
#सिमडेगा #जनता_दरबार : आम नागरिकों की शिकायतों को सुनने और समाधान सुनिश्चित करने हेतु अपर समाहर्ता ने समाहरणालय में जनता दरबार आयोजित किया।
- उपायुक्त सिमडेगा के निर्देश पर अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र ने किया जनता दरबार का संचालन।
- 17 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें प्रमाण पत्र, योजना लाभ और भूमि संबंधित मामले प्रमुख।
- नागरिकों ने अवैध शराब, लगान रसीद, अबुआ आवास योजना से जुड़ी शिकायतें रखीं।
- अधिकारियों को समयबद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया गया।
- ग्रामीण व शहरी अंचलों से पहुंचे लोगों ने प्रशासन पर भरोसा जताया।
जनता दरबार में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए नागरिकों ने अपनी समस्याएं सामने रखीं। उपायुक्त सिमडेगा के दिशा-निर्देश पर आयोजित इस दरबार में अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र ने सभी आवेदनों को गंभीरता से सुना और संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
जनता दरबार में उठे विभिन्न मुद्दे
जनता दरबार में इस बार सबसे अधिक आवेदन जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ दिलाने, अबुआ आवास योजना में नाम जुड़वाने और पारिवारिक/आश्रित प्रमाण पत्र निर्गत करने से संबंधित रहे। इसके अलावा नागरिकों ने अवैध शराब निर्माण और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की।
कुछ ग्रामीणों ने आंगनवाड़ी सेविका चयन में शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। वहीं अन्य आवेदनों में जमीन की लगान रसीद जारी करने, पुल निर्माण कराने, धुमकुड़िया भवन निर्माण की राशि भुगतान और गुमशुदा व्यक्ति की खोज जैसी समस्याएं शामिल रहीं।
प्रशासन ने दिए स्पष्ट निर्देश
अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र ने उपस्थित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता दरबार में प्राप्त सभी 17 आवेदनों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और आवेदकों को निर्धारित समय सीमा में समाधान की जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि जनता दरबार का उद्देश्य केवल आवेदन लेना नहीं, बल्कि नागरिकों की समस्याओं का ठोस समाधान सुनिश्चित करना है।
अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र ने कहा: “जनता दरबार प्रशासन और आम नागरिकों के बीच विश्वास की कड़ी है। हर शिकायत पर निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई हमारी प्राथमिकता है।”
नागरिकों ने जताया संतोष
दरबार में उपस्थित ग्रामीणों और शहरी नागरिकों ने प्रशासन की इस पहल की सराहना की। उनका कहना था कि नियमित रूप से जनता दरबार का आयोजन होने से उनकी बातें सीधे अधिकारियों तक पहुंचती हैं और समाधान की उम्मीद बनी रहती है। कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि जनता दरबार का आयोजन प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय में भी किया जाए ताकि दूरदराज के लोग आसानी से अपनी समस्याएं रख सकें।
योजनाओं के लाभ पर जोर
अपर समाहर्ता ने संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि जिन योजनाओं के लाभार्थियों के आवेदन लंबित हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए। विशेषकर अबुआ आवास योजना, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना और दो दुधारू गाय योजना से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और तत्परता बनाए रखी जाए।
ज्ञानेन्द्र ने कहा: “प्रशासन की प्राथमिकता है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित न रहे। समयबद्ध समाधान हमारी जिम्मेदारी है।”

न्यूज़ देखो: जनता की आवाज़ प्रशासन तक
सिमडेगा प्रशासन का यह कदम स्थानीय शासन में पारदर्शिता और नागरिक भागीदारी का प्रतीक है। जनता दरबार जैसे कार्यक्रम प्रशासन को जमीनी स्तर की समस्याओं से अवगत कराते हैं और जनता के विश्वास को मजबूत करते हैं। ऐसे आयोजनों से न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ती है, बल्कि नागरिकों को भी समाधान का भरोसा मिलता है।
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जनता दरबार केवल शिकायत दर्ज करने का मंच नहीं, बल्कि नागरिक सहभागिता का प्रतीक है। अगर हम सभी अपनी बात ईमानदारी से रखें और प्रशासन को सहयोग दें, तो जिले की विकास प्रक्रिया और तेज़ हो सकती है।
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