस दौर में जिम्मेदार मीडिया और सतर्क पाठक दोनों की भूमिका अहम है। सच्चाई की खोज, तथ्य की पुष्टि और निष्पक्ष विचार—इन्हीं से एक परिपक्व समाज बनता है। आइए हम सब मिलकर सच्ची पत्रकारिता और विश्वसनीय सूचना को बढ़ावा दें, ताकि लोकतंत्र और मजबूत बने।
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