
#सिमडेगा #श्रद्धांजलिसभा : दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सम्मान में झामुमो नेताओं व ग्रामीणों ने आयोजित की शोक सभा
- झामुमो जिला सचिव सफीक खान और जिला उपाध्यक्ष अनिल तिर्की ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया।
- सभा ग्राम सियादोहर, प्रखंड टी.टांगर, सिमडेगा में संपन्न हुई।
- शिबू सोरेन को झारखंड आंदोलन का महानायक और अभिभावक बताया गया।
- नेताओं ने उनके योगदान को अपूरणीय क्षति करार दिया।
- सभा में गांव के लोग और कई झामुमो पदाधिकारी शामिल हुए।
सिमडेगा के ग्राम सियादोहर, प्रखंड टी.टांगर में रविवार को झारखंड के महानायक और झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन की याद में शोक सभा का आयोजन किया गया। इस श्रद्धांजलि सभा का नेतृत्व झामुमो जिला सचिव सफीक खान और जिला उपाध्यक्ष अनिल तिर्की ने किया।
सभा में बोलते हुए सफीक खान ने कहा कि गुरुजी हम सभी के अभिभावक और आदर्श थे। उनका जाना न सिर्फ झामुमो परिवार बल्कि पूरे झारखंडवासियों के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि गुरुजी का जीवन संघर्ष और सेवा का प्रतीक था, जो हमेशा हमें प्रेरणा देता रहेगा।
सफीक खान ने कहा: “गुरूजी हम सभी के अभिभावक, हमारे आदर्श, परम आदरणीय दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी हम सभी को छोड़कर चले गए। उनका जाना समस्त झारखंडवासियों के लिए अपूरणीय क्षति है।”
वहीं, जिला उपाध्यक्ष अनिल तिर्की ने कहा कि गुरुजी झारखंड के अग्रणी योद्धा रहे, जिन्होंने आखिरी सांस तक झारखंड की पहचान और अधिकार के लिए संघर्ष किया। उनका योगदान सदैव याद किया जाएगा और वे हमारे हृदय में हमेशा जीवित रहेंगे।
अनिल तिर्की ने कहा: “गुरुजी आखिरी दम तक झारखंड के लिए लड़ते रहे। वह हमारे दिलों में हमेशा रहेंगे और उनकी आत्मा को ईश्वर अपने पास स्थान दें।”
श्रद्धांजलि सभा में झामुमो जिला उपाध्यक्ष ऑस्कर डांग, नगर अध्यक्ष अनस आलम सहित कई स्थानीय नेता और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। सभा में सभी ने मौन रखकर दिशोम गुरु को नमन किया और उनके सपनों के झारखंड को साकार करने का संकल्प दोहराया।
न्यूज़ देखो: झारखंड की आत्मा को प्रणाम
शिबू सोरेन का जीवन झारखंड की अस्मिता, अधिकार और संघर्ष की जीवंत मिसाल है। सिमडेगा की इस श्रद्धांजलि सभा ने न सिर्फ उनके योगदान को याद किया बल्कि यह संदेश भी दिया कि उनके सपनों का झारखंड गढ़ने की जिम्मेदारी हम सभी की है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
झारखंड की विरासत को संजोना हमारा कर्तव्य
शिबू सोरेन जैसे महापुरुषों की स्मृतियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। आइए, हम सभी उनके दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लें और इस समाचार को अपने दोस्तों, परिवार और सामाजिक समूहों में साझा करें, ताकि उनकी प्रेरणा और विचार अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके।