
#लातेहार #पेयजल_संकट : बरवाडीह प्रखंड के पोखरी खुर्द और पोखरी कलां में सोलर जलमीनार बंद होने से ग्रामीणों को पानी की भारी परेशानी
- पोखरी खुर्द गांव के अंबेडकर टोला में अमेरिका राम के घर के पास सोलर जलमीनार कई दिनों से खराब।
- पोखरी कलां गांव में उमेश मांझी के घर के पास स्थित जलमीनार भी बंद होने से ग्रामीणों को पेयजल संकट।
- ग्रामीण गर्मी और त्योहार के मौसम में दूर-दराज़ के हैंडपंपों से पानी लाने को मजबूर।
- सांसद प्रतिनिधि दीपक राज ने विभाग को शीघ्र मरम्मत के निर्देश दिए।
- 15वें वित्त आयोग से स्थापित जलमीनार की मरम्मत के लिए पंचायत मुखिया को अपने फंड से तत्काल कार्रवाई करने का आदेश।
बरवाडीह प्रखंड के पोखरी खुर्द और पोखरी कलां में सोलर जलमीनार खराब होने से ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। पोखरी खुर्द के अंबेडकर टोला में अमेरिका राम के घर के पास और पोखरी कलां में उमेश मांझी के घर के पास स्थापित जलमीनार बंद होने के कारण स्थानीय लोगों को पानी के लिए दूर-दराज़ तक जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी और त्योहार के मौसम में पानी की किल्लत और बढ़ गई है।
ग्रामीणों की परेशानियाँ और पेयजल संकट
ग्रामीणों ने बताया कि पानी की कमी के कारण उन्हें हैंडपंपों और अन्य जल स्रोतों तक लंबा सफर करना पड़ता है। बुजुर्ग और महिलाएँ विशेष रूप से इस समस्या से जूझ रही हैं।
सांसद प्रतिनिधि दीपक राज ने कहा: “खराब चापानल की सूचना मिलने के बाद संबंधित विभाग को शीघ्र मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही पंचायत मुखिया को 15वें वित्त आयोग से स्थापित जलमीनार की मरम्मत के लिए अपने फंड का उपयोग कर इसे जल्द दुरुस्त करने का आदेश दिया गया है।”
ग्रामीणों ने प्रशासन और पेयजल विभाग से अनुरोध किया है कि चापानल और जलमीनार को जल्द चालू किया जाए, ताकि उन्हें स्वच्छ पेयजल की सुविधा पुनः प्राप्त हो सके।
प्रशासन और विभाग की भूमिका
सांसद प्रतिनिधि के निर्देशों के बाद संबंधित विभाग जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू करने वाला है। पंचायत मुखिया को भी अपने फंड का उपयोग कर जलमीनार दुरुस्त करने की आवश्यकता है। यह कदम ग्रामीणों के लिए राहत भरा साबित हो सकता है और आने वाले समय में पेयजल संकट कम कर सकता है।

न्यूज़ देखो: पोखरी खुर्द और पोखरी कलां में जलमीनार बंद होने से ग्रामीणों को भारी पेयजल संकट
यह घटना दर्शाती है कि ग्रामीण इलाकों में पेयजल की निर्भरता स्थानीय जलमीनारों और चापानलों पर है। समय पर मरम्मत और प्रशासनिक सतर्कता न होने से ग्रामीणों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ता है। विभागीय कार्रवाई और पंचायत स्तर की तत्परता आवश्यक है।
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प्रेरक समापन और ग्रामीणों के लिए सक्रियता
ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। स्थानीय अधिकारियों और पंचायतों को शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ग्रामीणों की परेशानियों का निवारण हो सके। आप भी इस मुद्दे पर जागरूक रहें, अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और प्रशासन से शीघ्र सुधार की मांग फैलाएँ। समय रहते कार्रवाई करने से ही लोगों की जीवन-स्तर में सुधार संभव है।