
#सिमडेगा #शिक्षा_संवाद : यूसी जामपानी में विशेष अभिभावक शिक्षक बैठक में शिक्षा सुधार पर व्यापक चर्चा हुई।
सिमडेगा जिले के ठेठईटांगर प्रखंड स्थित यूसी जामपानी में सोमवार को विशेष अभिभावक शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का उद्घाटन शिक्षा विभाग के अधिकारियों और विद्यालय प्रबंधन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में शिक्षा की गुणवत्ता, बच्चों की उपस्थिति और अनुशासन पर जोर दिया गया। इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों को सम्मानित किया गया।
- यूसी जामपानी ठेठईटांगर में विशेष पीटीएम का आयोजन।
- अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी गायत्री साहु ने रखे शिक्षा सुधार के उद्देश्य।
- झामुमो जिलाध्यक्ष अनिल कंडुलना ने छात्रों को दिया प्रेरक संदेश।
- शिक्षक, छात्र और अभिभावक किए गए सम्मानित।
- छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समां बांधा।
- बसंत तिर्की ने किया मंच संचालन।
सिमडेगा जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत ठेठईटांगर प्रखंड के यूसी जामपानी में विशेष अभिभावक शिक्षक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य बच्चों की शैक्षणिक प्रगति की समीक्षा करना, विद्यालय में नियमित उपस्थिति बढ़ाना और अभिभावकों व शिक्षकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना रहा। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग, विद्यालय प्रबंधन, जनप्रतिनिधि और अभिभावक बड़ी संख्या में शामिल हुए।
दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का उद्घाटन अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी गायत्री साहु, बीपीओ प्रमिला बड़ाइक, अभिनंदन कुमार और विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सिस्टर कोर्नेलिया डुंगडुंग ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन सत्र में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने को लेकर गंभीर चर्चा की गई।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधार पर जोर
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी गायत्री साहु ने कहा:
“सरकार द्वारा पीटीएम सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है, जिसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी, शिक्षाकर्मी और अभिभावकों को सम्मानित किया जा रहा है। विशेष अभिभावक शिक्षक बैठक का मुख्य उद्देश्य बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार, उपस्थिति बढ़ाना और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना है। इसके लिए अभिभावक, शिक्षक, जनप्रतिनिधि और शिक्षा से जुड़े सभी लोगों को आपसी तालमेल से कार्य करना होगा।”
उन्होंने कहा कि शिक्षा के हर पहलू पर गंभीर मंथन जरूरी है, तभी बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव हो सकेगा।
मुख्य अतिथि का प्रेरक संबोधन
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित झामुमो जिला अध्यक्ष अनिल कंडुलना ने शिक्षा विभाग की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा:
“मंजिल उन्हीं को मिलती है जो अपने पैरों पर खड़े होते हैं। शिक्षा विभाग ने विशेष बैठक आयोजित कर शिक्षा की बेहतरी के लिए सही कदम उठाया है, जिसका लाभ निश्चित रूप से सभी को मिलेगा।”
छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए लगन, कठिन परिश्रम और अनुशासन बेहद जरूरी है। उन्होंने बच्चों को नियमित पढ़ाई और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया।
सम्मान समारोह में बढ़ा मनोबल
कार्यक्रम के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। वहीं छात्राओं को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। इसके साथ ही बच्चों के अभिभावकों, शिक्षक-शिक्षिकाओं और जनप्रतिनिधियों को भी शॉल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह ने सभी प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन
बैठक के दौरान विद्यालय की छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसने पूरे माहौल को जीवंत और प्रेरणादायक बना दिया। बच्चों की प्रस्तुति को उपस्थित अतिथियों और अभिभावकों ने खूब सराहा।
सफल आयोजन में सहयोगियों की भूमिका
कार्यक्रम का मंच संचालन बसंत तिर्की ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सिस्टर शीला ने प्रस्तुत किया। आयोजन को सफल बनाने में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सिस्टर कोर्नेलिया डुंगडुंग, सभी सिस्टर, शिक्षक-शिक्षिकाएं और झामुमो जिला कोषाध्यक्ष राजेश टोप्पो की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
न्यूज़ देखो: शिक्षा संवाद से मजबूत होगा भविष्य
यूसी जामपानी में आयोजित यह विशेष पीटीएम शिक्षा सुधार की दिशा में सार्थक पहल साबित हुई। अभिभावक, शिक्षक और जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से शिक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिल सकती है। अब आवश्यकता है कि इस संवाद को निरंतरता दी जाए और इसका प्रभाव बच्चों की प्रगति में दिखे। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा ही आत्मनिर्भरता की कुंजी
जब बच्चे आत्मविश्वास और अनुशासन के साथ आगे बढ़ते हैं, तभी समाज सशक्त बनता है। ऐसे आयोजनों से शिक्षा को सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में देखने की सोच विकसित होती है।





