
#ओखरगढ़ा #नवरात्र : समाजसेवी मौ नेसार ने भक्तिमय वातावरण में किया विभिन्न पूजा पंडालों का भ्रमण
- समाजसेवी मौ नेसार ने नवरात्र अवसर पर क्षेत्र के कई पंडालों का दौरा किया।
- चटनिया, गटियरवा और जोगनी सहित विभिन्न जगहों के पंडालों में पहुंचे।
- उनके साथ प्रमोद चौधरी, संजय चौधरी, अमरेश जी, अशोक मेहता मौजूद रहे।
- भगवान बाली कुशवाहा, चंदन मेहता, राहुल मेहता भी शामिल हुए।
- स्थानीय लोगों ने समाजसेवी के आगमन पर आभार जताया।
नवरात्र के पावन अवसर पर ओखरगढ़ा क्षेत्र में धार्मिक आस्था और उल्लास का माहौल देखने को मिला। इसी क्रम में समाजसेवी मौ नेसार ने अपने क्षेत्र के चटनिया, गटियरवा और जोगनी समेत कई पूजा पंडालों का भ्रमण किया। उनके साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी उपस्थित थे और श्रद्धालु पूरे जोश और भक्ति भाव से माँ दुर्गा के दर्शन कर रहे थे।
समाजसेवी मौ नेसार का पंडाल भ्रमण
मौ नेसार ने नवरात्र महोत्सव को समाज को एकजुट करने वाला पर्व बताया। पंडालों में जाकर उन्होंने श्रद्धालुओं से मुलाकात की और उनके साथ त्योहार की शुभकामनाएँ साझा कीं। पूजा स्थलों पर पहुँचकर उन्होंने माता रानी से क्षेत्र में सुख-शांति और खुशहाली की प्रार्थना की।
प्रमुख लोग रहे साथ
इस मौके पर उनके साथ कई प्रमुख लोग मौजूद रहे जिनमें प्रमोद चौधरी, संजय चौधरी, अमरेश जी, अशोक मेहता, भगवान बाली कुशवाहा, चंदन मेहता, राहुल मेहता, राजू चौधरी, अमरेश उरांव, योगेश्वर उरांव और अखिलेश चौधरी का नाम शामिल है। इन सभी ने पंडालों के आयोजकों और श्रद्धालुओं से मिलकर धार्मिक माहौल को और भी उत्साहपूर्ण बना दिया।

धार्मिक आस्था का संगम
पूजा पंडालों में माँ दुर्गा के जयकारे गूंजते रहे और श्रद्धालु भक्ति भाव से माता रानी के दर्शन कर रहे थे। समाजसेवी के आगमन पर स्थानीय लोगों ने इसे सामुदायिक एकजुटता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे मौके पर सभी वर्गों के लोग एक साथ आते हैं और यह भाईचारे और सामाजिक समरसता को मजबूत करता है।

न्यूज़ देखो: नवरात्र पर सामाजिक एकजुटता का संदेश
इस आयोजन ने स्पष्ट किया कि नवरात्र जैसे पर्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक समरसता के प्रतीक भी हैं। मौ नेसार और अन्य लोगों का पंडाल भ्रमण क्षेत्र में भाईचारे और सकारात्मक माहौल का संदेश देता है। प्रशासन और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि ऐसे आयोजनों में सहयोग देकर इसे और व्यापक बनाया जाए।
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एकता और आस्था से जुड़े
नवरात्र सिर्फ धार्मिक पर्व नहीं बल्कि समाज को जोड़ने वाला अवसर भी है। जब समाजसेवी और आम लोग मिलकर इस उत्सव में भाग लेते हैं तो यह संदेश जाता है कि हमारी आस्था हमें एक-दूसरे के करीब लाती है। अब समय है कि हम सभी ऐसे आयोजनों को सिर्फ धार्मिक न मानकर सामाजिक दृष्टिकोण से भी देखें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और अपने मित्रों को भी बताएं ताकि समाज में एकता और आस्था का यह संदेश और दूर तक पहुँचे।