
दिलीप तिर्की बने राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के स्टेट को-कनवेनर
#सिमडेगा #कांग्रेस_संगठन : सिमडेगा के कांग्रेसी नेता दिलीप तिर्की को राजीव गांधी पंचायती राज संगठन में स्टेट को-कनवेनर नियुक्त किए जाने से क्षेत्र में उत्साह का माहौल — संगठन ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया।
- राजीव गांधी पंचायती राज संगठन (आरजीपीआरएस) में स्टेट लेवल की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी।
- दिलीप तिर्की को स्टेट को-कनवेनर नियुक्त किए जाने पर क्षेत्रीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी।
- संगठन की स्थापना 2007 में सोनिया गांधी द्वारा की गई थी।
- तिर्की बोले— पार्टी की विचारधारा को ग्रासरूट स्तर पर मजबूत करेंगे।
- सुनित शर्मा, स्टेट चेयरपर्सन, ने तिर्की पर जताया भरोसा।
- नौ दिवसीय कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी के बाद मिला यह सम्मान और पद।
सिमडेगा जिले के लिए यह राजनीतिक उपलब्धि महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कांग्रेस की ओर से राजीव गांधी पंचायती राज संगठन में सिमडेगा के नेता दिलीप तिर्की को स्टेट को-कनवेनर की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह पद न केवल संगठनात्मक मजबूती को दर्शाता है, बल्कि यह बताता है कि तिर्की की कार्यकुशलता और राजनीतिक समझ को पार्टी नेतृत्व ने विशेष महत्व दिया है। 2007 में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी द्वारा स्थापित इस संगठन का मुख्य उद्देश्य गांवों तक पार्टी की पकड़ को मजबूत करना और स्थानीय स्तर पर नेतृत्व तैयार करना है। इसी दिशा में तिर्की की नई भूमिका को बेहद अहम माना जा रहा है।
आरजीपीआरएस में पद पाने का महत्व
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन कांग्रेस पार्टी के भीतर एक अत्यंत रणनीतिक इकाई है। इसे ऐसा मंच माना जाता है जहां गांव, पंचायत और ब्लॉक स्तर तक संगठन की धारा को मजबूत किया जाता है।
इस संगठन में स्टेट को-कनवेनर का पद मिलना अपने आप में एक कीमती उपलब्धि है।
यह पद सीधे प्रदेश नेतृत्व और राष्ट्रीय नेतृत्व से जुड़ा होता है, जहां संगठनात्मक योजनाओं का क्रियान्वयन और नए नेतृत्व का निर्माण मुख्य उद्देश्य होता है।
सोनिया गांधी से जुड़ी जिम्मेदारियां
यह संगठन स्वयं सोनिया गांधी की पहल पर खड़ा हुआ था।
उन्होंने इसे 2007 में शुरू करते हुए स्थानीय लोकतंत्र को मजबूत करने और गांव-गांव में पार्टी की जड़ें फैलाने का लक्ष्य रखा था।
आज भी इस संगठन की प्रमुख गतिविधियों पर सोनिया गांधी की सीधी पकड़ मानी जाती है।
इसी कड़ी में दिलीप तिर्की को दी गई यह जिम्मेदारी पार्टी के भरोसे को दर्शाती है।
दिलीप तिर्की की प्रतिक्रिया
दिलीप तिर्की ने अपनी नियुक्ति पर पार्टी नेतृत्व के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
उन्होंने कहा:
दिलीप तिर्की ने कहा: “सोनिया गांधी जी ने जो विश्वास मुझ पर जताया है, उसके लिए मैं हृदय से आभारी हूँ। ग्रामीण स्तर पर लोगों को संगठन से जोड़कर पार्टी की विचारधारा को मजबूत करना मेरा पहला लक्ष्य होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि स्टेट चेयरपर्सन सुनीत शर्मा द्वारा सौंपे गए दायित्व को वह पूरी निष्ठा और तत्परता से निभाएँगे।
मीनाक्षी नटराजन का उदाहरण
कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर की प्रमुख नेता मीनाक्षी नटराजन भी इसी संगठन से आगे बढ़कर राष्ट्रीय पहचान तक पहुँची हैं।
दिलीप तिर्की ने उम्मीद जताई कि उन्हें मीनाक्षी नटराजन का आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिलता रहेगा, जिससे झारखंड में संगठन और अधिक मजबूत हो सकेगा।
कार्यशाला से उभरकर मिला सम्मान
हाल ही में आयोजित नौ दिवसीय कार्यशाला में दिलीप तिर्की की सक्रिय भागीदारी को संगठन ने सराहा था।
इसी प्रदर्शन के आधार पर उन्हें यह पद एक प्रकार के पुरस्कार के रूप में सौंपा गया है।
आदिवासी कांग्रेस में रहते हुए तिर्की लगातार संगठन को मजबूत करने की दिशा में अहम भूमिका निभाते रहे हैं, जिसका लाभ उन्हें अब बड़े पद के रूप में मिला है।
न्यूज़ देखो: सिमडेगा का कद बढ़ाने वाली नियुक्ति
इस नियुक्ति से साफ होता है कि झारखंड के छोटे जिलों से भी नेतृत्व उभर रहा है और पार्टी उसकी योग्यता को सही मंच दे रही है।
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन जैसे रणनीतिक महत्व वाले विंग में इस तरह की जिम्मेदारी मिलना सिमडेगा के लिए भी गर्व की बात है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि तिर्की इस नए पद पर ग्रामीण राजनीति को किस तरह नई दिशा देते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
नए नेतृत्व का स्वागत—संगठन में नई ऊर्जा का संचार
दिलीप तिर्की की नियुक्ति न केवल सिमडेगा बल्कि पूरे झारखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा की मिसाल है।
नेतृत्व तब मजबूत होता है जब संगठन जमीनी कार्यकर्ताओं को पहचान देकर उन्हें बड़े पदों पर आगे बढ़ाता है।
यह अवसर बताता है कि मेहनत, ईमानदारी और निरंतर योगदान से राजनीति में नई राहें खुल सकती हैं।
यदि ऐसे नेता ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की आवाज को अधिक मजबूती से सामने रखते हैं, तो लोकतंत्र और भी सशक्त होता है।
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